जागरूकता से बढ़ सकता है,बूँदी में नैत्रदान का प्रतिशत 

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Published on : 15 Apr, 19 06:04

बूंदी कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने लिया नैत्रदान संकल्प 

जागरूकता से बढ़ सकता है,बूँदी में नैत्रदान का प्रतिशत 

संस्था शाइन इंडिया फाउंडेशन, विगत 8 वर्षों से सम्पूर्ण हाड़ौती संभाग में नैत्रदान-अंगदान-देहदान के जागरूकता के क्षेत्र में कार्य कर रही हैं। संस्था के जागरूकता अभियान से 675 जोड़ी कॉर्निया (पुतली- आँख के ठीक सामने वाले काले भाग के ऊपर स्थित पारदर्शी भाग) से अधिक नेत्रदान सम्पूर्ण कोटा संभाग से प्राप्त हुए है । जिनका निःशुल्क व सफ़ल प्रत्यारोपण प्रदेश के सबसे बड़े सवाई मान सिंह अस्पताल,जयपुर में स्थित आई बैंक के माध्यम से न्यूनतम 500 कॉर्निया अंधता से पीड़ित व्यक्तियों में किया गया है ।

संस्था का प्रयास है की, कोटा क्षेत्र के साथ-साथ बारां, झालावाड़, रामगंजमंडी, भवानीमंडी एवं बूंदी में नैत्रदान के प्रति आमजन में जागरूकता बढ़े,जिससे यह पुनीत कार्य जन-जन तक पहुँच सकें, और जो लोग किसी अंग के अभाव में मौत के करीब आ जाते हैं,उनको फिर से जीवन जीने का और यह सुंदर दुनिया देखने का एक अवसर मिल सकें ।  

संस्था के जागरूकता कार्यक्रमों व नेत्रदान अंगदान के बारें में विस्तार से जानने के बाद बूंदी जिला कलेक्टर श्रीमती रुक्मणि रियार एवं बूंदी पुलिस अधीक्षक श्रीमती ममता गुप्ता ने अपने नेत्रदान के संकल्प पत्र भरे । संस्था सदस्यों ने कलेक्टर महोदया को नैत्रदान-अंगदान के कार्य को,आगामी महीनों में किस तरह बढ़ाया जाएगा,उसकी कार्य प्रणाली के बारें में बताया ।

कलेक्टर महोदया ने नैत्रदानी परिवारों को धन्यवाद करते हुए कहा कि धन्य है, वो शोकाकुल परिवार के सदस्य,जो अपने परिजन की मृत्यु के उपरांत दुःख की घड़ी में भी नैत्रदान जैसा पुनीत कार्य को संपन्न करवाने में अपनी सहमति देते है ।

मानव जीवन यदि दृष्टिहीन हो तो इससे बड़ा दुखः कोई नहीं है। यदि दान से प्राप्त कॉर्निया (पुतली) ऐसे व्यक्तियों में प्रत्यारोपित कर दिया जाए,जिनका कॉर्निया किसी कारणवश खराब हो गया है,तो प्रत्यारोपण के उपरांत उनकी अंधता का निवारण संभव हो सकता है ।

पुलिस अधीक्षक ममता गुप्ता जी ने भी नेत्रदान के विषय में अपने विचार रखते हुए कहा कि,वह स्वयं भी अपना संकल्प पत्र भरकर ,इस नेक कार्य में अपना योगदान देना चाहेंगी । उनको खुशी है कि,उनके जिले में लोग नेत्रदान-अंगदान के प्रति जागरूक हो रहे है,और अभी तक 8 जोड़ी नेत्रदान भी हो गये है ।

कौन कर सकता है : 
किसी भी जाति,धर्म व रक्त ग्रुप के दो वर्ष से अस्सी वर्ष तक कि उम्र के स्त्री,पुरुष के मृत्यु उपरांत 6 से 8 घंटे के अंदर नेत्रदान संभव है ।
हृदय रोगी, बीपी, शुगर, मोतियाबिंद के ऑपरेशन, चश्मे लगे हुए व्यक्ति नेत्रदान कर सकते है । सभी तरह के जहर खाकर किये गए सुसाइड में ले सकते है ।

कौन नहीं कर सकता है :
टीबी, एड्स,टायफाइड, मलेरिया, पीलिया,डेंगू,चिकनगुनिया ,सेप्टीसीमिया व तीन दिन से अधिक वेंटिलेटर पर रहने वाले का नेत्रदान संभव नहीं है । पानी मे डूबकर, जल कर होने वाली मृत्यु में भी संभव नहीं है । सायनाइड जहर के सेवन करने में हुई मृत्यु में नहीं ले सकते है ।

प्रक्रीया : 
दोनों आँखों में से कॉर्निया प्राप्त करने में सिर्फ 10 मिनट का समय लगता है । इस दौरान न तो किसी भी तरह का कोई गड्ढा चेहरे पर होता है,न कोई खून इस दौरान निकलता है । दोनों कॉर्निया को अलग अलग लाल रंग के तरल द्रव्य (एम के मीडियम) में सुरक्षित रख लिया जाता है । जिनका निःशुल्क सफल प्रत्यारोपण 3 दिन के अंदर जयपुर स्थित राजकीय नेत्र बैंक में कर दिया जाता है । इस दौरान नेत्रदाता का रक्त का सेम्पल भी लिया जाता है,जिससे मृत्यु के सही कारणों का पता चल सकें ।

जरूरी सावधानी : 
1. आँखों पूरी तरह से बंद की जाये ।
2. आँखों पर गीली पट्टी ,रुमाल या कपड़ा रखा जाये 
3. नेत्रदान होने तक ,कमरे का पंखा बंद किया जाए ।

कहाँ संपर्क कर सकते है :
नेत्रदान का कार्य सम्पन्न करने में शाइन इंडिया फाउंडेशन की टीम का सहयोग अत्यंत सराहनीय है।  इनकी टीम के सदस्य किसी भी तरह के मौसम की विपरीत परिस्थितियों में,चौबीस घंटे सम्पूर्ण संभाग में नेत्रदान लेने के लिये तैयार रहती है । बूँदी के लिये संस्था द्वारा इदरीस बोहरा जी व आशा नुवाल जी को शहर संयोजक नियुक्त किया गया है,जिनसे 94141-7580570148-52940 व शाइन इंडिया फाउंडेशन कोटा से 8386900101-102 पर सम्पर्क किया जा सकता है । बूँदी जिले में शाइन इंडिया की टीम के सदस्य कोटा से आई बैंक के तकनीशियन के साथ,हमेशा नेत्रदान लेने आने के लिये तैयार है। नेत्रदान लेने आने के लिये किसी भी तरह का शुल्क नहीं लिया जाता है। नेत्रदान की प्रक्रिया घर,अस्पताल व मुक्तिधाम में सिर्फ 10 से 15 मिनट में सम्पन्न की जा सकती है ।

नेत्रदान लेने के बाद नेत्रदाता की आँख पर प्लास्टिक की आँख रख दी जाती है ,जिससे अंतिम दर्शन में ऐसा आभास नहीं होता है कि नेत्रदान भी हुआ है । नेत्रदान-अंगदान-देहदान से सम्बंधित किसी भी विषय पर किसी भी समय पर जानकारी लेने के लिये 8386900102 पर मिसकॉल कर सकते है ।


साभार :


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