ऐथलीट चैंपियन बनीं हिमा दास

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Published on : 22 Jul, 19 09:07

ऐथलीट चैंपियन  बनीं हिमा दास

ऐथलेटिक्स में लगातार गोल्ड हासिल करके इतिहास रच रहीं हिमा दास का नाम आज सभी की जुबान पर चढा हुआ है। एक महीने के भीतर उन्होंने 5 गोल्ड मेडल जीते हैं। हिमा की कहनी भी काफी दिलचस्प है। 18 साल की हिमा असम के छोटे से गांव ढिंग की रहने वाली हैं और इसीलिए उन्हें ‘ढिंग एक्सप्रेस’ के नाम से भी जानते हैं। 18 साल की हिमा ने दो साल पहले ही रेसिंग ट्रैक पर कदम रखा है। वह एक गरीब किसान परिवार से ताल्लुक रखती हैं।

अपने परिवार के संघर्षों को याद करना नहीं भूलतीं हिमा

हिमा के पिता असम के नौगांव जिले के ढिंग गांव में रहते हैं। पिता रंजीत दास के पास मात्र दो बीघा जमीन है। इसी जमीन पर खेती करके वह परिवार के सदस्यों की आजीविका चलाते हैं। हिमा किसी भी जीत के समय अपने परिवार के संघर्षों को याद करती हैं और उनकी आंखों से आंसू छलक उठते हैं।

हिमा लड़कों के साथ अपने पिता के खेत में फुटबॉल खेला करती थीं। जवाहर नवोदय विद्यालय के पीटी टीचर ने उन्हे रेसर बनने की सलाह दी। पैसों की कमी की वजह से उनके पास अच्छे जूते भी नहीं थे। स्थानीय कोच निपुन दास की सलाह मानकर जब उन्होंने जिला स्तर की 100 और 200 मीटर की स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीता तो कोच भी हैरान रह गए। निपुन दास हिमा को लेकर गुवाहाटी आ गए।

सस्ते जूते पहनकर दौड़ लगाई

हिमा दास ने जिला स्तर की स्पर्धा में सस्ते जूते पहनकर दौड़ लगाई और गोल्ड मेडल हासिल किया। यह देखकर निपुन दास हैरान रह गए। उनकी गति अद्भुत थी। निपुन दास ने उनको धावक बनाने की ठान ली और गुवाहाटी लेकर गए। कोच ने उनका खर्च भी वहन किया। शुरू में उन्हें 200 मीटर की रेस के लिए तैयार किया गया। बाद में वह 400 मीटर की रेस में भी लगाने लगीं।

हिमा ने दो जुलाई को यूरोप में, सात जुलाई को कुंटो ऐथलेटिक्स मीट में, 13 जुलाई को चेक गणराज्य में और 17 जुलाई को टाबोर ग्रां प्री में अलग-अलग स्पर्धाओं में स्वर्ण जीता। कॉमनवेल्थ गेम्स में हिमा ने वर्ल्ड ऐथलेटिक्स चैंपियनशिप ट्रैक कॉम्पिटिशन में हिस्सा लिया और जीत दर्ज की। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया के कॉमनवेल्थ गेम्स में भी वह शामिल हुईं लेकिन छठे स्थान पर रहीं। हिमा बैंकॉक में एशियाई यूथ चैंपियनशिप में शामिल हुई थीं और 200 मीटर रेस में सातवें स्थान पर रही थीं।

वर्ल्ड ऐथलेटिक्स चैंपियनशिप ट्रैक

हिमा पहली ऐसी भारतीय महिला बन गई हैं जिसने वर्ल्ड ऐथलेटिक्स चैंपियनशिप ट्रैक में गोल्ड मेडल जीता है। हिमा ने 400 मीटर की रेस 51.46 सेकंड में खत्म करके यह रेकॉर्ड अपने नाम किया। हिमा की सफलताओं को देखते हुए प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ने भी ट्वीट करके उन्हें बधाई दी। इसके अलावा सचिन तेंदुलकर ने कहा कि तुम्हारी जीत की भूख युवाओं के लिए प्रेरणा है।


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