अब बूँदी,बाराँ,झालावाड़ में एक साल में घर घर जानेगा नेत्रदान

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Published on : 24 Jun, 19 10:06

हाड़ौती के अब अन्य तीन जिलों में बढ़ेगा,नेत्रदान-अंगदान

अब बूँदी,बाराँ,झालावाड़ में एक साल में घर घर जानेगा नेत्रदान

पूरे संभाग में नेत्रदान-अंगदान-देहदान की जागरूकता के लिये अनवरत, कर्तव्यनिष्ठ व समय के लिये सदैव पाबंद रहने वाली संस्था शाइन इंडिया फाउंडेशन के प्रयासों से आज संभाग भर में नेत्रदान की जागरूकता का प्रतिशत कई गुना बढ़ गया है । जागरूकता अभियान के कारण छटी कक्षा से लेकर उच्च शिक्षा प्राप्त सभी उम्र के बच्चें, घर के बढे-बूढ़े, माता-पिता , दादा-दादी व शिक्षित-अशिक्षित लोग सभी नेत्रदान-अंगदान-देहदान के बारे में अच्छे से जानने लगे हैं ।

संस्था के प्रयासों से संभाग से आठ वर्षों में 350 जोड़ी से अधिक नेत्रदान कोटा,बूँदी, बाराँ,झालावाड़, भवानीमंडी, रामगंजमंडी व झालरापाटन से प्राप्त हुए है । प्राप्त नेत्रों/कॉर्निया को लेने के तुरंत बाद कोल्ड चेन (4℃ तापमान पर ) के साथ जयपुर स्थित आई बैंक सोसायटी ऑफ राजस्थान,जयपुर में भेज दिया जाता है । जहाँ से इसके सफ़ल प्रत्यारोपण के लिये नेत्र शल्य चिकित्सकों को भेज दिया जाता है ।

शाइन इंडिया फाउंडेशन ने बीते दिनों में जयपुर स्थित आई बैंक सोसायटी ऑफ राजस्थान के साथ मिलकर कोटा के बाद हाड़ौती में नेत्रदान की जागरूकता व इन क्षेत्रों से नेत्र संग्रहण का कार्य करने हेतू एमओयू साइन किया है ।

एमओयू के अंतर्गत कोटा में अब पहले से काफ़ी अच्छी जागरूकता नेत्रदान के क्षेत्र में संस्था के प्रयासों से बीते 9 साल में हुई है। एक समय शुरुवात का वर्ष 2011 का था,जब साल भर प्रयास किया तो सिर्फ 2 जोड़ी नेत्रदान आये थे,और अब साल भर में 90 से 100 जोड़ी नेत्रदान शाइन इंडिया व अन्य संस्थाओं के सहयोग देने के कारण प्रतिवर्ष आ रहे है । इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है,संस्था के सदस्यों का नेत्रदान जागरूकता के लिये दिन-रात लगातार काम करते रहना । काम के प्रति संस्था सदस्यों के जूनून का अंदाज़ा इससे लगाया जा सकता है कि,पूरे संभाग से आज तक कोई भी केस ऐसा नहीं है,जिसमें संस्था सदस्यों के पास कॉल आया हो,और वह पहुँच नहीं पाये हो ।

इसी तरह संस्था सदस्यों ने कभी भी मौसम की प्रतिकूलता के चलते,या किसी भी तरह की विपरीत परिस्थितियों, तीज-त्योहारों में व घर, परिवार,रिश्तेदारों व समाज के किसी भी तरह के जरूरी कामों को भी छोड़कर, हमेशा पहली प्राथमिकता नेत्रदान के कार्य को दी है ।

संस्था सदस्यों का मानना है की, जब तक अपने लिये बड़ा लक्ष्य नहीं रखेंगे,तब तक काम होने वाला नहीं है, हम चाहते तो सिर्फ कोटा तक में अपना काम सीमित रख सकते थे,परंतु कोटा पहले से ही ,इस तरह के सामाजिक कार्यों में काफ़ी लेट है । कोटा भौगोलिक दृष्टि से बूँदी, बाराँ,व झालावाड़ के बीच स्थित है,इन जगहों के लिये कोटा से आवागमन का साधन भी काफ़ी उपयुक्त है,इसलिये संस्था सदस्यों ने यह निर्णय लिया कि,कोटा के साथ-साथ इन क्षेत्रों को विकसित किया जा सके,हालाँकि इसी विचार-धारा के साथ संस्था सदस्य काफ़ी समय से काम कर रहे है,यहाँ न सिर्फ जागरूकता कार्यशालाएं आयोजित हुई है,बल्कि यहाँ से नेत्रदान भी प्राप्त हुए है । आने वाले समय में इन क्षेत्रों में और अधिक तेज़ी से कार्य किया जायेगा, प्रथम चरण में बूँदी व उसके आसपास के क्षेत्र को विकसित किया जायेगा,बूँदी से अभी तक 11 जोड़ी नेत्रदान प्राप्त भी बीते 9 वर्षों में प्राप्त हो चुके हैं । 
इसी तरह झालावाड़-भवानीमंडी क्षेत्र से 25 जोड़ी नेत्रदान प्राप्त हो चुके हैं । इसी तरह से बाराँ क्षेत्र से भी अभी तक 6 जोड़ी नेत्रदान प्राप्त हुए है । आई बैंक सोसायटी ऑफ राजस्थान,जयपुर के साथ हुए इस करार के बाद से बूँदी बाराँ,झालावाड़ क्षेत्र में नेत्रदान अभियान को घर-घर पहुँचाने का प्रयास किया जायेगा । 
आई बैंक सोसायटी राजस्थान,जयपुर के सचिव श्री एल पी कोठारी जी ने इस एमओयू को शाइन इंडिया फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष डॉ कुलवंत गौड़ को सौंपा ।


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