प्रतापगढ़/ राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर के तत्वाधान में बाल विवाह रोकथाम अभियान की कड़ी में आज जिला विधिक सेवा प्राधिकरण प्रतापगढ़ के अध्यक्ष राजेन्द्र कुमार शर्मा (जिला एवं सत्र न्यायाधीश) के मार्ग निर्देशन में बाल विवाह रोकथाम अभियान को गति देते हुए प्राधिकरण के सचिव (अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश) लक्ष्मीकांत वैष्णव ने एक संगोष्ठि का आयोजन किया। आयोजित संगोष्ठि में जिला कलक्टर श्यामसिंह राजपुरोहित ने शिरकत की।
आयोजित संगोष्ठि में जिला कलक्टर ने उपस्थित समस्त प्रबुद्धजनां से अपील की कि अपने क्षेत्र में पीपल पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित होने वाले बाल विवाहों के संबंध में प्रशासन को अवगत करावें ताकि ऐसे अनैतिक कार्य को होने से पहले रोका जा सके। प्रशासन इस हेतु कटिबद्ध है।
इसी अवसर पर गर्मियां के मौसम को देखते हुए न्यायालय परिसर में पक्षियों के लिये परिण्डे बांधे गये। इसी अवसर पर प्राधिकरण सचिव लक्ष्मीकांत वैष्णव ने कहा कि पर्यावरण को बचाने का अर्थ परिंदों को बचाना भी है। परिंदे प्रकृति के दूते हैं, इसलिये वे हमे और पर्यावरण दोनों को संवारते और संदेश देते हैं। परिण्डे बांधने की इस मुहिम की सराहना करते हुए कहा कि इसे परंपरा का हिस्सा बनाया जाना चाहिये ताकि पशु पक्षियों को दाना-पानी मिलता रहे। पशु-पक्षियों, पौधों और हरियाली का होना ही हमारे होने की शर्त है, जब तक इनका जीवन बना और बचा रहेगा, तब तक ही हमारा भी अस्तित्व रहेगा।
आयोजित कार्यक्रम में जिला एवं सेशन न्यायाधीश राजेन्द्र कुमार शर्मा, जिला कलक्टर श्यामसिंह राजपुरोहित, विशिष्ठ न्यायाधीश एन.डी.पी.एस सुनिल कुमार पंचोली, न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय श्रीमती आशा कुमारी, न्यायाधीश एमएसीटी महेन्द्र कुमार मेहता, ए.सी.जे.एम. प्रतापगढ विक्रम सांखला, ए.सी.जे.एम. अरनोद श्रीमती कुमकुमसिंह, सिविल न्यायाधीश कृष्ण कुमार अहारी, अतिरिक्त सिविल न्यायाधीश जयश्री मीणा एवं साथ ही जिला अभिभाषक संघ के अध्यक्ष सी.पी. सिंह ढलमू भी मौजूद रहे, जिन्होनें अपने-अपने विचार व्यक्त किये एवं बाल विवाह रोकथाम हेतु भरसक प्रयास करने हेतु समस्त प्रबुद्धजनों से आग्रह किया।