’जीभ के कैंसर का ब्रेकीथेरेपी द्वारा सफल इलाज‘

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Published on : 30 Jul, 19 05:07

गीतांजली के रेडिएशन ऑन्कोलोजिस्ट के सही प्रयास से नहीं काटनी पडी रोगी की जीभ  

’जीभ के कैंसर का ब्रेकीथेरेपी द्वारा सफल इलाज‘

 गीतांजली मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल के रेडिएशन ऑन्कोलोजिस्ट डॉ रमेश पुरोहित ने झालावाड निवासी राधेष्याम (उम्र ३५ वर्श) के जीभ में कैंसर का ब्रेकीथेरेपी द्वारा इलाज कर स्वस्थ किया। गत जनवरी २०१९ में रोगी को जीभ पर छाले की परेशानी हुई थी। खाना न खा पाने एवं बोलने में परेषानी के चलते रोगी ने स्थानीय हॉस्पिटल में परामर्ष लिया। बायोप्सी की जांच में कैंसर की पुश्टि हुई। चूंकि कैंसर का निदान एवं इलाज लेने में रोगी ने काफी वक्त निकाल दिया था इसलिए आधी से ज्यादा जीभ पर कैंसर फैल चुका था। रोगी कई हॉस्पिटल में परामर्ष के बाद निराष हो कर अंततः गीतांजली कैंसर सेंटर आया जहां रेडिएषन ऑन्कोलोजिस्ट डॉ रमेष पुरोहित से परामर्ष लिया। सामान्यतः जीभ पर कैंसर का इलाज सर्जरी द्वारा किया जाता है परंतु इस रोगी में कैंसर फैल चुका था इसलिए रेडियोथेरेपी के साथ ब्रेकीथेरेपी द्वारा इलाज करने का निर्णय लिया गया। अत्याधुनिक रेडियोथेरेपी तकनीक ’’आईजीआरटी‘‘ से रोगी का इलाज किया गया। तत्पष्चात् हर रोज १ घंटें की ब्रेकीथेरेपी से जीभ के कैंसर का इलाज किया गया। इस कारण रोगी दूसरे ही दिन से खाने-पीने एवं बोलने में सक्षम हो गया। और सातवें दिन उसे हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी गई। रोगी अब पूर्णतः स्वस्थ है। एवं उसका इलाज राजस्थान सरकार की भामाषाह स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत निःषुल्क किया गया। इस प्रक्रिया में डॉ रमेष के साथ रेडिएषन ऑन्कोलोजिस्ट डॉ मेनाल भंडारी व डॉ किरण चिगुरुपल्ली एवं एनेस्थेटिस्ट डॉ नवीन पाटीदार ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस प्रक्रिया द्वारा इलाज से रोगी के जीभ के नितकार्य जैसे बातचीत एवं खाना/पानी निगलने के कार्यों को बचाया गया। इसके अतिरिक्त इलाज के बाद रोगी के चेहरे पर कोई भी निषान न होने से इस प्रक्रिया द्वारा इलाज के कॉस्मेटिक फायदे भी षामिल है।

क्या होती है ब्रेकीथेरेपी?

डॉ रमेष पुरोहित ने बताया कि ब्रेकीथेरेपी एक प्रकार की रेडिएषन थेरेपी है जिसका उपयोग कैंसर कोषिकाओं को मारने एवं ट्यूमर को कम करने के लिए किया जाता है। इस प्रक्रिया में रोगी को पूर्णतः बेहोष किया जाता है और कैथेटर इम्प्लांट कर कैंसर सेल्स को नश्ट करने की डोज दी जाती है। इससे कम समय में हाई डोज की मदद से कैंसर के ट्यूमर को खत्म किया जाता है।

गीतांजली मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल के सीईओ प्रतीम तम्बोली ने कहा कि, ’गीतांजली कैंसर सेंटर में एक ही छत के नीचे मेडिकल, सर्जिकल एवं रेडिएषन ऑन्कोलोजिस्ट की विषाल एवं अनुभवी टीम मौजूद है। देष के कुछ चुनिंदा सेंटरों पर ही जीभ के कैंसर के लिए ब्रेकीथेरेपी की सुविधा उपलब्ध है जिसमें उदयपुर के गीतांजली कैंसर सेंटर का भी नाम षामिल है।‘  


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