प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ मिल कर अर्थव्यवस्था की विस्तृत समीक्षा की। दोनों के बीच यह समीक्षा बैठक ऐसे समय हुई है जबकि सरकार को अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में तेजी से फैल रही नरमी का सामना करना पड़ रहा है। इससे निवेशकों की सम्पत्ति का क्षरण हो रहा है और बेरोजगारी का संकट बढ़ रहा है। माना जा रहा है कि आर्थिक सुस्ती दूर करने के लिए सरकार खपत बढ़ाने के जल्द उपाय करेगी।सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री ने 73वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से संबोधन के बाद अर्थव्यवस्था की ताजा स्थिति पर वित्त मंत्री के साथ यह विचार मंथन किया। इसमें वित्त मंत्रालय के सभी वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे। सूत्रों ने कहा कि यह बैठक में वर्तमान आर्थिक नरमी की प्रकृति तथा इसके दीर्घकालिक प्रभावों पर विचार किया गया गया। इस समय यह उम्मीद लगाई जा रही है कि सरकार जल्दी ही अर्थव्यवस्था के कुछ क्षेत्रों के लिए कुछ खास प्रोत्साहन-उपाय घोषित कर सकती है। इस बैठक के बारे में जानकारी के लिए वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता को भेजे गए ई-मेल का जवाब नहीं आया। गौरतलब है कि 2018-19 में आर्थिक वृद्धि घट कर 6.8 फीसद पर आ गई थी। यह 2014-15 के बाद की न्यूनतम दर है। इस समय उपभोक्ताओं के विास का स्तर गिर रहा है और विदेशी निवेश भी एक ऊंचाई पर पहुंच कर ठहर गया है।