दुश्मनी को मैत्री में बदलने का पर्व खमत खामणा : संजय मुनि

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Published on : 05 Sep, 19 06:09

महाप्रज्ञ विहार में हुई खमतखामणा, विशेष प्रवचन

दुश्मनी को मैत्री में बदलने का पर्व खमत खामणा : संजय मुनि

उदयपुर। महाप्रज्ञ विहार में बुधवार को विशेष व्याख्यान में मुनि संजय कुमार ने कहा कि ये पर्व ऐसा है जिसमें आदान प्रदान, लेन देन वस्तु या पैसे का नहीं होता। एक दूसरे के साथ किये हुए गलत व्यवहार, मनमुटाव, दुश्मनी में बदले व्यवहार को मैत्री में बदलने का पर्व है। राष्ट्र, सम्प्रदाय, परिवार, भाई आदि में आई वैर भाव की दीवार को मिटाने का उपाय है। इससे अमन, चेन, शांति का बन्द द्वार खुल जाता है। बाइबिल में यीशु संदेश देते हैं कि ईश्वर उसे भी माफ कर देना। रमजान में मुस्लिम गले मिलकर दुश्मनी डोर करते हैं। किसी से वैर नहीं, भाई चारे के संदेश कुरान में दिया गया है। सनातन वैदिक परंपरा में श्रीमद भगवदगीता में सदभावना का संदेश दिया गया है। सब मिलाकर मैत्री, सदभाव, भाई चारा, खमतखामणा वैर भाव को दूर करने का उपाय है।

मुनि प्रकाश कुमार ने 12 महीने में, किसी सम्प्रदाय विशेष, राजनीतिक, व्यापारिक वर्ग से दुश्मनी के भाव, कटु व्यवहार हुआ हो, सबसे छोटे से बड़े क्षमा मांगते हैं। धैर्य मुनि, प्रसन्न मुनि आदि ने सभी से खमत खामणा की।

प्रसन्न मुनि ने क्षमा को महतपस्या बताया। उन्होंने कहा कि गलती को हर व्यक्ति स्वीकार नहीं कर सकता। साहसिक व्यक्ति ही यह कदम उठाता है। अहंकार को छोड़े बिना गलती सबके सामने कहना कठिन है। इसलिए इसे तपस्या कहा गया है। रावण मर गया लेकिन राम के आगे झुका नहीं। गलती नहीं मानी। राष्ट्र के भी टकराने के एकमात्र कारण है कि गलती नहीं स्वीकारना। भाई भाई में, संप्रदायों में भी अहंकार का टकराव होता है। इन सभी का समाधान खमत खामणा है।

सभाध्यक्ष सूर्य प्रकाश मेहता, उपाध्यक्ष अर्जुन खोखावत व कमल नाहटा, मंत्री प्रकाश सुराणा, महिला मंडल वर्तमान व पुर्व अध्यक्ष सुमन डागलिया व लक्ष्मी कोठारी, युवक परिषद वर्तमान व पुर्व अध्यक्ष अभिषेक पोखरणा व विनोद चंडालिया, प्रोफ़ेशनल फोरम अध्यक्ष चन्द्रेश बापना, अणुव्रत समिति मंत्री निर्मल कुणावत, निर्माण समिति संयोजक लक्ष्मणसिंह कर्नावाट, ज्ञानशाला से कान्ता सिन्घवी ने क्षमा याचना पर्व पर विचार प्रकट किये ।

 


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