उदयपुर। सामाजिक कार्यान्वयन संगठन अंबुजा सीमेंट फाउंडेशन (एसीएफ) और वैश्विक खनन कंपनी हिंदुस्तान जिंक लि. ने रैैपुरा दरीबा माइन में कौशल विकास केंद्र का उद्घाटन किया। इस साझेदारी का उद्देश्य करीब 3,000 बेरोजगार युवाओं को असिस्टेंट इलेक्ट्रिशियन, घरेलूू डेटा एंट्री ऑपरेटर, सेल्स एसोसिएट, निहत्थे सुरक्षा गार्ड और माइक्रो फाइनेंस एग्जिक्यूटिव जैसे कुशल ट्रेड्स में प्रशिक्षण प्रदान करना है, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें प्लेसमेंट के अधिकतम अवसर उपलब्ध होंगे।
हिंदुस्तान जिंक 35 साल से भी अधिक समय सेे दरीबा में परिचालन कर रही है औैर देखा है कि इस इलाके में रहने वाले युवा अकुशल हैं जिससे उनके पास रोजगार के बहुत कम विकल्प होते हैं। कार्यान्वयन साझेदार अंबुजा सीमेंट फाउंडेशन ने आसपास के क्षेत्रों में ऐसे ट्रेड्स के बारे में पता लगाने के लिए मूल्यांकन किया जिसके लिए कुशल श्रमिकों की जरूरत होती है। इसके बाद इलाके में बेेरोजगार युवाओं के लिए दो केंद्रों के माध्यम से समुचित प्रशिक्षण मॉड्यूल की योजना तैयार की। इस कार्यक्रम के तहत् न केवल अनुभवी पेशेवरों द्वारा युवाओं को गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, बल्कि प्रशिक्षित क्षेत्रों में उन्हें उनके निवास स्थान पर ही रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराएगा। इसके अलावा, एसीएफ नियोजित उम्मीदवारों को काम पर बनाए रखने की निगरानी भी करेगा और इस सफर में उनकी मदद करेगा।
अंबुजा सीमेंट फाउंडेशन की निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुश्री पर्ल तिवारी ने कहा कि कौशल प्रशिक्षण में एक दशक से अधिक के अनुभव के साथ अंबुजा सीमेंट फाउंडेशन हिंदुस्तान जिंक लि. के साथ 5-साल की साझेदारी के लिए तत्पर है, जहां हम साथ मिलकर दरीबा के युवाओं को कुशल रोजगार पाने में सक्षम बनाने के लिए रोजगार पूर्व और उसके बाद गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। हमारा मकसद आजीविका को मजबूती प्रदान करना और ग्रामीण समुदायों को खुशहाल भविष्य के लिए सशक्त बनाना है।
सुश्री तिवारी ने कहा कि अंबुजा सीमेंट फाउंडेशन में हम साझेदारी और हितधारक के सहयोग की ताकत का उपयोग करने में विश्वास करतेे हैं, जिसके माध्यम से हम अपने राष्ट्र की चुनौतियों से प्रभावी तरीके से निपट सकते हैं। हिंदुस्तान जिंक के साथ यह हमारी पहली साझेदारी है और उनके साथ और ज्यादा सफल पहल विकसित करने की उम्मीद करते हैं। परिचालन के पहले साल कम से कम 220 युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है और उसके बाद के वर्षों में हर साल करीब 700 युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। दोनों संगठन इस लक्ष्य को लेकर प्रतिबद्ध हैं और रोजगार के स्थायी अवसर भी प्रदान करेंगे।