नारायण सेवा संस्थान की ओर से दिव्यांग विवाह समारोह 7-8 सितंबर को

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Published on : 06 Sep, 19 04:09

- 52 जोड़े बनेंगे एक-दूसरे के हमसफर

नारायण सेवा संस्थान की ओर से दिव्यांग विवाह समारोह 7-8 सितंबर को

उदयपुर। दिव्यांगों के लिए कार्यरत धर्मार्थ संगठन नारायण सेवा संस्थान द्वारा 7-8 सितंबर को उदयपुर के स्मार्ट विलेज में दिव्यांगों के लिए एक सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया जा रहा है। सामूहिक विवाह समारोह के दौरान 52 जोड़े एक-दूसरे के जीवनसाथी बनेंगे। पिछले 19 वर्षों में, नारायण सेवा संस्थान ने दिव्यांग और अभावग्रस्त जोड़ों के लिए 32 सामूहिक विवाह समारोहों को सफलतापूर्वक आयोजित किया है। इन समारोहों के माध्यम से 1500 से अधिक जोड़े विवाह के बंधन में बंध चुके हैं।
नारायण सेवा संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि मुख्य पुजारी के मार्गदर्शन में 52 पुजारी और 52 वेदपाठी इन जोड़ों के विवाह की रस्में पूरी करवाएंगे। सजाए गए मंडप में देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले सहयोगी, मेहमान और संस्थान के लोग शामिल होंगे। समारोह में बाराती के रूप में शामिल होते हुए कीथ एंड ङ्क्षकस अपनी डांस परफॉर्मेंस भी देंगे। रविवार 8 सितंंबर प्रात: 10 बजे तोरण और वरमाला की रस्म अदा की जायेगी। दुल्हन और दूल्हे के साथ-साथ उनके परिवार के सदस्य, साधक और संबंधित अतिथि इस अवसर के साक्षी बनेंगे।
प्रशांत अग्रवाल ने कहा कि एक इंसान के रूप में, इस परंपरा ने हमें यह विश्वास दिलाने में मदद की है कि विवाह जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। 19 साल से, पिता पद्मश्री कैलाश अग्रवाल और मैं भव्य समारोहों की मेजबानी करते आ रहे हैं।  पूरे भारत में 32 सामूहिक विवाह समारोह आयोजित करने के बाद भी हमारी इच्छा अधिक से अधिक जोड़ों को विवाह के पवित्र बंधन में बांधने की है। जीवन के किसी भी स्तर पर खुद को किसी भी तरह से वंचित महसूस कर रहें शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों के लिए संस्थान सभी सुविधाओं वाला एक स्मार्ट विलेज है। संस्थान ने पिछले 30 वर्षों में 3.5 लाख से अधिक रोगियों का ऑपरेशन किया है और मुफ्त में सर्वोत्तम चिकित्सा सेवाओं, दवाओं और प्रौद्योगिकी का लाभ देते हुए उन्हें पूर्ण सामाजिक-आॢथक सहायता प्रदान की है। संस्थान में 1100 बिस्तरों वाले अस्पताल की सुविधा है, जहां न केवल विभिन्न शारीरिक विकलांगों का इलाज होता है बल्कि उन्हें सामाजिक और आॢथक पुनर्वास भी प्रदान किया जाता है। लियों का गुड़ा बड़ी स्थित स्मार्ट विलेज में रोजाना हजारों मरीजों की सेवा की जाती है। आने वाले रोगियों के भौतिक, सामाजिक और आॢथक पुनर्वास के लिए कोई कैश काउंटर या पेमेंट गेटवे नहीं है, सभी सुविधाएं निशुल्क हैं।


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