राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के माध्यम से दिल में छेद का ऑपरेशन कर बच्चों के दिल खिलाये

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Published on : 21 May, 19 04:05

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के माध्यम से दिल में छेद का ऑपरेशन कर बच्चों के दिल खिलाये

कोटा  । इसे नियति का क्रूर खेल ही कहेगे कि एक मासूम जब अपनी माँ की कोख से जन्म लेता है तो साथ में दिल के छेद की बीमारी साथ लेकर पैदा होता है। यह जब किसी गरीब माँ-बाप के साथ हो जाये तो वो मंजर और भी खतरनाक हो जाता है। यही वाक्य जिला कोटा में मानस,प्रतिका,राधिका व ईषानी के साथ हुआ। ये बच्चे जैसे जैसे बडे होते है तो चलने में साँस फूलने लगती है व षरीर नीला पडने लगता है।

आरबीएसके कार्यक्रम के सहयोग से गरीब परिवार के माता-पिता के बच्चों को नया जीवन मिल रहा है क्योंकि इनकी पारिवारिक आर्थिक स्थिति काफी कमजोर होने के कारण उपचार नही करवा पा रहे थे।

   आरबीएसके कार्यक्रम के तहत जिले भर में जन्मजात विकृति वाले सैकडों बच्चों का जिसमें दिल में छेद , कॉक्लियर इम्प्लांट,कटे हुये तालू/होंठ, टेडे-मेडे पैर जैसी बीमारियों का सफल इलाज किया जा रहा है। इस तरह की बीमारी वाले बच्चों के अभिभावक निकटतम आँगनबाडी केन्द्र,सरकारी स्कूलों व मदरसों से सम्फ कर सकते है।

आरबीएसके कार्यक्रम में कार्यरत मोबाइल हैल्थ टीमों द्वारा इन बच्चों को आँगनबाडी केन्द्रों से चिन्हित कर जिला स्तर पर रैफर किया गया, तत्पष्चात डीईआईसी व आरसीएचओ कार्यालय के माध्यम से इन बच्चों की निःषुल्क २क् म्ब्व्एम्ब्ब्ए ग्.त्ंल इत्यादि जाँचे न्यू मेडीकल कॉलेज करवाकर उच्च संस्थान पर निःषुल्क सर्जरी हेतु रैफर किया जाता है।

(केस-१) मानस पुत्र घनष्याम, उम्र-१८ माह, निवासी-सहनावदा (इटावा) ,पिता का व्यवसाय-खेती, इटावा  टीम बी ( आरबीएसके के अन्तर्गत)

(केस-२) प्रतिका पुत्री षिषुपाल, उम्र-२० माह, निवासी-टापरी (कोटा षहर) ,पिता का व्यवसाय-मजदूरी, अरबन  टीम ए ( आरबीएसके में चिन्हित बीएसबीवाई में बीवीपी)

(केस-३) राधिका पुत्री रिंकू , उम्र-६ माह,निवासी-पीपलदा बीरम (सुल्तानपुर) ,पिता का व्यवसाय-मजदूरी, सुल्तानपुर  टीम ए ( आरबीएसके में चिन्हित बीएसबीवाई में सुधा में )

(केस-४) ईषानी पुत्री सूरज केवट, उम्र-२ वर्ष ६माह, निवासी-बालिता (कोटा षहर) ,पिता का व्यवसाय-मजदूरी, अरबन  टीम ए ( आरबीएसके में चिन्हित बीएसबीवाई में सुधा में )

 

             जिला प्रजनन एवं षिषु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एम.के. त्रिपाठी द्वारा बताया गया कि इस वित्तीय वर्ष में दिल में छेद के १० व कॉक्लियर इम्प्लांट के २ ऑपरेषन किये जा चुके है। आरबीएसके कार्यक्रम के तहत मोबाइल हैल्थ टीम आँगनबाडी ,सरकारी स्कूलों व मदरसों में ०-१८ वर्ष तक बच्चों की स्क्रीनिंग करती है। स्क्रीनिंग के दौरान बीमार बच्चों को च्भ्ब्एब्भ्ब्  व जिला अस्पताल इलाज के लिये भेजा जाता है। जहाँ उनकी बीमारी के अनुसार उनका निःषुल्क उपचार व सर्जरी होती है।

डॉ. एम.के. त्रिपाठी ने बताया कि कुल सर्जरी में जिला राज्य स्तर पर अव्वल रहता है गत वर्ष (२०१८-१९) में १३५ सर्जरी करवाई गई जिसमें ५५ दिल में छेद व १५ कॉक्लियर इम्प्लांट की सर्जरी थी। १८३,७४६ बच्चों की स्क्रीनिंग कर १३९९२ बीमार बच्चों को चिन्हित किया गया जिसमें से १३,७२१ बच्चों को उपचारित करवाया गया । 

बच्चे की कुषलक्षेम व हालचाल पूछने पहुँचे जिला प्रजनन एवं षिषु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एम के त्रिपाठी सहित डीईआईसी प्रबंधक दिलीप कुमार,ह्वदय विषेषज्ञ सर्जन डॉ.पलकेष अग्रवाल, टीम के सदस्य डॉ. अभिनव गौतम, डॉ. अंजु षारदा,  अंाषु गोदारा मौजूद रहे।

 

 


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