रंग बिरंगें कार्यक्रमों के साथ ग्रीष्म कालीन शिविर का समापन हुआ

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Published on : 22 Jun, 19 06:06

रंग बिरंगें कार्यक्रमों के साथ ग्रीष्म कालीन शिविर का समापन हुआ

उदयपुर|  भारतीय लोक कला मण्डल में दिनांक १५ मई से २० जून तक आयोजित ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविर का समापन समारोह  विभिन्न रंगारंग कार्यक्रमों के साथ हुआ।

भारतीय लोक कला मण्डल के मानद सचिव दौलत सिंह पोरवाल ने बताया कि भारतीय लोक कला मण्डल, उदयपुर अपनी स्थापना से ही लोक कलाओं के प्रोत्साहन, प्रचार- प्रसार एवं प्रशिक्षण के उद्वेषय से वर्ष भर विभिन्न कार्यषालाओं का आयोजन करता रहता है इसी क्रम में प्रति वर्ष आयोजित किये जाने वाने ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षिण शिविर का आयोजन दिनांक १५ मई से २० जून तक किया गया जिसका समापन समारोह दिनांक २१ जून को विभिन्न कार्यक्रमों के साथ सम्पन्न हुआ ।                                                                                                           

संस्था निदेशक डॉ. लईक हुसैन ने बताया कि समापन समारोह में प्रतिभागीयों द्वारा तैयार किये गये लोक नृत्य, लोक गीतों एवं कठपुतली नाटिका आदि की मंच पर प्रस्तुति कि गई । कार्यक्रम का प्रारम्भ भारतीय लोक कला मण्डल के संस्थापक पद्मश्री देवीलाल सामर की मूर्ती को माला पहना कर किया गया तत्पश्चात् कार्यक्रम वंदना के साथ शुरू हुआ उसके पश्चात् बालक बालिकाओं द्वारा सीखे नृत्य, पधारो मारे देश, ढोला मारू जयपुर से आयो चुनड लाल ले आयो........., जलारे में तो राजरा ............ देवरया नृत्य वीरशिरोमणी देश माने प्यारो लागे गीत प्रस्तुत किया गया उसके बाद प्रतिभागियों द्वारा सीखे गये कठपुतली नाटक ’’सौर ऊर्जा‘‘ का मंचन हुआ कठपुतली नाटक के बाद गोरबंन्द, दलबादली, तेराताल, कुरजा, टूटे बाजु बंद रीलूम गाने पर भी लोक नृत्यों की शानदार प्रस्तुति हुई  रंग बिरंगे कार्यक्रमों से बच्चों ने लोगों का मन जीत लिया एवं खूब तालियाँ बटोरी, बच्चो द्वारा सीखी गई मृण कला की बनी कलात्मक वस्तुऍ, पेपर क्राॅफ्ट तथा पेंटिग की प्रदर्षनी भी लगायी गई ।

 

उन्होने बताया कि संस्था परिसर में विगत एक माह से चल रहे ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविर में  ८ वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लगभग ९० प्रतिभागीयों ने अपना पंजीयन कराया था । जिन्हे संस्था के कलाकारों यशोदा माली, विनीता व्यास, मीता पाहुजा, शोभा मीणा, जगदीश पालीवाल, रोशन भाट,् रामलाल भाट, भावना धांदडा, अर्पिता छाबडा, सुमन भाट, रईस खॉन,  भगवती माली, माहेन पटेल एवं जीवन पटेल द्वारा लोक नृत्य, लोक गायन, लोक वादन, कठपुतली निमार्ण सिखाया गया, तो बाहर से आये प्रशिक्षक मोलेला के श्री मन्नालाल कुम्हार ने मृण कला एवं श्रीमती लीना अग्रवाल ने पेपर क्राफ्ट तथा ड्राइंग एण्ड पेंटिग का प्रशिक्षण दिया  ।

 


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