इस बार जालोर सिरोही भाजपा प्रत्याशी की राह आसान नही

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Published on : 17 Apr, 19 08:04

गहलोत की जालोर सीट पर है कड़ी नजर

इस बार जालोर सिरोही भाजपा प्रत्याशी की राह आसान नही

सिरोही | जालोर सिरोही के सांसद देवजी एम पटेल की इस बार राह आसान नही रहेगी, पिछली बार मोदी लहर में नैय्या पार लग गई थी..पर इस बार यह असर भी नही दिख रहा..सांसद के प्रति लोगो मे आक्रोश है.. वही लोगों का आरोप है कि सांसद का समस्त ध्यान जालोर कि ओर ही रहता है..जिससे सिरोही जिला दिनों दिन विकास की राह में पिछड़ रहा है आज भी सिरोही में मेडिकल कॉलेज का अभाव है.. डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए विधार्थियो को अन्य शहरों का रुख करना पड़ता है जहां मोटी भरकम फीस भी अदा करनी होती है ऐसे में कई विधार्थियो का डॉक्टर बनने का सपना धरा का धरा रह जाता है..इसके पीछे वजह यह रहती है कि हर परिवार आर्थिक रूप से इतना सक्षम नही होता की अपने बच्चों को डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए बड़े शहरों में भेज सके..। तो दूसरा पहलू यह भी है कि बालाओ की भी डॉक्टर बनने की इच्छा दबी की दबी रह जाती है…परिवार वाले किसी बड़े शहर में बालाओ को भेजने से कतराते है। ऐसे में सिरोही में यदि मेडिकल कॉलेज खुला होता तो डॉक्टरी की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के किए वो संजीवनी बूटी का कार्य करता..लेकिन पिछले दस वर्ष के कार्यकाल में सांसद यह सम्भव नही करवा पाएं..। फिर सिरोही जिला शिक्षा जगत में कैसे आगे पढ़ पायेगा.। वही लोगों का आरोप यह भी पिछड़े ज़िले की सूची में सम्मिलित सिरोही में ऐसा कोई विकास कार्य नही दिख रहा जिससे बलबूते पर जनता इस बार भी उनको सेवा का अवसर दे भले ही पार्टी ने तीसरी बार प्रत्याशी बनाकर भेजा हो पर इस बार राह आसान नही दिख रही..युवा भी काफ़ी खफ़ा नजर आ रहें है जो आगामी चुनाव के लिए घातक सन्देश है..।

 

जमीन पर विकास ugh fnखा

विकास को लेकर बड़े बड़े मंचो से नेताओ द्वारा वादे तो खूब किए जाते है, लेकिन जब जमीनी स्तर पर तहक़ीक़ात की जाती है तो कई सवाल खड़े हो जाते है, जी हां यह हमें इसलिए कहना पड़ रहा है कि सिरोही जिला मुख्यालय से 42 किलोमीटर व पंचायत समिति पिंडवारा से 17 किलोमीटर कि दूरी पर स्थित ठंडीवेरी गाँव है जो भाजपा के मौजूदा जालोर सिरोही सांसद देवजी एम पटेल द्वारा सांसद आदर्श गाँव योजना के तहत गोद लिया हुआ गाँव है। 11 अक्टूबर 2014 को प्रारम्भ की गई सांसद आदर्श ग्राम योजना (SAGY) का उद्देश्य गांवो ओर वहाँ के लोगों में उन मूल्यों को स्थापित करना है, जिसमे वे स्वयं के जीवन मे सुधार कर दूसरों के लिए एक आदर्श गाँव बने । लेकिन यह गाँव आज भी मूलभूत सुविधाओ से वंचित नजर आ रहा है।

 

गाँव मे नही है पेयजल की समुचित व्यवस्ता ग्रामीण खा रहें है दर दर कि ठोकरे –

मनुष्य के जीवित रहने के लिए पानी मुख्य आवश्यक घटक है, ओर वो ही शुद्ध रूप में उपलब्ध न हो तो क्षेत्र के रहवसियों की क्या दशा होती होगी। गाँव के अधिकांश हैडपम्प खराब है व सुख गये है। पानी के लिए ग्रामीण दर-दर की ठोकरे खाने के लिए विवश है। बड़ी विडम्बना का विषय तो यह है कि सांसद देवजी एम पटेल द्वारा ठंडीवेरी गाँव को गोद लेने के बाद कभी उस गाँव के हाल चाल जानने के लिए भी आ जाते तो भी ग्रामीणो को सन्तुष्टि मिल जाती। मात्र ओपचारिकता के तौर पर एक या दो बार आकर औपचारिकता भले ही निभाई हो, लेकिन गाँव को विकास के मार्ग पर आगे ले जाने मे सफल नही हो पाएँ। आज भी गाँव में मूलभूत सुविधाओं का अभाव नजर आ रहा है । यह हाल तो मानुष का है, आप कल्पना कीजिए कि इस गाँव के मवेशियो कि क्या दुर्दशा होगी, उन अनबोले जीवों कि कैसे प्यास बुझती होगी। ग्रामीण बताते है कि कई दुर्गम फलियों में हैडपम्प से मवेशियों को पानी दिया जाता है..गाँव मे ग्रामपंचायत का भवन तक नही है ऐसे में ग्रामपंचायत को कार्यों को सम्पादित करने में बड़ी कठिनाइयां झेलनी पड़ रही है.. वही डाकघर के लिए भी कोई भवन नही नजर आया जहां डाकघर को व्यवस्थित रूप में संचालित किया जा सकें.।

 

सांसद के आदर्श गाँव में चिकित्सा सुविधाओं का अभाव –

सांसद के आदर्श गाँव में न मात्र का उप स्वास्थ्य केंद्र हैं, जिसकी हालत देख कोई नही कहेगा कि यह उप स्वास्थ्य केंद्र है, यह हम इसलिए कह रहें है कि जिस खस्ता हालत मे भवन है इससे यह अनुमान लगाया जा सकता है की उक्त भवन मे ग्रामीणो को इलाज करवाएँ कई वर्ष हो गए होगे, न पोस्ट भरी हुई है ओर न ही व्यवस्थित भवन है,कभी कभी ANM आती होगी तो है। लेकिन यहां ग्रामीणों को किसी सरकारी योजना का फ़ायदा नही मिल रहा आज भी ग्रामीणों को किसी बीमारी का इलाज करवाने हेतु अन्य हॉस्पिटलों का सहयोग लेना होता है, ऐसे मे सवाल यह उठता है की आखिर ठंडीवेरी के ग्रामीणो को बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था का लाभ मिले यह जवाबदेही किसकी फिर? मात्र गाँव को गोद लेकर वाह वाही लूटना कहा तक न्यायोचित है। सांसद चाहते तो ग्रामीणो को बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था गाँव के ग्रामीणों को मिले इसके लिए प्रयास कर सकते थे, पर आज भी ग्रामीण बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था से वंचित है।

 

सांसद आदर्श गाँव की सड़के खस्ता हालत मे –

जालोर सिरोही के वर्तमान सांसद देवजी एम पटेल के आदर्श गाँव के सड़क मार्ग देखकर आप भी हैरत में पड़ जाएंगे इतने डेंजर हालत में गाँव की सड़के जो हर समय भयंकर हादसो को खुला न्योता दे रही है, गाँव के अधिकांश फलियो में सड़क मार्ग दयनीय हालत में है। जो सांसद महोदय के आदर्श गाँव के विकास कार्यो की पोल खोल रहे है। यदि किसी व्यक्ति को अकस्मात रूप से कई आगे रैफर करना हो या इलाज..के लिए चौपहिया वाहन का सहयोग लेना हो तो शायद ही उन दुर्गम स्थानों पर वो वाहन पहुँच भी पाएं..।

 

विद्यालय के भवन का लोकार्पण कर लूटी वाहवाही नही करवा पाए विधुत कनेक्शन-

सांसद देवजी एम पटेल द्वारा ठंडी वेरी के वरली खुणा के विद्यालय का लोकार्पण कर खूब वाहवाही लूटी..लेकिन विद्यालय को विद्युत कनेक्शन तक मुहैया नही करवा पाएं सांसद महोदय..ऐसे में इस तपिश के मौसम में विद्यालय में अध्ययनरत 102 विद्यार्थियों की क्या हालत होती होगी। इस बात का अंदाजा हम लगा ही सकते है..। विद्यालय के विद्यार्थियों को स्वच्छ पानी उपलब्ध हो उसके लिए भी इस विद्यालय में कोई समुचित व्यवस्था नजर नही आई..।

 

फिर सांसद आदर्श गाँव में सांसद ने क्या विकास कार्य करवाए?

पड़ताल के दौरान गाँव की सड़कें खस्ता नजर आई, तो गांव में पेयजल व्यवस्था, इत्यादि भी उम्दा नही है…ऐसे में सांसद द्वारा ऐसे कोई विकास के कार्य यहां नजर नही आएं जिससे यह कहाँ जा सके कि गाँव विकास के पथ पर आगे बढ़ा हो..। गाँव मे आज भी कई घरों में विधुत का अभाव है, तो कई लोग आज भी कच्चे मकानों में रहने को मजबूर है..न पशुओं के लिए चिकित्सा की समुचित व्यवस्था है ओर न आमजन के लिए उत्कृष्ट स्वास्थ्य व्यवस्था है..।

 

गाँव को गोद लेने के बाद सांसद नहीं दिखे जनता के सुख दुःख में साथ :-

कहने को तो ठंडी वेरी गाँव सांसद का गोद लिया हुआ गाँव है, आमजन को बड़ी उम्मीद थी गाँव विकास के पथ पर नई ऊंचाइयों पर जाएगा लेकिन ग्रामीणों के सारे अरमानों पर पानी फिरा आज भी ग्रामीण कई समस्याओं को झेल रहे है..ओर अपना जीवन यापन कर रहें है…। ग्रामीणों के सुख दुःख में भी सांसद उनके साथ नही दिखे। ऐसे में ग्रामीण काफ़ी खफ़ा दिख रहे है..। जनसेवक का नैतिक दायित्व बनता है कि हमेशा जब जनता पुकारे तब उनके साथ नजर आएं लेकिन यहां ऐसा कुछ नजर नही आया..जो ग्रामीणों को रास नही आ रहा.।

 

टोल पर सांसद की चुपी से भी है नाराजगी

सिरोही सिटी में व शिवगंज से रेवदर व जालोर जाने वाले वाहन नेशनल हाइवे पर बनी टर्नल का उपयोग नही करते है फिर भी उनसे हाइवे वाले उनसे बड़ी राशि टोल के रूप में वसूल कर रहे है जिसकी तरफ बीजेपी सरकार व सांसद का अनेक बार ध्यान मिडिया व जनता ने दिलाया व इस वसूली को रूकवाने की मांग की लेकिन वे 5 साल तक कुछ राहत नही दिला सके ।

 

कोई बड़ी उपलब्धि नही दिला पाए सांसद

5 वर्ष में सांसद कोई बड़ा तोहफ़ा जनता को विकास के रूप में नही दिलवा पाए । सिरोही में केंद्रीय विधालय,सेइ बांध का पानी न तो पिंडवाड़ा को न सिरोही को वे दिलवा पाए,माउन्ट आबू के विकास के लिए भी वे कुछ योजना केंद्र से नही दिलवा पाए,हवाई सेवा से भी सिरोही व आबूरोड को नही जुड़वा पाए ,हर तीन माह में सांसद की अध्यक्षता में होने वाली विकास विजिलेंस की बैठक में भी वे डाटने फटकारने व मीटिंगे अधूरी छोड़कर जाते रहे और घटिया सड़कों के निर्माण को लेकर मोके पर सेम्पलीग करवा कर मीडिया में सूर्यकिया बटोरने से आगे वे कुछ नही करवा सके ।

कुल मिलाकर आम मतदाता उनके 10 वर्ष के कार्यकाल से इतनी खुश नही है कि वो इस बार आसानी से जीत हासिल कर सके ।

 

काग्रेस की एक जुटता भी जीत में बड़ा रोड़ा है सांसद के

इस बार दोनो जिलो में सभी कांग्रेसी एक जुट होकर 10 साल की हार को अब जीत में बदलने के लिए दौड़ रहे है और खुद मुख्यमंत्री गहलोत इसकी मोनेटरिंग कर रहे है ।

जातिवाद को बढ़ावा देने से अब अन्य जातियों के नेता इस दौड़ में लगे है कि देवजी को तीसरी बार आने से रोका जावे ताकि सभी जातियों के नेताओ को सांसद बनने का मौका मिले ।

 

विश्नोई व संयम लोढ़ा भी निपटाना चाहते है देवजी को

इस चुनाव में जालोर के सुखराम विश्नोई जो कि वन मंत्री है वो ओर सिरोही के तेज तर्रार लोकप्रिय युवा विधायक संयम लोढ़ा भी दिनरात एक कर काग्रेस को जिताने के लिए रणनीति तैयार कर उस पर अपनी टीम को लगा कर काम कर रहे है । देवजी से राजपुतो, मालियों,विश्नोई, पुरोहितो की नाराजगी ने उनकी राह को कठिन बना दिया है ।

 

मोदी व आरएसएस के भरोसे है उनकी नैया

देवजी को यदि कोई पार लगा सकेगा तो वो है नरेंद मोदी की लहर व आरएसएस की मेहनत । इस बार नरेंद्र मोदी की कोई आम सभा होने के संकेत नही है इससे भी देवजी की राह आसान नही लगती है ।

 

संगठन मजबूत है बीजेपी का

अभी हाल ही में सम्पन्न विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की आपसी फुट के कारण कुल ८ विधानसभा सीट मे से कांग्रेस केवल १ सीट पर ही कब्जा कर सकी। बाकी ६ पर बीजेपी ने व एक पर कांग्रेस के बागी संयम लोढा ने कब्जा किया। कांग्रेस की ओर से कमजोर व जनता की इच्छा के विपरित टिकट देने से कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पडा। करारी हार से सबक लेते हुए अब कांग्रेस इस संसदीय सीट पर कब्जा करने के लिये अपने सब मतभेदो को भुलाकर हर स्तर पर एक जुट होकर दौड धुप कर रही है और बीजेपी के सांसद देवजी पटेल के प्रति जनता में जो नाराजगी है उसको भुनाने में लगी हुई है। बीजेपी भी अपने संगठन के बल बुते पर एवं मोदी सरकार की उपलब्धियों एवं सर्जिकल स्ट्राईक की बात जनता के बीच राश्ट्रवाद के साथ जोर षोर से भुनाने की रणनीति पर कार्य कर रही हे। बीजेपी के पांचो विधायक, दोनो जिला प्रमुख एवं प्रधान व नगरपालिका चेयरमेन भी बीजेपी को जीताने के लिये रणनीति तैयार कर रहे है।

मुकेश मोदी फैक्टर भी देवजी के लिए बड़ी परेशानी

आदर्श कॉपरेटिव के मुकेश मोदी व उनके सोसायटी में जुड़े हजारो परिवार भी देवजी से नाराज है इसका खुला प्रचार काग्रेस के रतन देवासी हर मीटिंग में कर देवजी पर गम्भीर आरोप मोदी को बर्बाद करने के लगा रहे है और देवजी इस मामले में पूरी तरह चुप है जिसका भी नुकसान देवजी को उठाना पड़ेगा । इस मामले में सोसायटी के कर्मचारी ,डिपॉजिटर्स व मोदी समर्थक देवजी की राह कठिन करने से पीछे हटने को तैयार नहीं लगते है ।

अब ऊंट किस करवट बैठता है इस पर सबकी नजरें है और अशोक गहलोत इन सारे हालातो में यह सीट जीतने की रणनीति में कोई कमी नही रखना चाहते है इसलिए वे इस पर पूरा जोर लगाएंगे यह साफ दिख रहा है ।


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