नई दिल्ली । भारतीय रिजर्व बैंक की अगले महीने पेश होने वाली मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों को अपरिवर्तित रखे जाने की संभावना है। इसकी अहम वजह देश में वृद्धि की रफ्तार का धीमा पड़ना है।डन एंड ब्रैडस्ट्रीट के अनुसार मानसून का खाद्यान्न की कीमतों पर प्रभाव का पता लगना अभी बाकी है। अगले महीने के अंत तक यह स्पष्ट हो जाएगा। हालांकि, मांग में नरमी के चलते कुल मिलाकर मुद्रास्फीति के नियंतण्रमें रहने की संभावना है। डन एंड ब्रैडस्ट्रीट इंडिया के मुख्य अर्थशास्त्री अरुण सिंह ने कहा कि पिछले साल से नियंतण्र और घरेलू स्तर पर वृद्धि की रफ्तार कमजोर पड़ रही है, कारोबारी भरोसे का स्तर कई सालों के निचले स्तर पर पहुंच गया है और इससे वृद्धि में फिर सुधार को लेकर चिंताएं बढ़ी हैं।सिंह ने कहा, ‘‘बाजार में नकदी के प्रबंधन के लिए कई पहलों के साथ नीतिगत दरों में 0.75 प्रतिशत की कटौती की गई है।