प्रेमचन्द मानवता के पक्षधर रचनाकार हैं - डॉ. प्रेम रावलोत

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Published on : 01 Aug, 19 05:08

प्रेमचन्द मानवता के पक्षधर रचनाकार हैं - डॉ. प्रेम रावलोत

उदयपुर / प्रेमचन्द ने अपने साहित्य के माध्यम से मानव मूल्यों की स्थापना की है। आपका साहित्य सदैव मनुष्यता के पक्ष में खड़ा रहा है। यह विचार भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय के भूपाल नोबल्स स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय के हिन्दी विभाग द्वारा आयोजित मुंशी प्रेमचन्द जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्राचार्य डॉ. प्रेम सिंह रावलोत ने दिये। उन्होंने कहा कि प्रेमचन्द मानवता के पक्षधर रचनाकार हैं।
इस अवसर पर विद्यार्थियों ने प्रेमचन्द  के व्यक्तित्व एवं कृतित्व के संबंध में पत्रवाचन एवं विचार अभिव्यक्त किये। रेणु खटीक ने प्रेमचन्द के व्यक्तित्व का परिचय दिया, दीपाली ने प्रेमचन्द के कहानी साहित्य पर अपने विचार अभिव्यक्त किये। इसके साथ ही सलोनी, मोनिका वैरागी, आशा डांगी, खुशबू डांगी दीपिका भट्ट आदि ने प्रेमचन्द से संबंधित विचारों को पत्रवाचन के माध्यम से व्यक्त किया। हिन्दी विभाग के सहायक आचार्य डॉ. हुसैनी बोहरा ने कहा कि प्रेमचन्द ने हिन्दी कथा साहित्य को एक नई दिशा प्रदान की तथा कथा में आम आदमी की पीड़ा को अत्यंत संवेदनात्मक रूप में अभिव्यक्त किया।


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