नई पीढी को परंपरा एवं संस्कृति से अवगत कराता संग्रहालय

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Published on : 20 May, 19 04:05

नई पीढी को परंपरा एवं संस्कृति से अवगत कराता संग्रहालय

अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस के शुभ अवसर पर भारतीय मानवविज्ञान सर्वेक्षण, पश्चिमी क्षेत्रीय केन्द्र, उदयपुर एवं इनटेक, उदयपुर क्षेत्रीय चेप्टर के संयुक्त तत्वावधान में १८ मई २०१९ को संगोष्ठी एवं लोकप्रिय संग्रहालय व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। इसी कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवलन के साथ शुभारंभ हुआ। स्वागत भाषण में जनार्दन राय नागर विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति एवं इनटेक, उदयपुर क्षेत्रीय चेप्टर के कनवेनर डॉ. बी. पी. भटनागर ने अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस की तात्पर्यता पर विचार व्यक्त किया। महाराणा प्रताप स्मारक संग्रहालय, हल्दीघाटी के संस्थापक डॉ. मोहन लाल श्रीमाली ने महाराणा प्रताप के विरासत को ध्वनि चित्रण सहित अन्य विभिन्न माध्यम से दर्शाने के विषय पर विचार व्यक्त किया। उन्हने यह भी बताया कि सीमित संसाधनों के साथ लडकर उन्होंने कैसे महाराणा प्रताप स्मारक संग्रहालय बनाया। यह संग्रहालय आज लाखों पर्यटक के आकर्षण का केन्द्र बिंदु बन गया है। सीटी पैलेस संग्रहालय के सहयोगी संग्रहालय पालक डाँ. हँसमुख सेठ ने सीटी पैलेस संग्रहालय की कार्यप्रणाली एवं संस्थान की विशिष्टताओं पर प्रकाश डाला। भारतीय मानवविज्ञान सर्वेक्षण के पश्चिमी क्षेत्रीय केन्द्र, उदयपुर के कार्यालय प्रमुख डॉ. तिलक बागची ने मानव विज्ञान संग्रहालय पर अपना विचार व्यक्त किया। उन्होंने भारतीय मानवविज्ञान सर्वेक्षण की क्षेत्रीय एवं केन्द्रीय मानवविज्ञान संग्रहालय के विषय पर प्रकाश डाला। एम.एल.वी. जनजातीय शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान की संयुक्त निदेशक श्रीमती ज्योति मेहता ने जनजाति संग्रहालय पर अपना विचार व्यक्त करते हुए बताया कि एक अच्छा जनजाति संग्रहालय बनाने के लिए सभागार में उपस्थित विद्वतजन का सुझाव माँगा। पश्चिमी क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्र के पूर्व कार्यक्रम अधिकारी श्री विलास जानवे, शिल्पग्राम जो कि एक जीवंत संग्रहालय है एवं बागोड की हवेली संग्रहालय पर चर्चा किया। उन्होंने आदिवासी विद्यार्थी द्वारा उनके अपने सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत रखने का उपयोगिता सुझाव व्यक्त किया। विशिष्ट ऐतिहासिक एवं राजस्थान विद्यापीठ के पूर्व प्रधानाध्यापक श्री गिरिश नाथ माथुर ने इतिहास एवं संग्रहालय पर प्रकाश व्यक्त किया। मोहन लाल सुखाडया विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग के पूर्व अध्यापक, डॉ. पी.सी. जैन ने आदिवासी समाज के सांस्कृतिक धरोहर को संग्रहालय संरक्षण करने के विषय पर व्याख्यान दिया। अनुष्ठान के मुख्य अतिथि देवस्थान विभाग के अतिरिक्त आयुक्त, श्री दिनेश कोठारी ने संग्रेहालय दिवस की तात्पर्यता पर प्रकाश डाला। इनटेक की राष्ट्रीय सलाहकार श्री एस.के. वर्मा द्वारा दिये गये व्याख्यान में संग्रहालय के माध्यम में सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण पर अपना विचार रखा। यशपाल बरांडा ने जनजाति प्रतिनिधि के तौर पर अपना विचार प्रस्तुत किया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन केन्द्र के प्रमुख डॉ. तिलक बागची द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में करीब ६५ आदिवासी विद्यार्थियों ने भी हिस्सा लिया। अनुष्ठान के संचालन वरिष्ठ पुरातत्वविद प्रो. ललित पाण्डेय एवं इंटेक के संयुक्त कनवेनर श्री गौरव सिंघवी ने किया।


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