पुरानी कारों का बाजार भारत में तेजी से बढ़ रहा

( 3941 बार पढ़ी गयी)
Published on : 12 Sep, 19 10:09

पुरानी कारों का बाजार भारत में तेजी से बढ़ रहा

डिजिटल तरीके से पुरानी कारों की खरीद-बेच की सुविधा उपलब्ध होने की वजह से इस बाजार में तेजी आ रही है। पुरानी कार खरीदने के पीछे सबसे बड़ी सोच ब्रांड और सुरक्षा होती है। युवा पुरानी कार खरीदते हैं और पंसद नहीं आने पर कुछ महीने चलाने के बाद उसे बेच देते हैं।
युवाओं में पुरानी कारों के प्रति बढ़ते लगाव के कारण इसके बाजार में तेजी आ रही है। वर्ष 2023 तक देश में 66 लाख पुरानी कारों के साथ 25 अरब डालर का बाजार होने का अनुमान है।क्लासीफाइड एवं पुराने वाहनों के खरीद-बेच फ्लेटफार्म ओएनएक्स के आटो नोट अध्ययन के तीसरे संस्करण में यह दावा किया गया है। वर्तमान में पुरानी कारों के बाजार का आकार नई कारों के बाजार के मुकाबले 1.3 गुना अधिक है और इसके वर्ष 2023 तक बढ़कर 25 अरब डालर होने का अनुमान है। युवाओं विशेषकर 22 से लेकर 37 वर्ष आयु वर्ग के बीच पुरानी कारों को लेकर लगाव बढ़ रहा है।अध्ययन में कहा गया है कि वर्तमान में पुरानी कारों का बाजार 14 अरब डालर अनुमानित है और वर्ष 2023 तक इसके बढ़कर 25 अरब डालर तक बढ़ने का अनुमान है। आने वाले समय में इसका आकार नई कारों के बाजार की तुलना में 1.4 गुणा बढ़ने की संभावना है और वर्ष 2020 तक यह आंकड़ा 50 लाख कारें और वर्ष 2023 तक 66 लाख कारें होने का अनुमान है। 


साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.