साप्ताहिक समीक्षा बैठक में कलक्टर की अधिकारियों को हिदायत

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Published on : 06 Aug, 19 06:08

निरीक्षण व्यवस्था से सुधारें विभाग का सिस्टम

साप्ताहिक समीक्षा बैठक में कलक्टर की अधिकारियों को हिदायत

उदयपुर, जिला कलक्टर श्रीमती आनंदी ने कहा है कि आधारभूत साधन-सुविधाओं से जुड़ी सरकारी संस्थाओं के अन्य विभागीय अधिकारियों के माध्यम से निरीक्षण के लिए जिला प्रशासन द्वारा प्रारंभ की गई नई व्यवस्था विभाग के ही हित में है। इससे संबंधित विभाग को अस्पताल, स्कूल, आंगनवाड़ी केन्द्र, राशन दुकान आदि के बारे में फिडबैक मिलता है और उनके पास सैकड़ों शिकायतों के स्थान पर चुनिंदा शिकायतें या कमजोरियां प्राप्त होती है, यदि विभागीय अधिकारी आधारभूत सुविधाओं से संबद्ध इन्हीं चुनिंदा शिकायतों या फीडबैक पर फोकस करें तो विभाग का संपूर्ण सिस्टम सुधारने में मदद मिलेगी। 
कलक्टर श्रीमती आनंदी सोमवार को विभागीय साप्ताहिक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए विभागीय अधिकारियों को संबोधित कर रही थीं। बैठक में एडीएम (सिटी) संजय कुमार, जिला परिषद सीईओ कमर चौधरी सहित समस्त संबंधित विभागीय अधिकारी मौजूद रहे। 
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य: 112 प्रकरणों की समीक्षा
समीक्षा बैठक में कलक्टर ने निरीक्षण दौरान प्राप्त फीडबैक के आधार पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से संबंधित 112 प्रकरणों पर सीएमएचओ से की गई कार्यवाही की जानकारी ली। उन्होंने विभागीय एएनएम द्वारा हेल्थ चैकअप व ग्रोथ चार्ट का संधारण नहीं करने, अस्पतालों में दवाईयों की अनुपलब्धता, जांच व संस्थागत प्रसव नहीं होने, मशीनों का उपयोग नहीं करने, कार्मिकों की मुख्यालय पर गैर मौजूदगी, डाक्टर द्वारा सरकारी दवाघरों के स्थान पर प्राईवेट केमिस्ट की दवाईयां लिखने जैसे प्रकरणों पर की गई कार्यवाही की जानकारी ली तो पाया कि विभाग द्वारा संबंधितों को पाबंद किया गया। इस स्थिति पर कलक्टर ने नाराजगी जताई और कहा कि ऐसा अब बर्दाश्त नहीं होगा। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों को अधिकारी गंभीरता से लें तथा दोषी के विरूद्ध सख्त कार्यवाही करें। 
शिक्षा विभाग: 180 प्रकरणों की समीक्षा
बैठक में शिक्षा विभाग के तहत विद्यालयों में मिड-डे-मिल का वितरण नहीं होने, खाद्यान्न की अनुपलब्धता, स्टॉक में अधिक खाद्यान्न पाए जाने, आईरन फॉलिक एसिड व डिवर्मिंग की गोलियों के वितरण नहीं होने, शिक्षकों के अनुपस्थित रहने, शैक्षिक गुणवत्ता के न्यून स्तर तथा भवन निर्माण कार्यों की जांच नहीं किए जाने संबंधित विविध 180 प्रकरणों पर की गई कार्यवाही के बारे में जानकारी ली तथा इनके बारे में संबंधितों को नोटिस जारी करने व । कलक्टर ने खाद्यान्न की अनुपलब्धता के प्रकरण पर रसद अधिकारी के स्तर पर जांच करवाने के निर्देश दिए। 
महिला एवं बाल विकास विभाग: 131 प्रकरणों की समीक्षा 
प्रशासनिक व विभागीय अधिकारियों के निरीक्षण में महिला एवं बाल विकास विभाग की विविध 131 आंगनवाड़ी केन्द्रों के निरीक्षणों में पाए गए फीडबैक में त्रैमासिक रिपोर्ट के संधारण के अभाव, आंगनवाड़ी केन्द्र की छतों के टपकने की स्थिति, बंद पाए गए आंगनवाड़ी केन्द्र, अनुपस्थित कार्यकर्त्ता, पोषाहार व नाश्ते के अभाव की स्थिति पर कलक्टर ने की गई कार्यवाही के बारे में जानकारी ली तथा निर्देश दिए कि पाई गई कमियों पर विभागीय अधिकारी स्वयं निरीक्षण कर कार्यवाही करें। 
खराब पोस मशीनें 15 से पहले ठीक कराने के निर्देश: 
निरीक्षण रिपोर्ट में जिले में कई राशन दुकानों पर पोस मशीनों के खराब होने की स्थिति पर कलक्टर ने निर्देश दिए कि विभागीय मुख्यालय के निर्देशों के अनुरूप राशन डीलर 15 अगस्त से पूर्व खराब पोस मशीनों को दुरस्त करावें तथा उपभोक्ता पखवाड़े में राशन का वितरण सुनिश्चित करें। 
टपकती छतें दुरस्त करावें: 
कलक्टर ने स्कूलों, सब सेंटर और आंगनवाड़ी केन्द्रों की टपकती छतों की स्थितियों पर विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि संबंधित उपखण्ड अधिकारियों व विकास अधिकारियों से संपर्क करते हुए स्थानीय स्तर पर इन छतों को दुरस्त कराने की कार्यवाही सुनिश्चित की जावें। 
अन्य विभागों को भी दिए निर्देश: 
बैठक में एवीवीएनएल को सौभाग्य योजना के तहत पात्र लोगों को विद्युत कनेक्शन जल्द उपलब्ध कराने व रात्रि चौपाल में दिए गए निर्देशों की पालना कराने, लोक निर्माण विभाग को क्षतिग्रस्त सड़कों को दुरस्त कराने, पीएचईडी को हेंडपंपों का वैधन कार्य पूर्ण कराने, उच्च शिक्षा विभाग में बकाया छात्रवृत्ति के प्रकरणों को निस्तारित करने, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को पेंशनर्स के भौतिक सत्यापन पूर्ण कराने सहित स्टार मार्क व राजस्थान संपर्क पोर्टल पर पंजीकृत प्रकरणों के त्वरित निस्तारण करने के निर्देश प्रदान किए गए। समस्त विभागों को कहा गया कि लंबित प्रकरणों को पूरी गंभीरता से लें तथा इन पर विशेष फोकस करते हुए आम जनता को राहत दें। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे प्रकरण दोबारा प्राप्त न हो इसका भी खयाल रखें। 


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