चार घंटो में 3 बार समझाईश,फिर हुआ नेत्रदान 

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Published on : 15 Jul, 19 05:07

देर रात कोटा,फिर अल-सुबह इंद्रगढ़ से लिया नेत्रदान

चार घंटो में 3 बार समझाईश,फिर हुआ नेत्रदान 

8 दिन पहले गाय से टकराने के कारण सिर पर चोट लगने से हुई दुर्घटना पर,गुलाब बाड़ी रामपुरा निवासी 35 वर्षीय  लोकेश जैन का कल इलाज़ के उपरांत निधन हो गया । फ़िलहाल उनके निधन की सूचना को क़रीबी रिश्तेदारों तक ही सीमित रखा गया था,क्योंकि उनके बडे भाई संजय जैन ,मामा जी महेंद्र जैन व परिवार के लोग नहीं चाहते थे कि यह दुखः भरी लोकेश की पत्नि सीमा को लगे,जिसके साथ शादी को अभी बीते माह एक साल हुआ है,और अभी वह गर्भवती भी है। 

लोकेश जी के निधन की सूचना 8 बज़े,शाइन इंडिया के ज्योति-मित्र व जैन टेलर,रामपुरा के दिलीप जैन जी को भी लग गयी, जो कि पिछले काफ़ी सालों से शाइन इंडिया फाउंडेशन फाउंडेशन के साथ मिलकर काम कर रहे है । इन्होंने भी अपने स्तर पर बात कर, नेत्रदान करवाने का संदेश शोकाकुल परिवार तक पहुँचा दिया था। परंतु घर में हुए इस सदमें के कारण वहाँ बात नहीं बनी । एक घण्टे के बाद पुनः संस्था सदस्य उनके घर पहुंचे, वहाँ जाकर पता चला कि उनकी पत्नि को लोकेश जी की मृत्यु के बारे में कुछ नहीं पता है,इसलिए संस्था सदस्यों को उन्होंने वहाँ से चले जाने को कहा,इसके बाद टीम के लोगों को पता चला कि लोकेश जी का शव मैत्री हॉस्पिटल में रखा हुआ है,और वहीं पर कुछ क़रीबी रिश्तेदारों भी मौजूद है,इन सभी मे रात के 12 बज गये थे,संस्था सदस्य रामपुरा से तलवंडी मैत्री हॉस्पिटल आये,वहाँ लोकेश जी के भाई संजय, व मामा जी महेन्द्र जी मौजूद थे । उनको विस्तार से नेत्रदान की प्रक्रिया को समझाया गया तो सभी ने नेत्रदान पर सहमति दे दी,उसके बाद हॉस्पिटल स्टॉफ व परिवार के रिश्तेदारों के बीच,अस्पताल में ही नेत्रदान की पूरी प्रक्रिया की गई ।

 

समाज सेवी मिलनसार चौमुखी प्रतिभा के धनी भाई लोकेश जैन, ने अपनी अंतिम इच्छा में भी नेत्र दान की इच्छा जाहिर की थी, लोकेश हमेशा धार्मिक एवम सामाजिक सेवा में अपना योगदान दिया करते थे, जिसमे तिरंगा यात्रा मुख्यरूप से है ,छोटी समाध पर हमेशा अपनी सेवा देते रहे है .

 

 

घर आकर संस्था सदस्य,ठीक से सो भी नहीं पाए थे कि ठीक सुबह 4 बज़े इंद्रगढ़,बूँदी में महावीर जी जैन जी की पत्नि मंजू जैन जी 55 वर्षीय के निधन की सूचना संस्था सदस्यों को मिली,महावीर जी ने इच्छा जाहिर की,कि सभी परिवार वालों की इच्छा है कि इनके नेत्रदान हो सकें । थके हारे होने के बाद भी शाइन इंडिया की टीम के सदस्य टैक्सी से रवाना होकर डेढ़ घंटे में 90 किलोमीटर का सफर तय करके इंद्रगढ़ पहुँच गये । बूँदी शहर में आई बैंक सोसायटी के बीबीजे चैप्टर के संयोजक डॉ कुलवंत गौड़ ने बताया कि सोसायटी के साथ शाइन इंडिया का एमओयू साइन होने के बाद से बूँदी बाराँ और झालावाड़ में होने वाले प्रत्येक नेत्रदान को लिया जा सकेगा।  


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