भारत विकास परिषद चिकित्सालय के हार्ट सर्जन डॉ. सौरभ शर्मा ने महिला को दिया नया जीवनदान

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Published on : 15 Apr, 19 09:04

60 मिनट तक बंद रहा महिला का दिल, सीपीआर से आई धड़कन, नाजुक हालत में किया वाल्व का सफल ऑपरेशन के डी अब्बासी

भारत विकास परिषद चिकित्सालय के हार्ट सर्जन डॉ. सौरभ शर्मा ने महिला को दिया नया जीवनदान

कोटा । धरती पर भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरों ने एक करिश्मा कर दिखाया, लगभग 60 मिनट तक दिल की धड़कन बंद होने पर मौत के मुंह में जा चुकी एक महिला को फिर से जीवनदान देकर उसकी जान बचा ली। भारत विकास परिषद चिकित्सालय एवं अनुसंधान केन्द्र के कार्डियक सर्जन डॉ. सौरभ शर्मा एवं उनकी टीम ने एक महिला मरीज के दिल की धड़कन बंद होने पर  गंभीर हालत में ऑपरेशन कर जान बचाई। केस इतना गंभीर हो चुका था कि सीरियस हालत में ऑपरेशन थियेटर में ले जाने वक्त ही महिला के दिल की धड़कन बंद हो गयी, लेकिन चिकित्सालय के अनुभवी डॉक्टरों एवं टीम ने महिला को फिर से जीवनदान दे दिया।

 

भारत विकास परिषद चिकित्सालय एवं अनुसंधान केन्द्र के कार्डियक सर्जन डॉ. सौरभ शर्मा ने बताया कि कोटा जिले के दीगोद कस्बे की रहने वाली 33 वर्षीय कैलाश बाई ने सांस भरने की शिकायत होने पर चिकित्सकीय सलाह पर जयपुर में हार्ट का ऑपरेशन कराया था। डॉक्टरों ने वहां महिला की हार्ट सर्जरी कर वाल्व का ऑपरेशन किया था। करीब एक महीने से महिला को सांस में तकलीफ होने पर परिजनों ने 5 अप्रेल को भारत विकास में भर्ती कराया। 

 

डॉ. सौरभ ने बताया कि महिला के दिल की जांच करने पर पता चला कि कैलाश बाई का वाल्व स्टक हो जाने से ऐसा हो रहा था। अस्पताल में उसका खून पतला करने के इंजेक्शन से इलाज शुरू किया, लेकिन मरीज को कोई राहत नहीं मिली। अमूमन इस तरह के स्टकवाल से ग्रस्त मरीज को इंजेक्शन देकर खून पतला किया जाता है, जिससे खून का थक्का घुल जाता है, लेकिन इस केस में मरीज के हार्ट के वाल्व में जमा खून का थक्का नहीं खुला। 

 

ओटी में ले जाते वक्त बंद हो गई धड़कन

 

डॉ. सौरभ ने बताया कि आराम नहीं मिलने पर 9 अप्रेल को मरीज की हालत एकदम गंभीर हो गई, मरीज को बैचेनी और सांस लेने में भारी तकलीफ हो गई। स्थिति को देखकर तुरंत ऑपरेशन के लिए मरीज को इमरजेंसी ओटी में ले जाने लगे, इसी दौरान मरीज का हार्ट कोलेप्स हो गया। दिल की धड़कन रूक गई। डॉक्टरों ने करीब एक घंटे तक लगातार मरीज को सीपीआर दी। जिससे मरीज का हार्ट थोड़ा बहुत चलने लगा, लेकिन मरीज का हालत काफी नाजुक थी। इस नाजुक एवं गंभीर स्थिति में डॉक्टरों ने हिम्मत व हौंसले से मरीज का रात आठ बजे ऑपरेशन शुरू किया। रात दो बजे तक ऑपरेशन कर वाल्व बदलकर मरीज को नया जीवनदान दिया।

 

डॉ. सौरभ शर्मा ने बताया कि अब मरीज की हालत बिल्कुल ठीक है और वेंटीलेटर भी हटा दिया गया है। 

 

ऑपरेशन में इनका रहा योगदान

 

ऑपरेशन की सफलता में भारत विकास परिषद चिकित्सालय की टीम में कार्डियक सर्जन डॉ. सौरभ शर्मा, एनेस्थेटिक डॉ. प्रभा खत्री, रेजिडेंट डॉ. गौरव घुनावत समेत परपयुसनिस्ट प्रमोद, सुनील, एवं ओटी सहायक ललित, अर्पित, विजय सागर, नीतीश का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

 

संस्था के मैनेजमेंट ने की सराहना

 

भारत विकास परिषद चिकित्सालय एवं अनुसंधान केन्द्र के संरक्षक श्याम शर्मा, अध्यक्ष अरविन्द गोयल, सचिव डॉ. गिरीश शर्मा, कोषाध्यक्ष राजकुमार गुप्ता ने बताया कि यह ऑपरेशन भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के अन्तर्गत निशुल्क किया गया है। साथ ही अस्पताल में पिछले 8-9 महीनों में 300 से अधिक ओपन हार्ट सर्जरी हो चुकी है। जिसमें बाईपास सर्जरी, वाल्व सर्जरी, बच्चों के दिल मे छेद एवं फेफड़ों के साथ-साथ रक्त धमनियों की भी जटिलतम सर्जरी की गई है । उन्होंने ऑपरेशन में शामिल चिकित्सकों एवं पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि भारत विकास परिषद चिकित्सालय के कार्डियक सर्जन डॉ. सौरभ शर्मा एवं उनकी पूरी टीम ने यह दुर्लभ एवं जटिल ऑपरेशन कर मरीज की जान बचाई है, उससे संस्थान का गौरव बढ़ा है। उन्होंने कहा कि अनुभवी चिकित्सकों द्वारा चिकित्सा के क्षेत्र में नये आयाम स्थापित किये जा रहे हैं, उससे पूरे हाड़ौती संभाग व अन्य जिलों के मरीजों को मैट्रो सिटी जैसा इलाज कोटा में ही उचित दर पर मुहैया हो रहा है। यह भारत विकास परिषद चिकित्सालय एवं अनुसंधान केन्द्र के लिए गौरव की बात है। 


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