‘रोगियों को अब मिलेगा और अधिक सुरक्षित रक्त’

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Published on : 14 Jun, 19 04:06

दक्षिणी राजस्थान में प्रथम पूर्ण स्वचालित छ।ज् मशीन गीतांजली हाॅस्पिटल में स्थापित

‘रोगियों को अब मिलेगा और अधिक सुरक्षित रक्त’
गीतांजली मेडिकल काॅलेज एवं हाॅस्पिटल, उदयपुर के ब्लड बैंक में ‘‘न्यूक्लिक एसिड एम्प्लिफिकेशन टेक्नोलोजी ( NAT ) टेस्ट’’ की पूर्ण स्वचालित मशीन की स्थापना की गई। यह मशीन रोगियों को ‘‘सुरक्षित रक्त’’ प्रदान करेगी एवं रक्त जनित संक्रमण ( Transfusion-Transmitted Infections - टीटीआई ) जैसी चुनौतियों को कम करने में मदद करेगी। यह तकनीक पूर्ण रुप से स्वचालित NAT सिस्टम पर परीक्षण कर रक्त आधान के दौरान हेपेटाइटिस बी व सी एवं एचआईवी जैसी बीमारियों के फैलने के जोखिम को कम करने में मदद करेगी। यह मशीन दक्षिणी राजस्थान में प्रथम गीतांजली हाॅस्पिटल में स्थापित की गई है।
 
चिकित्सा अधीक्षक डाॅ नरेंद्र मोगरा एवं पैथोलोजी विभागाध्यक्ष डाॅ एमएल गुप्ता ने कहा कि NAT की जरुरत इसलिए है क्योंकि यह सीधे संक्रमण करने वाले वायरसों के अनुवांशिक पदार्थ (आरएनए एवं डीनए) का पता लगाता है। इस परीक्षण के अभाव में जो लोग रक्त प्राप्त करते है वे लोग एचआईवी, हेपेटाइटिस बी व सी जैसे रोगों का शिकार ‘‘विंडो पीरियड’’ में हो सकते है। 
 
चिकित्सा अधीक्षक डाॅ मोगरा ने बताया कि, ‘‘रक्तदान में संक्रमण का पता लगाने के लिए NAT सबसे संवेदनशील तकनीक है। यह तकनीक विंडो पीरियड, मरीज के संक्रमित होने तथा परीक्षण से पता लगने के बीच के समय में भी संक्रमण का निदान करने में सक्षम है।’’ 
 
विभागाध्यक्ष (पैथोलोजी) डाॅ गुप्ता ने बताया कि, ‘‘स्वैच्छिक रक्तदान को प्रोत्साहित करने के लिए NAT जैसी उन्नत तकनीकों के माध्यम से रक्त की जांच अनिवार्य है, क्योंकि राजस्थान के अधिकतर प्रान्त में लगभग 70 प्रतिशत रक्तदान रोगी के परिवार से आते है। यह देखा गया है कि ऐसे रक्त दाताओं में संक्रमण की दर अधिक है। रोगी एक बीमारी के उपचार के लिए आता है और दूसरी बीमारी साथ में लेकर जाता है। ऐसे में यह तकनीक इन जोखिमों को कम करने में मदद करेगी एवं सुरक्षित रक्त प्रदान करेगी।’’  
 
अधिकांश ब्लड बैंक, हाॅस्पिटल एवं आधान केंद्र एचआईवी का पता लगाने के लिए मानक के रुप में एलिसा ( ELISA ) का उपयोग करते है। NAT के साथ पारंपरिक एलिसा ( ELISA ) परीक्षण काफी हद तक जोखिम को कम कर सकते है क्योंकि इसमें अत्यधिक संवेदनशील विशिष्ट तत्व शामिल है। 

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