पिता के समय नहीं हुआ,पर अब माँ का हुआ नेत्रदान

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Published on : 20 May, 19 04:05

बेटे-बेटियों ने सम्पन्न करवाया माँ का नेत्रदान

पिता के समय नहीं हुआ,पर अब माँ का हुआ नेत्रदान

76 वर्षीया स्टेशन क्षेत्र निवासी सतवंत कौर का अचानक घर पर ही निधन हो गया । सतवंत जी काफी सरल स्वभाव की मिलनसार महिला थी, बीते वर्ष उनके पति श्री हरभजन सिंह जी जो कि रेल्वे से सेवानिवृत्त थे,उनकी मृत्यु के बाद से वह अस्वस्थ थी । उनके पति की भी नेत्रदान की काफ़ी इच्छा थी,जिसके लिये वह अपना रजिस्ट्रेशन काफ़ी समय पहले ही शाइन इंडिया फाउंडेशन में करवा चुके थे,परंतु अंतिम समय के दौरान ज्यादा समय तक वेंटिलेटर पर रहने के कारण उनका नेत्रदान नहीं हो पाया । उस समय से ही सभी नेत्रदान के कार्य से भली-भांति परिचित थे,यहाँ तक कि स्वयं सतवंत कौर भी अपनी ओर से अपने बेटे प्रीतपाल सिंह अरोडा,तजिन्दर सिंह अरोडा,व बेटियों गुरप्रीत कौर,सुरेंद्र कौर, रंजीत कौर व सरबजीत कौर को कह दिया था कि जब भी कभी मेरे साथ ऐसी अप्रिय घटना घटती है,तो मेरे नेत्रदान करवा देना । 

सतवंत जी की मृत्यु उपरांत सभी बहन भाईयों ने सलाह कर शाइन इंडिया फाउंडेशन को नेत्रदान करवाने के लिये संपर्क किया । थोड़ी देर बाद घर के सभी सदस्यों, रिश्तेदारों के सामने आई बैंक सोसायटी के तकनीशियन ने घर पर ही 15 मिनट से भी कम समय में नेत्रदान की प्रक्रिया पूरी कर ली ।

गर्मियों में नेत्रदान हेतु जितना जल्दी हो सके शाइन इंडिया से 8386900101-102 पर सम्पर्क किया जा सकता है,गर्मियों के दौरान नेत्रदान के लिये सिर्फ 6 घंटे का समय रहता है,साथ ही पार्थिव शव की आँखों पर गीली पट्टी या रुमाल रखने से कॉर्निया सुरक्षित रहता है ।  


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