राष्ट्रीय सार्वजनिक पुस्तकालय दिवस 22 मई पर विशेष

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Published on : 22 May, 19 06:05

पुस्तकालय ज्ञान का अकूत भण्डार : बनाये अपना मित्र

राष्ट्रीय सार्वजनिक पुस्तकालय दिवस 22 मई पर विशेष

पुराने समय में पुस्तकें ही मनुष्य के ज्ञान वर्धन एवं मनोरंजन का प्रमुख माध्यम हुआ करती थी । आज जबकि इंटरनेट एवं सुचना प्रोधोगिकी का युग आ गया है और सभी सूचनाएं नेट पर उपलब्ध हैं, पुस्तकों का महत्व कम होता जा रहा है। बिरले ही होंगे जो आज जयशंकर प्रसाद, तुलसी प्रेमचंद,शेक्स्पीयर जैसे महान साहित्यकारों एवं कवियों, चाणक्य एवं मार्क्स जैसे महान राजनीतिज्ञों तथा अरस्तु एवं सुकरात जैसे दार्शनिकों के साहित्य को पढते हों। हमारे अनेक ग्रंथ, पाण्डुलिपियां, पुस्तकें नेट पर उपलब्ध हैं। इतना सब होते हुए भी  पुस्तकालय अपने नवाचारों एवं आधुनिक तकनीक के साथ अपना महत्व बनाए हुए हैं।  पुस्तकालयों का उपयोंग प्रतियोगी परीक्षा के विधार्थी, अनुसन्धान कर्ता विधार्थी तथा इतिहास, संस्क्रति, साहित्य, समाज, विभिन्न क्षेत्रों के अनुसन्धान के जिज्ञासू विशेष रूप से करतें है। देश में जहां अनेक सार्वजनिक एवं राजकीय पुस्तकाल हैं वहीं अनेक मनीषियों के अपने निजि पुस्तकालय भी हैं।
राजा राम मोहन राय नें पुस्तकालय के महत्व को एक जन आन्दोलन बनाया । उनके नाम से कोलकता में राजा राम मोहन राय पुस्तकालय संस्थान की स्थापना की गई । आज यह संस्थान सभी सार्वजनिक पुस्तकालयों के सुदृडीकरण के लिए तथा अन्य प्रकार वित्तिय सहायता प्रदान करता है । सरकार ने राजा राम मोहन राय की जयन्ती को उनके भागीरथ प्रयासों की स्मृति में, राष्ट्रीय सार्वजनिक पुस्तकालय दिवस आयोजित करने की तीन वर्ष पूर्व घोषणा की । तब से प्रति वर्ष 22 मई को यह दिवस आयोजित कर अधिक से अधिक पाठकों को पुस्तकालयों से जोडने का प्रयास किया जाता है।

राजस्थान में भाषा एवं पुस्तकालय विभाग के अधीन जयपुर में राज्य केन्द्रीय पुस्तकालय ,सात संभागों पर मण्डल स्तरीय पुस्तकालय, 33 जिला पुस्तकालय, 276 पंचायत समिति पुस्तकालय (उच्च माध्यमिक विद्यालयों के परिसर में ) कुल 233 सार्वजनिक पुस्तकालय संचालित हैं। हाडौती की चर्चा करे तो कोटा में मण्डल पुस्तकालय, चार जिला पुस्तकालय तथा 22 पंचायत समिति पुस्तकालय संचालित हैं। 
राष्ट्रीय सार्वजनिक पुस्तकालय दिवस पर चर्चा करते हैं राजस्थान के भाषा एवं पुस्तकालय विभाग जयपुर द्ववारा कोटा शहर में संचालित राजकीय सार्वजनिक मण्डल पुस्तकालय कोटा की जिसने पुस्तकों के प्रति न केवल पाठकों का प्रेम बनाए रखने का उल्लेखनीय कार्य किया है वरन दृष्टिबाधित तथा भिन्न रूप से समर्थ व्यक्तिआें को जोडने एवं उनके पढने से सम्बन्धित उपकरण, लिपी एवं साहित्य भी उपलब्ध कराया हैं। यही नहीं यहॉ ऐसी मशीनें भी उपलब्ध हैं जो पुस्तक को पढकर - बोलकर सुनाती हैं । अपने पाठकों को माह से एक बार टेली हेल्थ सर्विस के माध्यम से स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी भी उपलब्ध कराती है। पुस्कालय में ऑनलाइन केटलोग, ऑनलाइन पुस्तकें, बच्चों के लिये ई-मैल हेल्प लाइन , आउटरीच सर्विस के माध्यम से निर्माण श्रमिकों के बच्चों को बाल पुस्तकालय से जोडने, ट्रांसजेण्डर के लिए पुस्तकालय सुविधा उपलब्ध करना। 
नवलेखन एवं लेखकों को प्रोत्साहित करना जैसी गतिविधियां संचालित  कर सुविधाएं उपलब्ध कराकर अधिक से अधिक पाठकों को जोडने का प्रयास किया जा रहा है जो राजस्थान में अपनें प्रकार का पहला और अनूठा प्रयास हैं । प्रयासों के परिणामस्वरूप पुस्तकालय में राजस्थान के अन्य पुस्तकालयों की अपेक्षा सर्वाधिक आजीवन सदस्य हैं पुस्तकालय पूर्ण रूप से कम्प्युट्रीकृत है। वर्तमान में पुस्तकालय अपनें निजि भवन में संचालित है जिसका निर्माण राजा राम मोहन राय पुस्तकालय कोलकाता के आर्थिक सहयोग से किया गया है।
पुस्तकालय के भवन निर्माण एंव इसके उपरांत विभिन्न वर्ग के पाठकों को पुस्तकालय से जोडने के प्रयास तथा विभिन्न संस्थाओं के सहयोग से सुविधा उपलब्ध कराने के भागीरथी कार्य में निरंतर जुटे हैं पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. दीपक कुमार श्रीवास्तव । पुस्तकालय में “रीड इट एण्ड रिव्यू इट“ जैसा नवाचार प्रारम्भ किया गया है। प्रगतीशील विचारों , अणवेषण दृष्टि, मिलनसार एवं सहज डॉ. श्रीवास्तव के ही अथक एवं निरंतर प्रयासों का ही सुफल है कि कोटा में संचालित यह प्राचीन पुस्तकालय आज विविध प्रकार से उपयोगी वटवृक्ष बन गया है । डॉ. दीपक श्रीवास्तव का व्यक्तित्व इसी से झलकता है कि इन्हे भारत के छः प्रभावशाली सार्वजनिक पुस्तकाल्याध्यक्षों की सूची में शामिल किया गया है । इन्हे मेलबर्न (आस्ट्रेलिया) में ग्लोबल लाईब्रेरिज की निदेशक डेब्रा जेकब एवं इफ्ला की प्रेसीडेंंट क्रिस्चन मेगेंजी द्ववारा संयुक्त रूप से “मोस्ट क्रियेटीव थींकर एवार्ड “ से समानित किया गया । इनकों 3 बार एल.पी.ए. नेशनल एवार्ड, कैलाश बेस्ट रिसर्च पेपर प्रेजेंटेशन एवं नोलेज शेयरिंग एवार्ड, मित्रा नोवेल्टी एवार्ड, सुमित्रा रिसर्च एवार्ड, मनोहर रिसर्च एवार्ड समेत कई अन्य एवाडों से सम्मानित किया जा चुका हैं। आपने के बार अन्तरराष्ट्रीय मंचों पर अपने शोधपत्रों का वाचन भी किया है । हाल ही में आपको उल्लेखनीय सेवाओं के लिए 26 जनवरी 2018 को गणतंत्र दिवसा पर जिला प्रशासन कोटा द्वारा सम्मानित किया गया है। 
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साभार : dr.Prabhat Singhal


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