राजीव गॉधीजी की २८वीं पुण्य तिथि पर जिला स्तरीय संगोष्ठी एवं पुष्पांजली कार्यक्रम संपन्न

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Published on : 22 May, 19 05:05

स्वर्गीय राजीव गांधी कि सोच तीन दशक पूर्व भारत को २१वीं सदी में ले जाने कि थी

राजीव गॉधीजी की २८वीं पुण्य तिथि पर जिला स्तरीय संगोष्ठी एवं पुष्पांजली कार्यक्रम संपन्न

कोटा | राजीव गाँधी स्टडी सर्किल  कोटा इकाई द्वारा भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री श्री राजीव गॉधीजी की २८वीं पुण्य तिथि पर एक दिवसीय जिला स्तरीय संगोष्ठी एवं पुष्पांजली कार्यक्रम का आयोजन रामानुज सभागार, राजकीय महाविधालय कोटा में किया गया। राजीव गांधी स्टडी सर्किल  के जिला समन्वयक एवं कार्यक्रम प्रभारी  डॉ. अनुज विलियम्स ने बताया कि इस कार्यशाला में जिले के विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों के अनैक व्याख्यातागणों, संकाय सदस्य, रूक्टा सदस्य, विद्यार्थीयों, प्राचार्यों एवं समाजसेवी, आदि ने भाग लिया। सर्व प्रथम कार्यक्रम स्वागत भाषण डॉ. के.एम.गवेन्द्रा, सहायक निदेशक कॉलेज शिक्षा राजस्थान ने दिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री एवं विधायक सांगोद भरत सिंह थे। उन्होने अपने उद्बोधन में कहा कि स्वर्गीय राजीव गांधी कि सोच तीन दशक पूर्व भारत को २१वीं सदी में ले जाने कि थी । वह एक ऐसे नेता थे जिन्होंएने २१वीं सदी में भारत की यात्रा को एक नई दिशा दी. उन्होंने पंचायती राज संस्थाओं को संविधान में संशोधन के द्वारा वैधानिक दर्जा प्रदान करवाया तथा पंचायती राज में आरक्षण की व्यवस्था के माध्यम से सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व करवाना सुनिश्चित किया। उनका सोच परिवर्तनकारी थी । कार्यक्रम की विशिष्ट अथिति पूर्व महापौर डॉ. रत्ना जैन ने बताया कि राजीव गांधी ने आधुनिक तकनीकी भारत की स्थापना की नीव रखी।स्व. राजीव गांधी जी ने जब राजनीति की तरफ कदम रखा तो उन्होने जनकल्याण अपने स्वभाव एवं सोच से किया। उन्होने जनकल्याण अपने स्वभाव से किया सियासत से नहीं किया। उन्होने सियासत नहीं बल्कि जनकल्याण को महत्व दिया। १८ वर्ष के मताधिकार का अधिकार जिसने दिया, १८ वर्ष का होने पर जो देश को आगे जाने के लिए तैयार होगा यह स्वभाव और सोच राजीव जी की थी ।कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. गोपाल सिंह ने अपने उद्बोधन में स्पश्ट किया कि वैश्वीकरण, उदारीकरण की नीव राजीव गांधी ने रखी। उनका नेतृत्व परिवर्तनकारी और नवोन्मेशी था। उन्होने पंचायतीराज संस्था को मजबुत करने तथा जनसहभागिता बढाने हेतु वैधानिक स्वरूप प्रदान किया। उन्होने सूचना प्रौघोगिकी के विकास और विस्तार के द्वारा भारत के विकास में गुणात्मक सुधार करने का अकल्पनीय कार्य किया। डॉ. अनुज विलियम्स ने अपने उद्बोधन में कहा कि हम सब को राजीव गांधी जी के विचार एवं विजन जिसमे देश को मजबूत एवं सशक्त कर ने के लिए जाती और क्षेत्रीयता को पार करते हुए एकजुटता के साथ गरीबी, सामाजिक और आर्थिक असमानता के बंधन से मुक्त कर ने के लिए हम सब को प्रयास करने चाहिए। इस कार्य को करने के लिए शिक्षाविदों का समाज मे अहम योगदान होना चाहिए। हमें राजीव गांधीजी की विभिन्न योजनाओं को हमारे युवाओं को बताना चाहिए।

 कार्यक्रम की अध्यक्षता करते  हुऐ, राजकीय महाविद्यालय कोटा के प्राचार्य डॉ रफीक मोहम्मद कुरैशी, कला महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जी.एल.मालव एवं कॉलेज शिक्षा सहायक निदेशक डॉ. के.एम.गवेन्द्रा ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर दो मिनट का मौन भी रखा गया एवं राजीव गांधी जी को उपस्थित सभी अतिथियों, वक्ताओं, शिक्षाविद्, व्याख्यातागण, समाज सेवी, युवा विध्यार्तिओं आदि द्वारा पुष्पांजली अर्पित की गयी। इस अवसर पर जे.डी.बी.कला महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. अनिता गुप्ता, राजकीय महाविधालय के वरिष्ठ सहआचार्य डॉ. संजय भार्गव, लॉ कॉलेज के डॉ. आर.के.उपाध्याय, रूक्टा के संभागीय अध्यक्ष डॉ. रघुराज परिहार, कोटा विश्वविद्यालय के डॉ. आर.पी.यादव उपस्थित रहे। अन्त में राजीव गांधी स्टडी सर्किल  के जिला समन्वयक एवं कार्यक्रम प्रभारी डॉ. अनुज विलियम्स द्वारा सभी का आभार एवं धन्यवाद ज्ञापित किया।

   


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