नियंतण्र मंदी की आशंकाओं के बीच पीली धातु यानी सोने की चमक इस महीने कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है। क्योंकि निवेशकों के लिए यह सुरक्षित और पसंदीदा निवेश का सबसे बेहतर विकल्प बन गया है। सोना इस महीने की शुरुआत में ही पैलेडियम से सबसे महंगी धातु का ताज छिनकर अपने सिर सजा चुका है। ऐसे में त्योहारी सीजन में भारत में सोना 40,000 रपए प्रति 10 ग्राम के पार चला जाए तो इसमें कोई आश्र्चय नहीं होगा।अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना फिर 1530 डालर प्रति औंस के पार चला गया है जबकि कभी सबसे महंगी धातु रही पैलेडियम का भाव टूटकर 1,412.50 डालर प्रति औंस पर आ गया। बाजार के विशेषज्ञों की मानें तो अमेरिका व चीन के बीच ट्रेड वार से नियंतण्र मंदी की आहट के बीच निवेशकों का रुझान महंगी धातुओं के प्रति बढ़ा है। खासतौर से सोना उनके लिए निवेश का सबसे सुरक्षित उपकरण बना गया है जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने और चांदी में जबरदस्त तेजी देखी जा रही है जिससे भारत में भी सोने और चांदी में उछाल आया है।इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स संघ के नेशनल सेक्रेटरी सुरेंद्र मेहता ने कहा कि वर्ष 2000 में भारत में सोने का भाव 4250 रपए प्रति 10 ग्राम था और इस समय 38,000 रपए प्रति 10 ग्राम से ऊंचे स्तर पर चला गया है।