चित्तौडगढ । लोकतंत्र में चुनाव सर्वोच्च प्राथमिकता का कार्य है। चुनाव प्रक्रिया के मार्ग में अनेक चुनौतियाँ आती हैं, पर इनका समाधान भी होता है। हर अधिकारी अपनी जिम्मेदारी पूरी तरह निभाकर निर्वाचन कार्य को सुगम बना सकता है।
लोकसभा चुनाव के लिए नियुक्त मतदान अधिकारियों के द्वितीय प्रशिक्षण में मंगलवार को उप जिला निर्वाचन अधिकारी मुकेश कुमार कलाल ने केन्द्रीय विद्यालय के विभिन्न कक्षों में अपने संबोधन में कहा कि काफी कार्मिक अनुभवी है, फिर भी सतत् प्रशिक्षण के जरिए आपको सक्रिय एवं पुनर्नवा बनाया जा रहा है। नये अधिकारी अनुभवी अधिकारियों के अनुभव का लाभ उठाकर सिद्धहस्त बने। उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने प्रशिक्षणार्थियों को यह भी कहा कि चुनाव में जो भी अधिकारी नियुक्त किये गए है, वे सभी आपकी समस्याओं के समाधान करने के लिए है। उन्होंने केन्द्रीयकृत व्यवस्था के जरिए सभी प्रशिक्षणार्थियों को तनाव से बचने की विधि का ७ मिनट तक प्रायोगिक अभ्यास कराया।
उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने प्रशिक्षण स्थल पर की गई विभिन्न व्यवस्थाओं का भी अवलोकन किया। निरीक्षण के दौरान उनके साथ यूआईटी सचिव सी.डी. चारण, प्रशिक्षण के सहायक प्रभारी एवं जिला शिक्षा अधिकारी (मा.) शांतिलाल सुथार, सत्यनारायण शर्मा, कल्याणी दीक्षित, डीएलएमटी डॉ. कनक जैन, ओमप्रकाश पालीवाल एवं प्रशिक्षण समन्वयक दिनेश शर्मा मौजूद थे।
दिव्यांग एवं महिला मतदान अधिकारियों का प्रशिक्षण १९ को
लोकसभा चुनाव में जिले की पाँचों विधानसभा क्षेत्रों में एक-एक बुथ पर महिला मतदान अधिकारी नियुक्त रहेगी। इसी प्रकार एक बुथ पर दिव्यांग मतदान अधिकारियों को नियुक्त किया जाएगा। इस बारे में जानकारी देते हुए प्रशिक्षण प्रभारी विनय पाठक ने बताया कि महिला एवं दिव्यांग मतदान अधिकारियों का प्रथम प्रशिक्षण १९ अप्रैल को केन्द्रीय विद्यालय में ही आयोजित किया जाएगा। पूर्व में प्रसारित आदेशों के अनुसार उक्त प्रशिक्षण २० अप्रैल को आयोजित होना था। सभी दिव्यांग एवं महिला मतदान अधिकारियों को प्रशिक्षण में भाग लेना अनिवार्य है।