वर्षाकाल में संभावित बाढ़ अतिवृष्टि से बचाव के लिए 

( 15428 बार पढ़ी गयी)
Published on : 14 Jun, 19 06:06

कलक्टर ने विभिन्न विभागों को दिये आवश्यक दिशा-निर्देश

वर्षाकाल में संभावित बाढ़ अतिवृष्टि से बचाव के लिए 

उदयपुर / जिला कलक्टर श्रीमती आनंदी ने एक आदेश जारी कर जिले में वर्ष 2019 के वर्षाकाल में संभावित बाढ़ व अतिवृष्टि से बचाव हेतु विभिन्न विभागों की कार्ययोजना की समीक्षा एवं गत वर्षों के अनुभवों को दृष्टिगत रखते हुए जिले में जलप्लावन एवं उससे होने वाली क्षति से बचाव के लिए विभिन्न विभागों को आवश्यक निर्देश प्रदान किये है।
कलक्टर ने समस्त उपखंड अधिकारी व तहसीलदार को अपने क्षेत्रों में जलभराव क्षेत्रों का चिन्हीकरण व वहां के निवासियों को आपात स्थिति में स्थानांतरित करने हेतु आश्रय स्थलों का निर्धारण करने, समस्त गांव के पटवारी, एएनएम व एक-एक प्रबुद्ध व्यक्ति को सूची मय नाम व फोन नंबर तैयार कर एक प्रति जिला स्तर पर भिजवाने तथा एक प्रति तहसील व उपखंड के कंट्रोल रूम में उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। वही जर्जर व गिरने योग्य मकानों को चिन्हित कर मकान मालिक को लिखित चेतावनी जारी करने तथा आवश्यकता होने पर सीआरपीसी नियम 133 के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही क्षेत्र के पिकनि स्थलों पर चेतावनी बोर्ड व सुरक्षा गार्ड लगवाने तथा पानी में बहने व बिजली गिरने आदि से कोई जनहानि होती है तो उसकी सूचना तुरंत जिला आपदा प्रबंधन केंद्र को भिजवाने के निर्देश दिए।
समय पर हो बांधों की मरम्मत व रखरखाव 
जल संसाधन विभाग को जिले में स्थापित वार्निंग सिस्टम के संचालन का परीक्षण करने, जिले के विभिन्न तालाब, एनिकट व अन्य जल संग्रहण ढ़ांचों का निरीक्षण एक सप्ताह में कर सुरक्षा की आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करने, उनका सुदृढीकरण करने, बांधों का गेट आदि की आइलिंग-ग्रीसिंग आदि करने, बांधों पर वायरलेस सेट स्थापित करने, जलाशयों के भराव व बहाव क्षेत्रों के आस-पास चेतावनी सूचक बोर्ड स्थापित करने, कलक्टर की अनुमति के बिना अधिकारियों-कर्मचारियों का अवकाश स्वीकृत नहीं करने तथा बांधो व तालाबों के जल स्तर पर निगरानी रचाने व बाधों व तालाबों के गेट खोलने की पूर्व सूचना नियंत्रण कक्ष को देने के साथ ही संचार माध्यमों द्वारा निचले क्षेत्रों में प्रसारित करने के निर्देश कलक्टर ने  दिये।
कलक्टर ने ंजिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को निर्देशित किया है कि जल संसाधन विभाग द्वारा ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज को हस्तांरित छोटे तालाबों के रखरखाव, मरम्मत व सुरक्षा संबंधी आवश्यक उपाय सुनिश्चित करें। साथ ही जर्जर व गिरने योग्य विद्यालय भवन व राजकीय भवनों का उपयोग नहीं हो। ग्रामीण क्षेत्रों में मृत पशुओं के तत्काल निस्तारण हेतु व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने हेतु संबंधित एजेन्सियों को पाबंद करने के भी निर्देश दिए गये।़
स्थानीय निकाय 10 दिन में करे नालों की सफाई
नगर विकास प्रन्यास, नगर निगम व नगर पालिका बोर्ड को अपने क्षेत्र के समस्त नालों की सफाई 10 दिवस में पूर्ण करने, 15 जून से नियंत्रण कक्ष स्थापित कर मानसून पर्यन्त 24 घंटे सुचारू रखने तथा कन्ट्रॉल रूम पर नाविकों एवं गोताखोरों की मय संसाधन उपलब्धता सुनिश्चित करने व फायर ब्रिगेड तैयार रखने के निर्देश दिये है। इसके साथ ही पानी निकालने के लिए पम्प सेट, आपात स्थिति से बचाव हेतु आवश्यक सामग्री (यथा नावे, रस्सिसां, सीढ़िया, लाइफ जेकेट, डम्पर, लोडर आदि), रोड लाइटों की मरम्मत व रखरखाव क्षतिग्रस्त मकानों को चिन्हित कर उन पर लाल रंग का निशान करने आदि के निर्देश भी निगम व पालिका को दिये गये।
बचाव कार्य के लिए जवानों उपलब्ध रहें
इसके साथ ही पुलिस प्रशासन, एसडीआरएफ, होमगार्ड व नागरिक सुरक्षा विभाग को आपात स्थिति में कानून व्यवस्था बनाए रखने, यातायात सुचारू रखने, जल प्रवाह के कारण बाधित होने वाले मार्गों एवं आपात स्थिति में उनके वैकल्पिक मार्गों का चिन्हिकरण करने, बचाव कार्य के लिए जवान उपलब्ध कराने आदि निर्देश दिये गये है।
इसी प्रकार वि़द्युत विभाग को विद्युत लाइनों का रखरखाव, क्षतिग्रस्त खंभों की मरम्मत व पुर्नस्थापना, आपात स्थिति में विद्युत व्यवस्था सुचारू बनाए रखने जमीन पर पडे ट्रांसफॉर्मर को डीपी पर रखने आदि निर्देश प्रदान किये गये है। लोक निर्माण विभाग को पुलियाओं व सड़कों का सुदृढ़ीकरण करने, वैकल्पिक मार्गोंं की व्यवस्था करने, प्रत्येक एईएन हेडक्वार्टर पर मिट्टी व रेत के 500 कट्टे भरवाकर रखने, पुलियाओं पर चेतावनी बोर्ड लगाने व उच्चतम जल प्रवाह सीमा का अंकन करने के निर्देश दिए। पीएचईडी को वर्षाकाल में शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाने व आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करने के साथ ही पेयजल स्रोतों में क्लोरीफिकेशन की व्यवस्था करने के निर्देश दिये।
पर्याप्त खाद्यान्न उपलब्ध कराएं
जिला कलक्टर ने रसद विभाग को मानसून अवधि में नियंत्रण कक्ष स्थापित करने, उचित मूल्य दुकान पर खा़द्यान्न की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करवाने, आपात स्थिति में प्रभावित परिवारों को भोजन पैकेट वितरित करने के लिए भोजन की दरें पहले से ही निर्धारित करने के निर्देश दिये गये। चिकित्सा विभाग को जीवन रक्षक दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने, मोबाइल चिकित्सा दल तैयार रखने मौसमी बीमारियों से बचाव के पुख्ता इंतजाम करने आदि के निर्देश दिये गये। इसके साथ ही बीएसएनएल, डाकतार, परिवहन आदि विभागों को भी वर्षाकाल में आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने व अन्य विभागों से समन्वय स्थापित कर कार्य करने के निर्देश दिये गये है।
 


साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.