कोटा । बच्चों में दस्त और डायरिया से होने वाली मौतों पर अकुंश लगाने के लिए कोटा सहित प्रदेशभर में चिकित्सा विभाग की ओर से २८ मई से ९ जून तक दस्त नियंत्रण पखवाडा चलाया जाएगा। इसके तहत ओआरएस के पैकेट व जिंक की गोलियां वितरित की जाएंगी। शुक्रवार को आयोजित वीडियो क्राॅफ्रेंस में निदेशक आरसीएच डॉ श्रीराम मीणा एवं पीडी शिशु स्वास्थ्य डॉ रोमिल सिंह ने जिला एवं ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों से पखवाडे की तैयारियों को लेकर समीक्षा की और आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होने बताया कि दस्त पांच वर्ष से छोटे उम्र के बच्चों में मृत्यु का एक प्रमुख कारण है। प्रदेश में लगभग १० हजार बच्चों में एक वर्ष में करीब दो बार दस्त होने की संभावना होती है। दस्त से होने वाली मृत्यु अथवा जटिलताओं की संभावना प्राय गर्मियों में एवं मानसून के मौसम में रहती है। उन्होने बताया कि दस्त से मुख्य रूप से शहरी बस्तियों और सामाजिक एवं आर्थिक रूप से कमजोर लोग प्रभावित होते हैं।
उन्होंने जिला वार जिंक टेबलेट्स और ओआरएस पैकेट्स की उपलब्धता की जानकारी लेत हुए चिकित्सा संस्थान व आंगनबाडी केन्द्र तक जिंक टेबलेट और ओआरएस के पैकेट्स की उपलब्धता तथा चिकित्सा संस्थानों पर ओआरएस, जिंक कॉर्नर स्थापित करने के निर्देश अतिरिक्त/उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी परिवार कल्याण एवं बीसीएमओ को दिए। परियोजना निदेशक डॉ सिंह ने शिक्षा विभाग एवं महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ समन्वयक स्थापित कर कार्य करने पर जोर देते हुए कहा कि पखवाडे में आंगनबाडी कार्यकर्ता व आशा सहयोगिनी की भूमिका भी अहम रहेंगी। आशा सहयोगिनी द्वारा जिन घरों में ५ साल तक के बच्चे हैं, उनमें अभियान में घर-घर तक ओआरएस का पैकट वितरित करेंगी। इस दौरान अनिमिया मुक्त राजस्थान, डीवर्मिंग-ड,े नीपी व व्हीप्स कार्यक्रमों की भी समीक्षा की गई।
ये रहे मौजूद - वीडियो कांफ्रेसिंग में उप मुख्य चिकित एवं स्वास्थ्य अधिकारी परिवार कल्याण, जिला औषधि भंडार प्रभारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, शहरी कार्यक्रम प्रबधंक, जिला लेखा प्रबंध, डीएनओ, जिला आईईसी समन्वयक, आशा समन्वयक व ब्लॉक स्तर से बीसीएमओ, बीपीएम, चिकित्सा अधिकारी प्रभारी आदि मौजूद थे।