नाटक ’’स्टेट विरूद्ध कालिन्दी पटेल‘‘ के मंचन ने दर्शको का मन मोहा

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Published on : 15 Apr, 19 04:04

नाटक ’’स्टेट विरूद्ध कालिन्दी पटेल‘‘ के  मंचन ने दर्शको का मन मोहा

 उदयपुर|  भारतीय लोक कला मण्डल, उदयपुर में सायं ७.३० बजे नाटक ’’स्टेट विरूद्ध कालिन्दी पटेल,  का मंचन हुआ ।

 संस्था के मानद सचिव दौलत सिंह पोरवाल ने बताया कि भारतीय लोक कला मण्डल  व स्कूल ऑफ मिडिया एण्ड कम्युनिकेषन, मनिपाल विष्वविद्यालय, जयपुर के संयुक्त तत्वावधान में नाट्य संध्या का आयोजन किया गया जिसका मुख्य उद्वेश्य उदयपुर की स्थानीय जनता को नाटको से रूबरू कराने के साथ-साथ रंगकर्मियो को प्रोत्साहन देना है।

संस्था के निदेषक डॉ. लईक हुसैन ने बताया कि नाटक ’’स्टेट विरूद्ध कालिन्दी पटेल, रूस के प्रसिद्ध लेखक अयान रन्द के प्रसिद्ध नाटक द नाईट ऑफ १६ जनवरी का भारतीय रूपांतरण है। जो द्वि भाशीय (अंग्रेजी और हिन्दी) में मंचत हुआ जिसको उदयपुर की जनता ने बहुत पसन्द किया।

भारत के सबसे बडे व्यवसायी, जगराज आनंद की अचानक मृत्यु  के पीछे की कहानी क्या थी ?

दुनिया के लिए , वह एक अत्यन्त ही  सफल अंतर्राष्ट्रीय टाईकून था, एक विशाल वित्तीय साम्राज्य का प्रमुख अपनी सुंदर सचिव- प्रेमिका के लिए, वह अपने मन, आत्मा और शरीर के साथ सेवा करने के लिए एक देवता जैसा नायक था ।

अपनी कुलीन युवा पत्नी के लिए, वह प्रकृति एक मौलिक शक्ति था ।

अपने करोडपति ससुर के लिए, वह एक दानव था जिसकी केवल एक गलती उसे तबाह करने के लिए प्रर्याप्त थी ।

जगराज आनंद किस तरह का आदमी था ? केवल आप या फिर न्यायाधीश ही फैसला कर सकते है ।

एक स्तर पर, ’कालिंदी पटेल अध्े राज्य‘एक शानदार और क्र्रूर व्यक्ति के उदय और विनाश के बारे में मनोरंजक नाटक है । गहरे स्तर पर, यह मानव शक्ति और कमजोरी की दृष्टी से नाटककार का एक शानदार नाटकीय मूर्त रूपांतरण है । इस नाटक ने दुनिया भर में लोकप्रियता और प्रशंसा हासिल की है । नाटक केवल अदालत की कार्यवाही मात्र नहीं है अपितु जीवन के कुछ शाश्वत मूल्यों और प्रतिबद्धता के साथ आधुनिक पूंजीवादी समाज में पैसे कमाने की होड में बिखरते हुए धागों को भी रेखांकित करता है । नाटक का कोई निश्चित अंत प्रस्तुत नहीं होता अपितु दर्शकों की स्वतंत्र जूरी पर छोड दिया जाता है, जिसका अंत दर्शको की उत्सुकता और रोमांच को शिखर तक ले जाता है ।

नाटक में बचाव पक्ष के वकील-चिराग बालानी, सरकारी वकील- अंश त्यागी, जज- रविराज शुक्ल, बेलिफ- तन्मय थरेजा,जटा शंकर- अंकित, हाफिज अली- संस्कार बंसल, हरिकरण सिंह- भाव्ये मल्होत्रा, बदीनाथ चमन- मानन, सनी जोर्ज- आकाश बाहरी, राका रिजवान- भव्य भारद्वाज, मेडिकल जूरिस्ट-आशुतोष मिश्र, कालिंदी पटेल - कृतिका कौशिक, मेखला सिन्हा- सौम्य गोयल, नम्रता वालिया-अनिशा बांटिया, जावंत वालिया- अभिप्रीत, तकनिकी निर्देशक-श्र्रुति धर, मिडिया प्रकाश एवं ध्वनि -प्रियंका चौधरी,डॉ.चन्दन कुमार, प्रस्तुति नियंत्रक डॉ. चन्दनकुमार वेमना तो इस नाटक का निर्देशन किया था प्रसिद्व नाट्य निर्देशक प्रो. रवि चतुर्वेदी ने।

इस नाटक में जूरी में स्थानीय दर्शको को भी आमन्त्रित किया गया। जिसमें मुख्य श्री दौलतसिंह पोरवाल, श्री रियाज तहसीन एवं अन्य थे।

 

 


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