विश्व दूरसंचार एवं सूचना समाज दिवस 2019

( 11781 बार पढ़ी गयी)
Published on : 18 May, 19 05:05

संचार क्षेत्र में देश को वैश्विक मानकों वाली स्वदेशी तकनीकों को विकसित करना होगा : प्रोफेसर सुनील जोशी

विश्व दूरसंचार एवं सूचना समाज दिवस 2019

 

देश में 5 जी आने में अभी समय लगेगा। इसके लिए वृहत पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करना होगा। नए टावर लगाने होंगे व मोबाइल सेट भी नए आएंगे। यद्यपि  बंगलोर व कोलकाता में 5 जी पायलट प्रोजेक्ट शुरू होने वाले हैं , आशा की जानी चाहिए कि वर्ष 2022 तक आम नागरिकों तक 5 जी सुविधा उपलब्ध होगी।

 यह विचार सी टी ए ई के प्रोफेसर डॉ सुनील जोशी ने विश्व संचार दिवस पर इंस्टिट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स के सभागार में व्यक्त किये। डॉ जोशी ने कहा कि संचार क्षेत्र में देश को वैश्विक मानकों  वाली स्वदेशी तकनीकों को विकसित  करना होगा। उद्योग जगत को स्वदेशी शोध व विकास में  मदद करनी होगी।

 

 मुख्य अतिथि विद्या भवन पोलीटेक्निक के प्राचार्य डॉ अनिल मेहता ने कहा कि 5 जी से स्पीड तो बढ़ेगी लेकिन पर्यावरण व जीव जगत पर दुष्प्रभाव और गहरे होंगे। मेहता ने आशंका जताई कि मोबाइल रेडिएशन को पानी व पौधे  अवशोषित करेंगे व इससे जलीय पर्यावरण व मानव स्वास्थ्य बुरी तरह प्रदूषित होंगे। मेहता ने कहा कि अन्य प्रदूषक तत्वों की तरह मोबाइल रेडिएशन से झीलों , तालाबों, पौधों पर दुष्प्रभाव पर विस्तृत शोध होना चाहिए। मेहता ने कहा कि ग्वार पाठा,केक्टस सहित कई पौधे मोबाइल रेडिएशन को सोख सकते हैं । वैज्ञानिकों को इस दिशा में भी शोध करना चाहिए।

 कार्यक्रम का संचालन करते हुए इंस्टिट्यूशन के  पूर्व अध्यक्ष अनिरुद्ध सिंह चूंडावत ने संचार तकनीकी के क्रमबद्ध विकास को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि संचार का उद्देश्य विकास व प्रगति है और इसके लिए मानकीकरण जरूरी है।


साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.