लोकसभा चुनाव 2019 में हुई भीषण पराजय के बाद कभी अरमानों और सपनों के सहारे सत्ता पर सवार होने वाली आम आदमी पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव के लिए खुद को संवारने और संभालने में लग गई है। दिल्ली की सभी लोकसभा सीटों पर पराजय झेलने के बाद टीम केजरीवाल फिर से पांच साल राज करने के लिए सियासी तैयारी में जुट गई है। वैसे तो दिल्ली में विधानसभा चुनाव अगले साल है लेकिन इस वक्त को महीने के हिसाब से उंगलियों पर गिना जा सकता है। किसी भी सरकार के लिए सत्ता में वापसी की कुंजी होती है उसका शासन और इस दौरान किए गए कार्य। जिसके सहारे वह फिर से सत्ता में वापसी की उम्मीद करता है। उसी उम्मीद और भरोसे के आसरे दिल्ली की सत्ता पर काबिज अरविंद केजरीवाल सरकार ने विधानसभा चुनाव से ठीक छह महीने पहले अपने मंत्रीमंडल में मामूली मगर अहम फेरबदल किए हैं। मामूली इसलिए क्योंकि एक ही बदलाव किया गया है।