भारतीय रिजर्व बैंक ने फंसे कर्ज यानी एनपीए की पहचान के लिए शुक्रवार को नए नियम जारी किए हैं। इनके तहत बैंकों को कर्ज अदायगी में पहली चूक के 30 दिन के अंदर उस खाते को संकट ग्रस्त खाते के रूप में उल्लेख किया जाना जरूरी होगा। इससे पहले फरवरी, 2018 में जारी परिपत्र के तहत एक दिन की चूक पर भी खाते को एनपीए घोषित कर समाधान की कार्रवाई शुरू करना अनिवार्य कर दिया गया था।इससे पहले 12 फरवरी, 2018 में जारी परिपत्र के तहत एक दिन की चूक पर भी खाते को एनपीए घोषित कर समाधान की कार्रवाई शुरू करना अनिवार्य कर दिया गया था। उच्चतम न्यायालय ने 12 फरवरी के परिपत्र को रिजर्व बैंक के अधिकार के बाहर बताते हुए उसे खारिज कर दिया था। रिजर्व बैंक ने कहा है कि नई व्यवस्था ऋण समाधान की पहले से चल रह सभी योजनाओं का स्थान लेगी। नई व्यवस्था तत्काल लागू हो गयी है।