गरीबों के हित में गंभीर होकर कार्य करें अधिकारी - आयोग अध्यक्ष

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Published on : 08 Sep, 19 08:09

राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की संभागीय समीक्षा बैठक

गरीबों के हित में गंभीर होकर कार्य करें अधिकारी - आयोग अध्यक्ष

उदयपुर, सरकार द्वारा जरूरतमंद एवं गरीब तबके के कल्याण व उत्थान के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं लागू की हैं, इन योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के साथ ही उपलब्ध मशीनरी का उपयोग करते हुए अधिकारियों को इनके हित में गंभीर होकर कार्य करने की आवश्यकता है।
यह बात राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष नन्दकुमार सांई ने शनिवार को उदयपुर जिला परिषद सभागार में आयोजित संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक में की।
इस अवसर पर आयोग सदस्य हर्षदभाई चुन्नीलाल वसावा, हरिकृष्ण डामोर व श्रीमती माया चिंतामन इवनाते तथा आयोग के संयुक्त सचिव एस.के.राठो ने उदयपुर प्रवास के तहत किये गये उदयपुर-डूंगरपुर दौरे के दौरान आमजन से प्राप्त परिवेदनाओं के संबंध में विभागवार समीक्षा कर इनके त्वरित निस्तारण के निर्देश दिए।
बैठक में संभागीय आयुक्त विकास सीतारामजी भाले, पुलिस महानिरीक्षक बिनिता ठाकुर, उदयपुर जिला कलक्टर श्रीमती आनन्दी, बांसवाड़ा जिला कलक्टर आशीष गुप्ता, चित्तौड़गढ़ जिला कलक्टर शिवांगी स्वर्णकार, डूंगरपुर जिला कलक्टर चेतन देवड़ा, प्रतापगढ़ जिला कलक्टर श्यामसिंह राजपुरोहित, उदयपुर पुलिस अधीक्षक कैलाश चन्द्र विश्नोई, डूंगरपुर एसपी गौरव यादव, जिला परिषद सीईओ कमर चौधरी, टीएडी के अतिरिक्त आयुक्त रामजीवन मीणा व श्रीमती अंजलि राजोरिया, अतिरिक्त संभागीय आयुक्त एल.एन.मंत्री, अतिरिक्त जिला कलक्टर संजय कुमार व नरेश बुनकर सहित संभाग के विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। आरंभ में आयोग अध्यक्ष, सदस्य व संयुक्त सचिव का प्रशासनिक व विभागीय अधिकारियों ने पगड़ी पहना, उपरणा ओढ़ाकर व पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया।
आधार कार्ड निर्माण:
बैठक में आयोग के संयुक्त सचिव राठो ने जनजाति क्षेत्र में 78-80 प्रतिशत जनजातिजनों के आधार कार्ड ही होने के तथ्य को उजागर किया व इस संबंध में जानकारी चाही। इस पर उदयपुर कलक्टर श्रीमती आनंदी ने बताया कि जिले में आधार मशीनों की कमी के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। उन्होंने मशीनों की कमी को पूरा करने के लिए यूडीएआई दिल्ली से किए गए सम्पर्क व प्रयासों की जानकारी देते हुए कहा कि जिले से आधार कार्ड मशीनों के 148 आवेदन लंबित हैं। उन्होंने हर पंचायत पर एक मशीन की आवश्यकता भी जताई। इस पर आयोग अध्यक्ष सांई ने तेलंगाना की भांति राजस्थान व अन्य प्रदेशों में भी ऐसी स्थिति की संभावना जताई व इसके समाधान के लिए संबंधित अधिकारियों के साथ आयोग की बैठक करने का निर्णय लिया।
वनाधिकार प्रकरण निस्तारण:
बैठक में आयोग द्वारा जनजाति उपयोजना क्षेत्र में वनाधिकार दिए जाने की समीक्षा की गई। उन्होंने वनाधिकार में सामुदायिक व व्यक्तिगत आवेदन तथा उनके निरस्त होने के प्रतिशत के बारे में जिलावार जानकारी ली। आयोग अध्यक्ष ने इस मामले में समस्त जिला कलक्टर्स को निर्देश दिए कि वे ऐसे प्रकरणों की गंभीरता से मॉनिटरिंग करें तथा पात्र लोगों को वनाधिकार प्रदान करें। इस दौरान उन्होंने वनाधिकार प्रदान किये जाने के मामलों में फिल्ड में आ रही परेशानियों के बारे में भी पूछा तथा इसके समाधान के निर्देश दिए।
नरेगा श्रमिकों को रसीद व प्रमाण पत्र दें:
आयोग अध्यक्ष सांई ने नरेगा में 100 दिन कार्य करने वाले श्रमिकों को श्रमिक कार्ड निर्माण के लिए अपेक्षित प्रमाण पत्र नहीं दिए जाने की परिवेदना बताई और इसे जारी करने के निर्देश दिए। इसी प्रकार उन्होंने नरेगा में कार्य का आवेदन करने वालों को रसीद देने की व्यवस्था के लिए भी कलक्टर्स को कहा। उदयपुर जिला परिषद सीईओ कमर चौधरी ने जिले में प्रपत्र 6 की प्राप्ति और रसीद के लिए की गई व्यवस्था को बताया। आयोग सदस्यों ने इस दौरान श्रमिक कार्ड निर्माण की प्रगति की जानकारी ली।
कुएं गहरे कराने की योजना शुरू हो:
बैठक में आयोग के संयुक्त सचिव ने क्षेत्रीय भ्रमण के दौरान जनजाति क्षेत्र में सिंचाई सुविधाओं के लिए आ राही समस्याओं के बारे में जानकारी ली। डूंगरपुर कलक्टर देवड़ा ने कुएं गहरे कराने की योजना को पुनः प्रारंभ करने की आवश्यकता जताई। आयोग सदस्यों ने कृषि कनेक्शनों के लम्बित प्रकरणों की समीक्षा करते हुए इनको निस्तारित करने के निर्देश दिए।
स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा:
आयोग अध्यक्ष ने संभाग में चिकित्सा सेवाओं की समीक्षा करते हुए चिकित्साधिकारियों के रिक्त पदों की जानकारी ली और सुदूर क्षेत्रों में इसके लिए बेहतर व्यवस्थाएं कराने के निर्देश दिए। उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारू बनाने स्थानीय स्तर पर आशा सहयोगिनियों की भर्ती करने को भी कहा।
अधिकाधिक प्रयास जरूरी:
आयोग अध्यक्ष ने भ्रमण के दौरान क्षेत्र में बिजली व शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति को संतोषप्रद बताया और कहा कि इस दिशा में अधिकाधिक प्रयास किए जाने चाहिए। इस दौरान आयोग सदस्य डामोर ने विद्यालयों एवं छात्रावासों में कमियों के बारे में बताया और विभागीय अधिकारियों को सतर्क रहकर मॉनिटरिंग करने की आवश्यकता जताई।
पुलिस तंत्र सुदृढ बनें
आयोग अध्यक्ष एवं सदस्यों ने भ्रमण के दौरान मिली शिकायतों के आधार पर पुलिस तंत्र को सुदृढ़ बनाने के निर्देश दिए। आयोग अध्यक्ष ने कहा कि प्रत्येक थाना स्तर पर प्राथमिकी रिपोर्ट दर्ज करने के साथ ही संबंधित प्रकरण पर शीघ्र कार्यवाही कर आमजन को न्याय दिलाना पुलिस की प्राथमिकता है।
15 दिनों में आयोग को रिपोर्ट प्रस्तुत करें
आयोग अध्यक्ष ने जिलेवार विभागीय कार्यों की समीक्षा करते हुए विभिन्न जिलों से प्राप्त परिवेदनाओं की फाइलें भी संबंधित जिला कलक्टर को सुपुर्द की और प्राप्त परिवेदनाओं एवं प्रकरणों के संबध में आवश्यक कार्यवाही करते हुए 15 दिन में इसकी रिपोर्ट आयोग को प्रस्तुत करने को कहा।
बैंक अधिकारियों के साथ की बैठक:
संभागीय बैठक उपरांत आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों ने बैंक अधिकारियों के साथ बैठक की तथा वित्तीय समावेशन सहित जनजाति कल्याण से संबंधित अन्य विषयों पर विस्तार से चर्चा कर निर्देश दिए। 


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