कथा-किस्सों के माध्यम से बाल रंजन को बढ़ावा

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Published on : 19 May, 19 06:05

कथा-किस्सों के माध्यम से बाल रंजन को बढ़ावा

उदयपुर। एलजीबीटीक्यूआई के विरूद्ध भेदभाव और असमानता को चुनौती देने के लिए द ललित लक्ष्मी विलास पैलेस में होमोफोबिया, बाइफोबिया, इंटरसेक्सिज्म तथा ट्रांसफोबिया के विरूद्ध अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया गया।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत द ललित एल्फी बुक सीरिज से बच्चों को प्रसिद्ध कहानियां सुनाई गई। इसका उद्देश्य लिंग सम्बंधी रूढि़वादी अवधारणा के प्रति बच्चों को शिक्षित करना, अभिभावकों को जागरूक बनाना और बेरोकटोक स्वीकार्यता को बढ़ावा देना है। इंद्रधनुषी परिधानों से सुसज्जित द ललित का शुभकर एल्फी नॉन-बाइनरी जेंडर है जो बांहें फैलाकर सभी का स्वागत करता है। कथा-किस्सों के बाद बच्चों के लिए खेल-तमाशों तथा अभिभावकों के लिए हाई-टी का आयोजन किया गया।
द ललित सूरी होस्पिटेलिटी ग्रुप एलजीबीटीक्यूआई के लिए समावेशित अभियान में सबसे आगे रहा है। होमोफोबिया, बाईफोबिया, इंटरसेक्सिम तथा ट्रांसफोबिया के विरूद्ध अंतर्राष्ट्रीय दिवस के आयोजन का मुख्य उद्देश्य यह संदेश फैलाना है कि प्रत्येक व्यक्ति को अपनी अस्मिता पर गर्व महसूस करने का अधिकार है।


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