विश्व बाल श्रम निषेध दिवस 

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Published on : 13 Jun, 19 09:06

जिला स्तर पर कार्यशाला, पंचायतों में हुए विविध आयोजन

विश्व बाल श्रम निषेध दिवस 

बांसवाड़ा/विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर जिला स्तर पर कार्यरत सेव द चिल्ड्रन संगठन द्वारा बाल अधिकारिता विभाग एवं श्रम विभाग के संयुक्त तत्वाधान में बालकों के क्षेत्र में कार्यरत विभिन्न विभागों  शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, चिकित्सा विभाग, श्रम विभाग, बाल अधिकारिता विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग एवं विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों के पदाधिकारियों के साथ विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के उपलक्ष में एक संवाद बैठक का आयोजन किया गया। 
सेव द चिल्ड्रन द्वारा ‘‘चाइल्ड राइट्स फॉर चेन्ज परियोजना’’ के तहत विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर एक संवाद बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न विभागों और विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों के सहयोग से एक समन्वित कार्य योजना तैयार की गई। कार्यशाला में मुख्य अतिथि  जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव देवेन्द्र सिंह भाटी थे। उन्होंने कार्यशाला की उपयोगिता व बाल श्रम की रोकथाम के लिए विभिन्न विभागों की एक कार्य योजना का साझा प्रारूप बताया। जिसमें बाल श्रमिकों के पहचान से लेकर पुनर्वास तथा फॉलोअप को सुनिश्चित किया जा सके। 
उन्होंने बालश्रम से संबधित कानून में हुए संशोधन एवं प्रावधानों के संबंध में विधिक जानकारी प्रदान की। बालक और कुमार श्रम (प्रतिषेध और विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2016 के तहत् बाल श्रमिकों के पुनर्वास हेतु बनाये जाने वाले बाल कल्याण कोष और बालकों को प्रदान किये जाने वाले मुआवजे और पुनर्वास राशि के बारे में विस्तृत जानकारी दी। कार्यषाला मंे श्रम विभाग के सहायक श्रम आयुक्त विपिन चौधरी ने बालक और श्रम शब्दों को पृथक-पृथक समझने तथा बाल श्रम की रोकथाम हेतु श्रम विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। कार्यशाला में बाल कल्याण समिति के सदस्य मधुसूदन व्यास व शान्तिलाल चौबीसा संबोधित किया।
कार्यषाला में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक दिलीप रोकडिया ने बाल कल्याण एवं बाल संरक्षण हेतु विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यो तथा जिला स्तर से पंचायत स्तर के ढांचों को मजबूत करने और क्रियाशील बनाकर बाल श्रम की रोकथाम की दिशा में कार्य करने का आह्वान किया। कार्यशाला के आरम्भ में सेव द चिल्ड्रन के सहायक प्रबंधक ओम प्रकाश आर्य ने अतिथियों का स्वागत किया गया तथा कार्यशाला के उद्देश्य को साझा किया। सेव द चिल्ड्रन के कार्यक्रम समन्वयक पंकज कुमार तिवारी ने श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा बाल श्रम की रोकथाम हेतु मानक संचालन प्रक्रिया से अवगत कराया। कार्यक्रम अधिकारी  दिनेश कुमार ने बाल श्रम की रोकथाम हेतु विभिन्न विभागों एवं स्वयं सेवी संस्थाओं के सहयोग से तैयार की जाने वाली कार्ययोजना एवं रणनिति पर चर्चा की। 
इस अवसर पर सेव द चिल्ड्रन एवं सहयोगी संस्थान वागधारा और कट्स संस्थान द्वारा निर्मित पंचायत रजिस्टर और सामजिक सुरक्षा योजना पुस्तिका का विमोचन भी किया गया। सभी प्रतिभागियों को बाल अधिकारिता विभाग राजस्थान सरकार से जारी शपथ प्रारूप से सभी को शपथ दिलाई गई, साथ ही सभी प्रतिभागियों द्वारा हस्ताक्षर कर बाल श्रम रोकथाम के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई। कार्यशाला में सेव द चिल्ड्रन से हेमन्त चतुर्वेेदी, वागधारा से परमेश पाटीदार, माजिद खान, कमलेश बुनकर, आकिब अहमद, कट्स संस्थान से मदन लाल कीर, एजुकेट गर्ल्स से राजीव रंजन, देवीलाल बुनकर, जन कला साहित्य मंच से वर्षा मेहता, बाल अधिकारिता विभाग से मुकेश पटेल, कुशल, लोकेन्द्र सिंह, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता से योगेश रावल तथा राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना अन्तर्गत संचालित बाल श्रमिक विद्यालयों के संस्थाओं द्वारा भाग लिया गया। 
जिले के घाटोल व आनन्दपुरी ब्लॉक में वाग्धरा संस्थान द्वारा तथा सज्जनगढ़ व गांगड़तलाई ब्लॉक में कट्स संस्थान द्वारा 25 ग्राम पंचायतों में ग्राम पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समितियों की बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें बाल श्रम विषय पर संगोष्ठी हुई।


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