जैसा काम था,वैसे ही रौशनी से भर गये जहाँ

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Published on : 17 May, 19 07:05

घर रौशन करते थे,अब नेत्रदान से दुनिया कर गये रौशन

जैसा काम था,वैसे ही रौशनी से भर गये जहाँ

आर के पुरम निवासी सेठी डेकोरेटर्स के नाम से सालों से शहर.वासियों के घरों से अँधेरा दूर भगाने वाले 61 वर्षीय, श्री अनिल सेठी जी श्रोजीश् का कल शाम आकस्मिक निधन हो गया । अत्यंत मिलनसार,मधुर स्वभाव व सरल व्यक्तित्व के धनी अनिल जी को शहर के हर समाज,धर्म व उम्र का व्यक्ति जुड़ा हुआ था । वह हर समय अपने और अनजान लोगों के लिये किसी भी तरह की सेवा के लिये हमेशा तैयार रहते थे । वह पत्नि आशा और बेटी नेहा को बिना बताये भी कई निर्धन असहाय लोगों की मदद कर दिया करते थे| साथ ही उन्होंने परिवार के सदस्यों के अलावा अपने सभी रिश्तेदारों को यह भी कह दिया थाए की जब भी मैं इस दुनिया से चला जाऊं तो मेरे नेत्रदान अवश्य करवा देना। कल रात जब,उन्होंने घर पर अंतिम साँस ली,तो आशा जी ने,बेटी नेहा को याद दिलाया कि किसी भी तरह से अपने पिता की अंतिम इच्छा को पूरा करो। नेहा ने अपने मौसरे भाई राहुल सेठी जो कि काफ़ी समय से  नेत्रदान के लिये काम कर रही संस्था शाइन इंडिया फाउंडेशन से भी जुड़े है,उनको संपर्क कर नेत्रदान करवाने के लिये कहा । राहुल जी ने संस्था सदस्यों से संपर्क कर घर पर ही नेत्रदान की प्रक्रिया करवाने को कहा । संस्था सदस्य ने अनिल जी के पार्थिव शव की आँखों पर गीली पट्टी रखएपंखा बंद रखने को कहा, उसके बाद बिना किसी देरी के आधे घण्टे में आई बैंक सोसायटी के तकनीशियन को लेकर उनके घर पर पहुँच गये, और नेत्रदान की प्रक्रिया पूरी की ।


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