नारायण सेवा से प्रभावित हुए कमलमुनि

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Published on : 11 Jul, 19 11:07

नारायण सेवा से प्रभावित हुए कमलमुनि

उदयपुर । जीवन में कर्म फल का बडा महत्व है। जैसा हम कार्य करेंगे, उसका वैसा ही परिणाम मिलेगा। यह बात राश्ट्रीय संत कमल मुनि ’कमलेष’ ने नारायण सेवा संस्थान के मानव मन्दिर में संस्थान के निःषुल्क सेवा प्रकल्पों का अवलोकन करने और विषेश योग्यजन के षल्य चिकित्सा षिविर का उद्घाटन करने के बाद आयोजित प्रवचन सभा में कहीं। उन्होंने कहा कि हम देवालयों में जरूर जाएं लेकिन यदि किसी दुखी व्यक्ति की सेवा करते हैं तो ईष्वर उससे ज्यादा प्रसन्न होते हैं। विकलांगता तन से हो जाएं तो कोई बात नहीं लेकिन मन ने नही होनी चाहिए। संस्थान संस्थापक पद्मश्री कैलाष ’मानव’ व अध्यक्ष प्रषांत अग्रवाल ने कमल मुनि व उनके संघ में षामिल घनष्याम मुनि व कौषल मुनि का स्वागत करते हुए उन्हें संस्थान की ३४ वर्शीय सेवा यात्रा की जानकारी दी। मुनि व उनके संघ ने देष के विभिन्न भागों से निःषुल्क ऑपरेषन के लिए आए पूर्व पोलियोग्रस्त बच्चों व उनके अभिभावकों से भी भेंट कर उनकी कुषलक्षेम भी पूछी। कार्यक्रम में तेजसिंह चौधरी ने भजन की प्रस्तुति दी तथा जैन समाज के वैद्य दिलखुष सेठ, सुरेष कावडया, दयालाल हरकावत, सम्पतराज चपलोत आदि ने भी विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर संस्थान के वरिश्ट साधक जगदीष आर्य, देवेन्द्र चौबीसा, रोहित तिवारी, अनिल आचार्य, कुलदीप सिंह षेखावत, गोविन्द कुमार सहित बडी संख्या में क्षेत्रवासी व जैन श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित थे। प्रवचन सभा का संचालन महिम जैन ने किया।


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