गुदड़ी के लालां ने जेईई एडवान्स के लिए किया क्वालीफाई 

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Published on : 18 May, 19 10:05

रानी, रेशमा और अंजली के सपनों को मिली ऊंची उड़ान - ‘सात फेरे‘ नहीं इंजिनियरिंग से करेंगी कुल का नाम रोशन  हिन्दुस्तान जिंक का ऊंची उड़ान कार्यक्रम 

गुदड़ी के लालां ने जेईई एडवान्स के लिए किया क्वालीफाई 

रानी, अंजली और रेशमा ये किसी कहानी के किरदार नहीं है बल्कि वो मिसाल है जिन्होंने इस साल जेईई एडवान्स की परीक्षा में अपना स्थान बना लिया है जो कि आईआईटी में प्रवेश की पात्रता की आवश्यक सीढ़ी है। इन्ही की तरह 8 और गुदडी के लाल है जिन्होंने ग्रामीण परिवेश और सिमित संसाधनों के बावजूद ये कमाल कर दिखाया है। इनमें से कुछ को तो परिवार में यहा तक कह दिया गया था कि अगर इसी साल इंजिनियरिंग के लिए प्रवेश में सफलता हांसिल नहीं हुई तो उनके हाथ पीले कर दिये जाएगें। लेकिन बालिकाओं की मेहनत और लगन के आगे आज इनके परिवार के सदस्य भी इनकी काबिलियत का साथ दे कर उत्साहित है। 
जेईई मेन्स परीक्षा के परिणाम अब सामने आगए है और जो बच्चें जेईई एडवांस आईआईटी प्रवेश परीक्षा के लिए उपस्थित होने योग्य है उनकी सूची भी घोषित की गई है। यदि आंकडों की बात की जाए तो 9.5 लाख बच्चों में से 2.4 लाख बच्चों ने जेईई एडवांस के लिए पात्रता हांसिल की है। इनमें से 14000 बच्चों को इंजिनियरिंग के लिए चुना जाएगा। 
हिन्दुस्तान जिंक द्वारा ग्रामीण बच्चों के सपनों को साकार करने के लिए उन्हें उच्च शिक्षा से जोडने हेतु चलाए जा रहे कार्यक्रम ऊंची उड़ान के लिए इस वर्ष कुल 24 बच्चों ने जेईई मेन्स के लिए परीक्षा दी थी जिनमें से 11 बच्चों- 3 बालिकाएं एंव 8 बालकों का चयन जेईई एडवांस के लिए हुआ है जो कि मई माह में होने वाली इस परीक्षा के लिए दिन रात मेहनत कर रहे है। भीलवाड़ा, चित्तौडगढ़, राजसमंद, उदयपुर और उत्तराखंड के पंतनगर के इन बच्चों को उदयपुर में रिजोनेन्स संस्थान द्वारा हिन्दुस्तान जिं़क के सहयोग से निःशुल्क आवासीय कोंचिंग की सुविधा प्रदान की जा रही है। 24 बच्चों में से इन 11 के जेईई एडवांस में प्रवेश पात्रता के बाद बचे हुए 13 विद्यार्थियों के भी हौंसले बुलन्द है और वें पुनः इंजिनियरिंग सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयारी में जुट गए है। ये बच्चें इन जिलों के ग्रामीण क्षेत्र से निकलें वें होनहार है जिनमें क्षमता तो है लेकिन इनके पास संसाधन नहीं थे। जिन्हें हिन्दुस्तान जिं़क के ऊंची उड़ान कार्यक्रम के जरियें इनके सपनों को पुरा करने के लक्ष्य की ओर अग्रसर है। 
सफल हुए होनहार
अंशुल जैन, निवासी कोठिया, भीलवाड़ा,संजय जीनगर, हुरडा भीलवाड़ा, गोविंद मेनारिया,भैरूलाल तेली गंगरार, चित्तौडगढ़, रानी खटीक, रेलमगरा,राजसमंद, प्रवीण डांगी गिर्वा देबारी,हेमंत गुर्जर पोलो ग्राउण्ड, लक्ष्मण खटीक, मावली उदयपुर,बिट्टु चंद्रा, रूद्रपुर,पंतनगर, अंजली जैन,उधम सिंह नगर,पंतनगर उत्तराखंड, रेशमा कुमारी मीणा,सराडा, जावर उदयपुर।

ऊंची उड़ान’कार्यक्रम के बारे में 
हिन्दुस्तान जिं़क द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के मेधावी छात्र-छात्राओं को उत्कृष्ट कोचिंग प्रदान कराने के लिए ‘ऊंची उड़ान’ कार्यक्रम की शुरूआत की है। हिन्दुस्तान जिं़क की हेड-सीएसआर श्रीमती नीलिमा खेतान ने ‘ऊंची उड़ान’ कार्यक्रम के बारे में बताया कि कंपनी अपनी इकाईयों के आस-पास रहने वाले लोगों की षिक्षा, सामाजिक एवं आर्थिक विकास के प्रति सदैव कटिबद्ध है। उन्होंने बताया कि जिं़क द्वारा ग्रामीण बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए शिक्षा सम्बल एवं ऊंची उड़ान जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। इस कार्यक्रम के तहत आर्थिक रूप से असक्षम 63 मेधावी छात्र-छात्राओं का चयन किया गया है। चयनित विद्यार्थियों को आई.आई.टी. एवं अन्य प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए उत्कृष्ट कोचिंग प्रदान की जा रही है।
यह उदयपुर में दो वर्षीय स्कूल एकीकृत आवासीय कोचिंग है। रेज़ोनेन्स एडवन्चर्स प्रा.लि. एवं विद्या भवन कोचिंग के लिए भागीदार संस्थाएं हैं। रेज़ोनेंस एडवेन्चर्स आई.आई.टी. कोचिंग, प्रतिभा खोज एवं छात्रवृत्ति परीक्षाओं की तैयारी कराने तथा विभिन्न प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में बैठने वाले इच्छुक उम्मीदवारों को कक्षा प्रशिक्षण प्रदान कराने के क्षेत्र में एक प्रसिद्ध नाम है। रेज़ोनेंस द्वारा आई.आई.टी. परीक्षा के लिए छात्रों को मार्गदर्शन के साथ 11वीं एवं 12वीं के छात्रों को फिजिक्स, केमिस्ट्री एवं मैथ्स की नियमित पढ़ाई कराने की जिम्मेदारी भी पुरी की जा रही है। छात्रों को विद्यालय, छात्रावास और अन्य सुविधाओं के लिए विद्या भवन, उदयपुर सहयोगी है । 

ज्ञातव्य है कि उदयपुर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, अजमेर एवं पंतनगर जिलों में वर्ष 2017 में शुरू किया गया था जिसमें पहले बैच में 30 व दूसरें बैच में 32 छात्र-छात्राओं का चयन किया गया है। इन चयनित विद्यार्थियों को आवासीय स्कूलों में कोचिंग के माध्यम से 11वीं एवं 12वीं की नियमित पढ़ाई के साथ-साथ आई.आई.टी. की तैयारी करवाई जा रही है। 


 


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