गांधी और उनके संदेश सम्पूर्ण विश्व को नई दिशा दे रहे हैं

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Published on : 18 Jul, 19 05:07

डॉ. प्रभात कुमार सिंघल

गांधी और उनके संदेश सम्पूर्ण विश्व को नई दिशा दे रहे हैं

कोटा |  गांधी जी एवं उनके संदेश आज भी भारत ही नहीं सम्पूर्ण विश्व को नई दिशा दे रहे हैं। युवा पीढी को उनके आदर्शों को समझने के लिए साहित्य का अध्ययन करना चाहिये। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती वर्ष के उपलक्ष में आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रमों के समापन पर आज महात्मा गांधी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय रामपुरा में राष्ट्रभाषा विषय पर  आयोजित संगोष्ठी में यह विचार मुख्य अतिथि अति.कलेक्टर वासुदेव मालावत ने व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि

 राष्ट्रभाषा के प्रतीक गांधीजी का योगदान अतुलनीय हैं। देश में जहां बारह कोस पर बोलियां बदल जाती हैं ऐसे में गांधीजी ने राष्ट्रभाषा के रूप में हिंदी तथा क्षेत्रीय भाषाओं को बढावा देकर देश को एक सूत्र में बांधने का काम किया। उन्होंने कहा कि जिस देश का इतिहास, संस्कृति एवं भाषा उत्कृष्ट एवं समृद्धशाली हो वह निश्चित रूप से आगे बढता है। 
          समिति संयोजक पंकज मेहता ने कहा कि हम भाग्यशाली हैं कि गांधीजी के आदर्शों पर चलकर 150 वीं जयंती मना रहे हैं। उनके संदेश आज भी प्रासंगिक हैं। इनके प्रचार प्रसार की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री की सोच है कि आमजन तक गांधीजी का संदेश पहुंचे जिससे देश में शांति, सौहार्द्र व विकास का वातावरण बना रहे। उन्होंने कहा कि हम सभी लोग प्रयास करें कि गांधीजी का सत्य, अहिंसा का दर्शन युवा पीढी आत्मसात कर हिंसा के खिलाफ वातावरण बना है।
        संगोष्ठि में मुख्य वक्ता के रूप में प्रो. हुकमचंद जैन ने गांधीजी द्वारा स्वतंत्रता आन्दोलन में दिये गये योगदान का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य एवं राष्ट्रभाषा केे रूप में बनाये गये वातावरण पर विस्तार से प्रकाश डाला। डॉ. शशिप्रकाश चौधरी ने गांधीजी द्वारा पत्र व्यवहार, दैनिक जीवन में देवनागरी लिपि व हिंदी का प्रयोग तथा स्वतंत्रता के समय समाचार पत्रों के द्वारा राष्ट्रभाषा के लिए किये गये प्रयासों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि गांधीजी ने स्वतंत्रता के समय भारत में भाषायी गुलामी की आजादी की बात कही थी जो आज भी प्रासंगिक है। डॉ. यशवंत कुमार ने गांधीजी द्वारा देश की एकता, अखण्डता के लिए राष्ट्रभाषा के माध्यम से तात्कालिक समय में विभिन्न राज्यों में किये गये प्रयासों के बारे में विस्तार से बताया। 
       इस अवसर पर आयोजन समिति के नोडल अधिकारी एवं एसीईओ जिला परिषद प्रतिभा देवठिया, महात्मागांधी जयंती समारोह समिति करौली के संयोजक प्रेमसिंह माली एवं कोटा समिति के सहसंयोजक संदीप दिवाकर, कॉलेज शिक्षा के सहायक निदेशक के.एम. गेवेन्द्रा, गांधीवादी नरेश विजयवर्गीय सहित प्रबुद्ध नागरिक एवं बडी संख्या में युवा वर्ग ने भाग लिया। इससे पूर्व अतिथियों द्वारा गांधीजी के चित्र पर दीप प्रज्वलन एवं माल्यार्पण कर संगोष्ठी का शुभारंभ किया। संगोष्ठी में आये गये गणमान्य नागरिकों का धन्यवाद उपनिदेशक हरिओम सिंह गुर्जर ने किया तथा संचालन रेणु श्रीवास्तव द्वारा किया गया। 

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