बाबा रामदेव जन्म स्थली मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव 6 दिसंबर को

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Published on : 06 May, 19 05:05

बाबा रामदेव जन्म स्थली मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव 6 दिसंबर को

जन जन के सामाजिक समरसता के प्रतिक लोक देवता बाबा रामदेव की जन्म स्थली रामदेरिया में नवनिर्मित भव्य मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव 6 दिसंबर 2019 को होगा। प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में सबसे पहले जाजम का मुहूर्त होगा, इसके बाद भगवान गणेश स्थापना, लक्ष्मी पूजन, लोक देवता बाबा रामदेव का पूजन के साथ-साथ बाबा रामदेव के चौपड़ा का पूजन होगा। इस महोत्सव में देश भर से हजारों साधु संतों व गणमान्य श्रद्धालुओं को आमंत्रित किया गया है। साथ ही 6 मई को जाजम का मुहूर्त प्रारंभ हो रहा है। इसके बाद से महोत्सव को लेकर तैयारियां प्रारंभ हो जाएगी।
ट्रस्ट के उप सचिव ओमप्रकाश चंडक ने बताया कि बाबा रामदेव की जन्म स्थली रामदेरिया में नवनिर्मित भव्य मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को देश व्यापी बनाने के लिए औद्योगिक नगरी सूरत में 11 से 20 अक्टूबर 2019 को संत श्री मुरलीधरजी महाराज के मुखारविन्द से रामकथा का आयोजन रखा गया है, जिसका लाइव प्रसारण भक्ति चैनलों के माध्यम से किया जाएगा, जिससे देश और विदेशों में रहने वाले बाबा रामदेव जी के श्रद्धालुओं को महोत्सव के बारे में जानकारी मिल सकेगी। इस महोत्सव में प्रधानमंत्री व राजस्थान के मुख्यमंत्री का आमंत्रित किया गया है। उन्होंने बताया कि महोत्सव की तैयारियों को लेकर संत मगनपुरी भियाड़ मठ, ओंकार भारती परेउ मठ, स्वामी प्रतापपुरी तारातरा मठ, गणेश नाथ नागड़दा मठ, सूरत के उद्योगपति चैनराज चौपड़ा, महेन्द्र जैन, भरत भाई, भामाशाह नवल किशोर गोदारा, समाजसेवी ओमप्रकाश मेहता, ताराचंद जाटोल, नारायण राठी, समिति अध्यक्ष मगाराम चौधरी, काषमीर ग्राम पंचायत सरपंच बनाराम, सचिव खिंयाराम चौधरी, रावतराम, मोटाराम, गेनाराम, धुराराम, ओमप्रकाश, तिलोकाराम आदि देश के कोने कोने से आने वाले श्रद्धालुओं के सानिध्य में रखी गई है। व्यवस्थाओं को सफल बनाने के लिए स्थानीय नवयुवकों की टीम रावताराम राव के नेतृत्व में कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव निमित विभिन्न व्यवस्थाओं के लिए भामाशाह लाभ ले सकते है।  इनमें जाजम बिछाने के लाभार्थी, मंच व पण्डाल के लाभार्थी, माईक व साउण्ड, लाईट व जनरेटर, आमंत्रण पत्रिका, प्रचार प्रसार सामग्री, मंदिर डेकोरेषन, पेयजल, चाय कॉफी दूध व्यवस्था, छह दिन सुबह षाम भोजन के अलग-अलग लाभार्थी, सातवे दिन महाप्रसादी के लाभार्थी, भोजनषाला के पांच पाण्डाल के लाभार्थी, यात्रियों के लिए टेंट रूम मय बाथरूम बनाने के लाभार्थी, सात दिन रात्रि जागरण, रोड के दानों साइड सजावट, मंदिर व पण्डज्ञल में फूलों की सजावट, हवन मंडप, झांकी व्यवस्थाएं, षोभायात्रा में रथ, हाथी, पांच घोड़ों, रामदेव जी के माता पिता की झांकी के लाभार्थी, बैण्ड बाजा व ढोल के लाभार्थी, षोभायात्रा में ड्रोन द्वारा पुश्प वर्शा के लाभार्थी, साफा-चुंदड़ी, मालाएं, तिलक, श्रीफल एवं मोमन्टो, संत महात्माओं को षॉल व भेंट दक्षिणा के लाभार्थी, हवन सामग्री के लाभार्थी, फोटोग्राफी व विडियोग्राफी के लाभार्थी, मंदिर में चार तिजोरी के लाभार्थी आदि व्यवस्थाओं के लिए भामाशाह भाग ले सकते है। 


 


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