उदयपुर / बकरी के दूध की सफल लाॅचिंग के बाद अब जल्द ही बकरी के दूध से बना चीज़ भी बाजार में उपलब्ध होने जा रहा है। नवानिया स्थित राजकीय पशु चिकित्सा महाविद्यालय के डेयरी साइंस विभाग को यह जिम्मा सौंपा गया है। मंगलवार को संबंधित विभागों के साथ बैठक में जिला कलक्टर श्रीमती आनंदी ने इस दिशा में प्रभावी प्रयास करने के निर्देश दिए।
बैठक में पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डाॅ. ललित जोशी व चन्द्रशेखर भटनागर, सरस डेयरी के प्रबंध निदेशक उमेश गर्ग व गिरिराज शर्मा, राजीविका के नरपत सिंह जेतावत सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में बकरी के दूध की मार्केटिंग के नये तरीकों पर विस्तार से चर्चा की गई। पशुपालन विभााग की ओर से शीघ्र ही शहर में गोट-रैली का आयोजन कर शहर वासियों को बकरी के दूध से होने वाले फायदों के बारे में बताया जाएगा। शहर में स्थापित जिम, प्रातःकालीन भ्रमण करने वाले समूह एवं चिकित्सा केन्द्रों आदि से सम्पर्क कर जरूरतमंदों तक बकरी का दूध पहुंचाने की व्यवस्था की जाएगी।
दुग्ध उत्पादकों को पहले सप्ताह का भुगतान राजीविका के माध्यम से कर दिया गया है जिसे लेकर बकरी पालकों में खुशी की लहर है। जिस बकरी के दूध से अभी तक कोई आय नहीं होती थी उसके विक्रय से होने वाली आमदनी आदिवासी क्षेत्र के पशुपालकों के जीवन स्तर में अपेक्षित सुधार लाने की दिशा में कारगर साबित होने जा रही है।
गौरतलब है कि हाल ही में 8 अप्रेल को झाड़ोल के बाघपुरा गांव में बकरी के दूध की प्रदेश की पहली डेयरी स्थापित की गई। यहां पर पांच गांव के महिला स्वयं सहायता समूह के माध्यम से दूध का संग्रहण किया जा रहा है। सरस डेयरी के माध्यम से 200 मिलीलीटर की बोटल पैकिंग में मार्केट में उपलब्ध करवाया जा रहा है। इसकी कीमत आॅनलाइन शाॅपिंग वेबसाइट की तुलना में काफी कम है।