उदयपुर में सहभागिता से हो रहा फिकल स्लज प्रबंधन कार्य उदयपुर में “सेनिटेशन टूरिज्म” को बढ़ाएगा

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Published on : 21 Jun, 19 04:06

उदयपुर में सहभागिता से हो रहा फिकल स्लज प्रबंधन कार्य उदयपुर में “सेनिटेशन टूरिज्म” को बढ़ाएगा

उदयपुर | नगरीय उदयपुर में निगम के वार्डों सहित एक सौ तीस गांव सम्मिलित हैं , उदयपुर को स्वच्छ बनाना है तो इस सम्पूर्ण नगरीय क्षेत्र को ध्यान रख विकेंद्रीकृत सेनिटेशन व्यवस्थाएं बनानी होगी, साथ ही नागरिकों, स्वैच्छिक संस्थाओं , शोधकर्ताओं, उद्योग जगत की सहभागिता आमंत्रित करनी होगी |

यह विचार बुधवार को विद्या भवन पोलीटेक्निक सभागार में “उदयपुर नगरीय क्षेत्र में सेनिटेशन की मौजूदा स्थिति व् तौर तरीके” विषयक सेमिनार में उभरी| सेमिनार का आयोजन विद्या भवन व् सेंटर फॉर पालिसी रिसर्च  नई दिल्ली द्वारा किया गया |

सेमिनार में नगर निगम, यूआईटी, हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड, यूसीसीआई , सेवा मंदिर, गाँधी मानव कल्याण समिति , इकलाई साउथ एशिया सहित विषय विशेषज्ञों व् जागरुक नागरिकों ने भाग लिया |

निगम के अतिरिक्त मुख्यअभियंता अरुण व्यास ने बताया कि सीपी आर ,विद्या भवन , हिन्दुस्तान जिंक , निगम सभी के सामूहिक प्रयासों से जिंक व् निगम पी पी पी मॉड पर उदयपुर में  पांच करोड़ की लागत का फिकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित कर रहे हैं   , इसके लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं |

सी पी आर की अंजू द्विवेदी ने कहा कि उदयपुर में बनने वाला फिकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट देश का अपनी तरह का पहला प्लांट होगा और इसके लिए पूरे देश से लोग आयेंगे | उदयपुर में सहभागिता से हो रहा फिकल स्लज प्रबंधन कार्य उदयपुर में “सेनिटेशन टूरिज्म” को बढ़ाएगा |

हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड  सी एस आर हेड नीलिमा खेतान ने कहा कि नगर निगम क्षेत्र के बाहर के यू आई टी क्षेत्र में जंहा अभी इन्फ्रा  स्ट्रक्चर विकसित नहीं है, वंहा गंदे पानी व् सीवर के समाधान की विकेंद्रीकृत व्यवस्थाएं उचित रहेगी |

निगम के टाउन प्लानर प्रसून चतुर्वेदी ने कहा कि नए नियमानुसार हाउसिंग कोम्प्लेक्स को अपने कचरे व् गंदगी के उचित निस्तारण के लिए स्वयं व्यवस्थाएं बनानी होगी |

यू आई टी के अ धीक्षण अभियंता संजीव शर्मा ने कहा यू आई टी क्षेत्रों में हाउसिंग कोम्प्लेक्स के अतिरिक्त जो  निजी मकान वाले लोग हैं, उनके  गंदे पानी, सीवर के निस्तारण के लिए विभिन्न तरीकों पर विमर्श चल रहा है |

पोलीटेक्निक प्राचार्य डॉ अनिल मेहता व् शोधकर्ता अभिनव कुमार  ने बताया कि सी पी आर व् विद्या भवन ने निगम के समस्त 55 वार्डों , यू आई टी क्षेत्र के  घनी आबादी वाले पेरीफेरी के 44 गांवों व् 5 कच्ची बस्तियों , सेनिटरी मार्ट दुकानों, कारीगरों, प्लम्बर इत्यादि को मिलाते हुए एक विस्तृत अध्ययन किया है | इससे उदयपुर में नागरिकों की सहभागिता , जागरूकता से युक्त  पूर्णतया शौच मुक्त , गंदे पानी की  समस्या से मुक्त एक समग्र सेनिटेशन प्लानिंग बनाने व्  स्थापित करने में मदद मिलेगी |

अध्यक्षता करते हुए विद्या भवन के मुख्य संचालक डॉ सूरज जेकब ने कहा कि सेनिटेशन व्यवस्थाएं सुधरने के लिए सम्बंधित नीतियों में भी शोध अनुशंषाओं को सम्मिलित करना चाहिए |

सेमिनार में मासिक धर्म स्वास्थ्य व् स्वच्छता पर  भी विस्तार्ट चर्चा हुए तथा इसके लिए सार्वजानिक स्थानो, बाजारों में महिलाओं के लिए इससे सम्बंधित उचित प्रकार की व्यवस्थाएं बनाने का सुझाव दिया गया |

सेमिनार में रियाज तहसीन,  सी एस आर मेहता, नंदकिशोर शर्मा , विपिन आर्य , भूपेंद्र सालोदिया ,सी पी कुम्भट, हितेश सुखवाल , पंकज जोशी ने भी विचार रखे |


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