उदयपुर | विद्या भवन पोलीटेक्निक, उदयपुर के विद्यार्थियों ने आम जन व् समाज के हित वाले इनोवेटिव प्रोजेक्ट बनायें हैं ।शनिवार को यह प्रोजेक्ट प्रदर्शित किये जायेंगे । प्राचार्य डॉ अनिल मेहता ने बताया कि फेकल्टी के मार्गदर्शन में बने इन प्रोजेक्ट्स की थीम “तकनीकों से समाज हित” है । मेहता ने बताया कि दसवीं के बाद तीन साल अध्ययन कर इन विद्यार्थियों में तकनिकी रचनात्मकता का विकास हुआ है ।
वाहन दुर्घटना होते ही स्वत: अस्पताल , पुलिस व् परिवार को सूचना(स्मार्ट प्रोटेक्शन सिस्टम यूजिंग माइक्रो कंट्रोलर ) : एक्सीडेंट के दौरान एयरबेग के खुलने के साथ ही तीन जगह एसएमएस और कॉल जायेंगे । पहला एसएमएस व कॉल एम्बुलेंस को, दूसरा पुलिस नियंत्रण कक्ष को तथा तीसरा परिवार के सदस्य को जाएगा। इस प्रोजेक्ट में केवल कॉल व मैसेज ही नहीं , बल्कि लोकेशन भी जीपीएस के द्वारा ट्रैक हो सकेगी ।यह प्रोजेक्ट बिना एयरबैग वाली कार में भी लगाया जा सकता है ।यह प्रोजेक्ट विद्यार्थियों मोहम्मद हसन ,ईवा , सूरज ,नितिन , अजय , मोहित ने बनाया है।
जंगल व् पहाड़ों पर आग की नियंत्रण प्रणाली ( फारेस्ट फ़ायर डीटेकशन सिस्टम) :इसमें सोलर बैटरी ,जीपीएस, जीएसएम सेंसर,माइक्रोकंट्रोलर इत्यादि को प्रयोग में लिया गया है। थर्मल इमेज सेंसर आग की इमेज को सेंस करेगा। छोटे क्षेत्र में अग्निशमन के लिए प्रेशर पंप से आग बुझाई भी जा सकती है । यह प्रोजेक्ट गौरव , कार्तिक , अभिजीत ,पंकज , निखिल ने बनाया है ।
आपदा नियंत्रण सुरक्षा व्यवस्था (ऑटोमेटिक सब स्टेशन पावर सप्लाई कंट्रोल विद मॉडर्न सेंसर): विभिन्न प्रकार के सेंसर स्मोक सेंसर्,स्पार्क सेंसर, वाटर लेवल डिटेक्टर, फ्लड्स सेंसर, अर्थक्वेक(भूकंप) सेंसर इत्यादि से किसी भी आपदा से सब स्टेशन को पूरी तरह से आपदा रहित रखा जा सकता है । समान प्रणाली को किसी भी महत्वपूर्ण बिल्डिंग में भी लगाया जा सकता है ।यह प्रोजेक्ट विशेष ,हर्शिल , सतीश ,रामाक्षी,राहुल ,नितेश ,सिद्धार्थ ने बनाया है ।
ऑटो लॉक कार में बंद बच्चो, बुजुर्गों की जान बचाने का सिस्टम : आए दिन आ रही खबरें आती है कि बच्चों के कार में लॉक हो जाने से मौत हो गई । इस समस्या का समाधान करने हेतु आसन सिस्टम बनाया गया है । इस सिस्टम को कार में लगाने पर ऑटो लोक के कारण फंसे हुए बच्चे की जान बचाई जा सकती है ।इस सिस्टम को सेफ्टी सिस्टम की तरह भी उपयोग में लिया जा सकता है । कार के दरवाजे पर लिमिट स्विच ,सीट के नीचे भार को सेन्स करने वाला सेंसर , कार में इन्सान की हलचल (मोशन) को सेन्स करने वाले सेंसर लगे हुए हैं। कार के पूरी तरह लॉक होते ही जैसे ही इन्सान की हलचल होगी ,कार की खिड़की एक इंच खुल जाएगी ताकि दम नहीं घुटे । यह प्रोजेक्ट सूरज, नितेश , प्रवीण ,प्रिंस ,प्रिया ,शीतल ने बनाया है ।
डिजिटल लेजर : जिस तरह से इन्टरनेट का उपयोग बढ़ा है, महत्वपूर्ण सूचनाओं, डेटा को सुरक्षित रखना एक चुनौती है । कोई भी व्यक्ति किसी भी व्यक्ति की महत्वपूर्ण सूचनाओं को चुरा नहीं सके व् उसमें परिवर्तन नहीं कर सके , इसके लिए विद्यार्थियों रिद्धेष ,गोविन्द ,ललित,प्रकाश ने ब्लॉक चेन तकनीक का उपयोग करते हुये एक वैब आधारित एप्लीकेशन बनाई है। यह तकनीक क्लाउड से भी अधिक उपयोगी है।
स्मार्ट कार पार्किंग ( ऑथोराइजड कार पार्किंग मेनेजमेंट सिस्टम ) : अनधिकृत पार्किंग रोकने में यह कारगर है। इमेज प्रोसेसिंग पर आधारित इस सिस्टम में कार की नम्बर प्लेट को कैमरे द्वारा सेन्स कर पार्किंग के पूर्व पंजीकृत नम्बर से मिलान किया जायेगा । मिलान नहीं होने पर पार्किंग का गेट नहीं खुलेगा । यह प्रोजेक्ट खुशबू, शादाब,पुष्पकांत , प्रेमसिंह ने बनाया है ।किताबें रददी में मत बेचिए, जरुरतमंद के साथ बाटियें : जिस तरह से ओएलएक्स इत्यादि एप्प पर लोगो के द्वारा सेकंड हैंड सामान खरीदे और बेचे जाते है उसी तरह से विद्यार्थियों ने एक एंड्राइड मोबाइल एप्प "बुक स्टॉप " बनाया है ।जिसके माध्यम से ऐसे विद्यार्थी जो महँगी किताबें नही खरीद सकते है, वे इस एप्प से कम कीमत पर खरीद सकते है। किताबो का दान भी किया जा सकता है ।
स्मार्ट व् हायजिनिक डस्टबिन : डस्टबिन के पास जाने पर उसका ढक्कन स्वतः खुल जायेगा ।माइक्रोकन्ट्रोलर, अल्टरासोनिक सेन्सर द्वारा सहायता से कचरापात्र के ढक्कन को कंट्रोल किया गया है । आर ऍफ़ आई डी रीडर की सहायता से यह डस्टबिन कचारा वाहिनी में स्वतः खाली हो जायेगा । इंसान कचरे के सम्पर्क में कम रहे तथा इससे होने वाली बीमारीयो से सुरक्षित रहे , इस उद्देश्य से यह प्रोजेक्ट दीपिका , हिम्मत , हरिश , मोहमद अशरफ ने बनाया है ।