उदयपुर। तेरापंथ धर्मसंघ के मुनि प्रसन्न कुमार ने कहा कि चातुर्मासिक सफलता के मापदंड होने चाहिए न कि आडंबर, दिखावा और प्रदर्शन। समाज को आपसी सामंजस्य, सौहार्द्र और प्रेम भाव से कार्य करना चाहिए। त्याग, वैराग्य, स्वाध्याय और ध्यान स्वयं करें और लाभ लें।
वे शुक्रवार को चातुर्मासिक मंगल प्रवेश के अवसर पर तेरापंथ भवन में आयोजित धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे। साथ ही उधर महाप्रज्ञ विहार में संजय मुनि और प्रकाश मुनि का भी मंगल प्रवेश हुआ।
प्रसन्न मुनि ने कहा कि इंदि्रर्यों की पापकारी प्रवृत्ति का संयम करें। बारिश में भरे जलाशयों को देखकर मन मचलता है लेकिन वहां खतरा होता है। बच्चों की उच्चरिखलता पर अनुशासन रखें। चातुर्मास का समय अध्यात्म और ध्यान का समय है। अच्छे कार्यों में अंतराय के भागी न बनें। संत दर्शन से नौ लाभ लिए जा सकते हैं। इससे पूर्व मुनि धैर्यकुमार ने गीतिका का संगान किया। महाप्रज्ञ विहार से ६ किमी विहार कर तेरापंथ भवन पहुंचे और धर्माराधना की प्रेरणा दी।
सभाध्यक्ष सूर्यप्रकाश मेहता ने कहा कि संतों का प्रवेश समाजजनों के लिए हमेशा मंगल ही रहता है। इस बार का चातुर्मास भी सफल रहेगा, ऐसी मेरी अपेक्षा है।
इससे पूर्व सूरजपोल से रैली के रूप में मुनिवृन्द को बिजौलिया हाउस स्थित तेरापंथ भवन लाया गया जहां मंगल प्रवेश हुआ। रैली में युवा और समाजजन श्वेत वेशभूषा और महिलाएं केसरिया साडी में शामिल हुए।
आरम्भ में महिला मंडल की महिलाओं ने मंगलाचरण किया। ज्ञानशाला संयोजक फतहलाल जैन, तेयुप अध्यक्ष अभिषेक पोखरना, महिला मंडल अध्यक्ष सुमन डागलिया आदि ने संतों का अभिनंदन किया। सभाध्यक्ष सूर्यप्रकाश मेहता ने महाप्रज्ञ विहार और तेरापंथ भवन में संतों-मुनि वृन्दो का परिचय दिया। पंकज भंडारी ने गीत प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन सभा मंत्री प्रकाश सुराणा ने किया। आभार अरुण चव्हाण ने व्यक्त किया।
सभाध्यक्ष मेहता ने बताया कि रविवार को आचार्य भिक्षु का जन्मदिवस और बोधि दिवस मनाया जाएगा। इस अवसर पर तेयुप का शपथ ग्रहण और सामूहिक जन्मदिवस आयोजन भी होगा।