उदयपुर। जीबीएच मेमोरियल कैंसर हॉस्पीटल में जल्द ही अब ब्लड कैंसर के मरीजों का उपचार सेल थैरेपी से हो सकेगा। अभी तक देश में कहीं भी इस तकनीक से ब्लड कैंसर सहित लिंफोमा और ल्यूकीनिया कैंसर का उपचार संभव नहीं है। मेडिकल ऑकोलॉजिस्ट डॉ. मनोज यू महाजन ने यूएस में इस तकनीक का एक माह का प्रशिक्षण लिया है।
जीबीएच के ग्रुप डायरेक्टर डॉ. आनंद झा ने बताया कि ब्लड कैंसर के उपचार में इम्यूनोथैरेपी सबसे उपयोगी तकनीक है। इसके इलाज की तकनीक में आए परिवर्तन और अत्याधुनिक तकनीक अभी कैंसर के क्षेत्र में दुनिया की अग्रणी संस्थान यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका के ह्यूस्टन स्थित एम.डी. एंडरसन कैंसर रिसर्च सेंटर में ही उपलब्ध है। वहां मेडिकल ऑकोलॉजिस्ट डॉ. मनोज यू महाजन ने १५ अप्रैल से एक महीने के फैलोशिप प्रोग्राम में हिस्सा लिया। वहां से प्रशिक्षण लेकर शुक्रवार को मनोज यू महाजन स्वदेश लौटे है। डॉ. महाजन ने बताया कि कीमिरिक एंटीजन रेस्पीटर - टी सेल थैरेपी से ब्लड कैंसर, लिंफोमा और ल्यूकिनिया कैंसर का उपचार संभव है। इसमें हर कैंसर रोगी के व्हाइट ब्लड सेल डी लिंपोसाइट निकालकर जेनेटिक इंजीनियरिंग द्वारा उसके लिविंग ड्रग तैयार की जाती है। यह ड्रग उस रोगी को देकर इस कैंसर का उपचार किया जाता है। यह तकनीक वर्तमान में सिर्फ एम.डी. एंडरसन में ही संभव है। जीबीएच मेमोरियल कैंसर हॉस्पीटल अब इस तकनीक से ब्लड कैंसर के मरीज को और भी सटीक उपचार मुहैया कराने के लिए प्रयासरत है और जल्द ही इसकी शुरूआत करेगा।
ग्रुप डायरेक्टर मेडिकल सर्विसेज डॉ. दिनेश शर्मा, डायरेक्टर डॉ. सुरभि पोरवाल आदि ने डॉ. महाजन के एक माह की फैलोशिप करके स्वदेश लौटने पर स्वागत किया। इस दौरान डॉ. महाजन ने स्टाफ व डॉक्टर्स को संबोधित करते हुए वहां कैंसर के इलाज में अपनाई जा रही तकनीक पर चर्चा की।