सरकार द्वारा श्रमिकों को समय पर योजना की सहायता रोकने के विरोध में आन्दोलन

( 2537 बार पढ़ी गयी)
Published on : 09 May, 19 03:05

सरकार द्वारा श्रमिकों को समय पर योजना की  सहायता रोकने के विरोध में आन्दोलन

कमठा मजदूर यूनियन बाड़मेर  आन्दोलन  करेगी कमठा मजदूर यूनियन बाड़मेर के अध्यक्ष लक्ष्मण बडेरा ने राज्य सरकार द्वारा श्रमिकों को समय पर योजना की  सहायता रोकने के विरोध में आन्दोलन करेगी कमठा मजदूर यूनियन के अध्यक्ष लक्ष्मण बडेरा,महामंत्री नारायण सिंह दहिया ने2016 में शुभ शक्ति योजना के तहत मजदूर की आठवीं पास 18 वर्षीय लड़की के लिए 55,000 की सहायता थी इस योजना में 271831 आवेदन श्रम विभाग को पेश किए गए जिसकी कुल सहायता राशि 15 अरब 33लाख  के करीब होती है इसी तरह मजदूरों के बच्चों को पढ़ाने के लिए सरकार की शिक्षा व कौशल योजना के तहत मजदूर के दो बच्चों पर सहायता राशि दी जाती है जिसमें 673926 आवेदन पेश हुए जिनकी सहायता राशि 60 करोड़ 65,33,000 के करीब है इसी तरह मजदूर के घर में डिलीवरी होने पर प्रसूति सहायता के योजना है  53 हजार 940 आवेदन पेश हुए जिनकी सहायता राशि 107880000 होती है वह भी मजदूरों को 2 साल से नहीं दी जा रही है मजदूरों की मृत्यु पर राजस्थान के श्रम विभाग के पास में 27695 सहायता आवेदन श्रम विभाग के पास पेंडिंग है जिनकी सहायता राशि 55 करोड़ 40 लाख से अधिक होती है और इसी तरह सिलिकोसिस पीड़ित के लिए सहायता योजना में 3060 पीड़ित के सहायता आवेदन श्रम विभाग के पास है जिनकी सहायता राशि 61 करोड से ऊपर होती है इसी तरह मजदूरों के लिए टूलकिट सहायता योजना में 23187  आवेदन पेश है जिनकी सहायता राशि 4 करोड़ 63लाख से ऊपर होती है और इसी तरह प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना वह प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना वो प्रधानमंत्री अटल पेंशन योजना के तहत श्रम विभाग में पंजीकृत मजदूरों को 50% सहायता राशि श्रम विभाग को देनी होती है लेकिन 1592मजदूरों के आवेदन आज दिन तक स्वीकृत ही नहीं किए गए इसी तरह निर्माण श्रमिकों के लिए आवास योजना बनी हुई है उस आवास योजना में11439 आवेदन पेश है लेकिन एक भी आवेदन को मंजूर नहीं किया इसलिए जो मजदूर बेघर है उसका सपना अधूरा हो गया इस तरह पूरे राजस्थान में 30 अरब 39 करोड 33 लाख से अधिक की सहायता राशि मजदूरों की श्रम विभाग ने रोक रखी है राजस्थान के सभी मजदूरों ने योजनाओं के माध्यम से आवेदन किया है उन मजदूरों को सहायता राशि नहीं दी जा रही है और मजदूरों को इन सहायता राशि योजनाओं से वंचित किया जा रहा है और सरकार के उच्च अधिकारी मजदूरों को वंचित करने के लिए समय-समय पर रोड़े अटका ने वह अड़चने डालने का काम कर रहे हैं इससे राजस्थान के सभी मजदूरों में इस सरकार के प्रति भारी रोष व्याप्त है इसलिए श्रमिक यूनियनों ने इस बार अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाने का बहिष्कार किया है ताकि सरकार के कानों तक यह आवाज पहुंचे कि मजदूरों के अरबों रुपए पर कुंडली मारकर क्यों सरकार बैठी हैं इसलिए सरकार विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित करने का मजदूरों को सपना दिखाया और उस सपने को इस सरकार ने किसी भी सूरत में पूरा नहीं किया और इससे पूर्व में जो सरकार थी उस सरकार ने मजदूरों के पैसे से भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना में 33 करोड़ से भी अधिक का पैसा भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना में दिया और एक भी मजदूर को इस योजना का लाभ नहीं दिया तथा जनश्री बीमा योजना में 1 करोड से अधिक की राशि श्रम विभाग के अधिकारियों ने एलआईसी को दे दी वह पैसा मजदूरों के किसी काम नहीं आया इसी तरह राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना में भी 71 लाख से भी अधिक की राशि दे दी लेकिन राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना में मजदूर को स्वास्थ्य लाभ नहीं मिला इसी तरह नेशनल पेंशन योजना में भी   1 करोड़ 24  लाख रुपए बर्बाद कर दिए राज्य में  सवा दो लाख मजदूर पंजीकृत है उनके सहायता आवेदन अफसरों के पास स्वीकृति के इंतजार में पड़े हैं और मजदूर सहायता को तरस रहे हैं लेकिन सरकार और सरकार के अधिकारी मजदूरों की सहायता राशि पर कुंडली मारकर बैठे हैं जो बहुत ही गलत है अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस  के दिन भी एक भी श्रमिक को सहायता नही देकर मजदूरों के साथ विश्वासघात किया  सरकार और अफसरों के इस कार्य शैली की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं|


साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.