पारेवर पंचायत में करोड़ों का फर्जीवाड़ा

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Published on : 15 Apr, 19 04:04

 पारेवर पंचायत में करोड़ों का फर्जीवाड़ा

जैसलमेर । सरकारी तंत्र में अगर अधिकारी एवं कर्मचारी किसी गड़बड़ी को दबाने की ठान ले तो फिर कितने भी सबूत क्यों हो घोटाला सामने आने के बाद भी फाइलों में दफन हो जाता है। अधिकारी दोशियों को बचाने का मंसूबा बना ले तो फिर दोशी एवं दोश सामने होते हुए भी कोई कुछ नहीं कर सकता है। ऐसा ही एक प्रमाण है जिले की पंचायत समिति जैसलमेर की ग्राम पंचायत पारेवर का प्रकाश में आया है। यहां पर खुलेआम विभिन्न सरकारी योजनाओं में घोटाले हुए हैं जिन्हें दबाने की कोशिश की जा रही है। धरातल पर काम हुए भी नहीं और कागजों में काम बताकर करोड़ों की सरकारी धनराशी का भ्रष्टाचार कर लिया गया है। ग्रामीणों ने शिकायत की । ज्ञापन दिया । धरना दिया लेकिन, कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई । जांच के नाम पर खानापूर्ती करके घोटाले पर लीपापोती की गई । लेकिन प्रशासन एवं पंचायतीराज के अधिकारी इस पूरे घोटाले को जिंदा मक्खी की तरह निगल गए और घोटाला करने वाले लोग सिस्टम को ठेंगा दिखा कर घोटाला सामने लाने वालों को का मुंह चिढ़ा रहे हैं।

 

ग्रामीणों की शिकायत

 

ग्रामीणों ने ज्ञापन के मार्फ़त शिकायत की थी कि, ग्राम पंचायत पारेवर में विकास के नाम पर करोड़ों के घोटाले हुए है । सरकार की प्रधानमंत्री ग्राम सडक योजना, ग्रामीण गौरव पथ योजनाओं सहित कई योजनाओं में सरपंच व ग्रामसेवक द्वारा सरकारी राशि उठा ली है, जबकि धरातल पर कोई काम नहीं हुआ है । इस सम्बन्ध में ग्रामवासी धरने पर भी बैठे थे ।

 

पारेवर निवासी सवाईसिंह ने बताया कि, पारेवर पंचायत में विभिन्न सरकारी योजनाओं के अंतर्गत करोड़ों रूपए की राशि का फर्जीवाड़ा हुआ है । करोड़ों के काम धरातल पर नहीं हुए, कागजों में ही खानापूर्ती की गई है । इस बाबत उसने सपर्क पोर्टल पर पारेवर पंचायत में फर्जीवाड़े की शिकायत दर्ज कराई । सूचना के अधिकार में सूचनाएं माँगी लेकिन सूचनाएं नहीं दी गई । कलक्टर, लोकपाल और लोकायुक्त को भी शिकायत की लेकिन इस पर कोई ठोस कार्यवाही न करके एक तयसुदा जांच कर मामले में लीपापोती करते हुए करोड़ों के घोटाले पर पर्दा डाल दिया । सवाईसिंह ने बताया कि] इंटरलोकिंग पूरे ग्राम पंचायत में नहीं है जबकि इसका पैसा उठाया जा चुका है । ग्रामवासी सरकार की ओर से मिलने वाली योजनाओं से वंचित रहे और सरकार की धनराशी भ्रष्ट लोगों तक पहुँच गई ।

 

जांच टीम पर उठे सवालिया निशान

 

पारेवर पंचायत में फर्जीवाड़े की लोकायुक्त को शिकायत पर जिला परिषद की टीम ने पूरे मामले की जांच की गई। अधिकारियों की मंशा मामले को दबाने की थी इसलिए उन्होंने ग्रामीणों की शिकायत के बिन्दुओं पर जांच न करके अपनी मर्जी से कुछ कामों को बता कर खानापूर्ती की गई । शिकायतकर्ता को भी जांच के समय साथ लेना उचित नहीं समझा । फर्जीवाड़े पर लीपापोती की गई । इस तरह से शिकायतकर्ता द्वारा जांच टीम सवालिया निशान उठाना एक हद तक समझ में आ सकता है ।

 

शिकायतकर्ता की मांग

 

शिकायतकर्ता सवाईसिंह ने सोमवार को जिला कलक्टर को प्रार्थना पत्र पेश कर निवेदन किया है कि, प्रार्थी को वर्ष 2009 से 2018 तक लंबित आवेदन के तहत चाही गई सूचनाओं का विवरण उपलब्ध कराया जाय । साथ ही जनहित में मामले की जांच एक निष्पक्ष एजेंसी से कराई जाए । जब तक जांच पूर्ण न हो, तब तक ग्राम पंचायत पारेवर का समस्त रिकार्ड जब्त कर लें&दें पर रोक लगाईं जाए । तथ्यों की मौके पर गुणवत्तापूर्वक जांच कर इस भ्रष्टाचार में लिप्त कार्मिकों के खिलाफ अपराधिक परिवाद दर्ज कर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाए ।  


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