होली मिलन कवि सम्मेलन में बरसे कविता के रंग

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Published on : 20 Mar, 19 06:03

विश्व हिंदी परिषद के क्षेत्रीय राजभाषा सम्मेलन में 9 कलमकारों को राजभाषा सम्मान

होली मिलन कवि सम्मेलन में बरसे कविता के रंग

उदयपुर। हिंदी के प्रचार प्रसार में संलग्न विश्व हिंदी  परिषद नई दिल्ली की ओर से मंगलवार को यहां प्रतापनगर स्थित वैली व्यू होटल, प्रताप नगर में राजभाषा सम्मेलन एवं सम्मान समारोह आयोजित हुआ। इस अवसर पर "हिंदी भाषी समाज की संस्कृति और सामाजिक सरोकार"विषय पर संगोष्ठी एवम होली मिलन कवि सम्मेलन का आयोजन भी हुआ।

कार्यक्रम के अध्यक्ष संघ के शिक्षा संस्कृति प्रकल्प के राष्ट्रीय सचिव अतुल कोठारी ने कहा कि जब तक शासन प्रशासन में अंग्रेजी का वर्चस्व रहेगा टैब तक हम हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं को समुचित सम्मान नही दिला पाएंगे।अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में बच्चो को पढाने की होड़ मची है लेकिन यदि परीक्षा में देश के टॉप 20 बच्चो पर नज़र डालेंगे तो हमे पता चलेगा कि वे बच्चे मातृभाषा माध्यम वाले स्कूलों के विद्यार्थी है। कोठारी ने कहा कि जो व्यक्ति मातृ भाषा ठीक से नही सीखते वे और कोई भाषा ठीक नही सीख सकते।

मुख्य अतिथि महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी  विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एवं वर्तमान में सेवा भारती के अध्यक्ष  प्रो पीके दशोरा ने कहा कि अब हिंदी ने मंदारिन भाषा को भी पीछे छोड़ दिया है क्योंकि हिंदी अब विश्वव्यापी और ग्लोबल भाषा के तौर पर स्थापित हो रही है।

राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी  के पूर्व अध्यक्ष डॉ  देव कोठारी ने आज़ादी के बाद हिंदी के संघर्ष का इतिहास की जानकारी देते हुए आज के परिदृश्य पर गर्व करने की बात कही, उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया में हिंदी अपना लोहा मनवा रही है।

राजस्थान साहित्य अकादमी  के  पूर्व अध्यक्ष डॉ इंदु शेखर तत्तपुरुष ने कहा कि हिंदी की प्रांजलता का जिक्र करते हुए उसके संस्कार और स्वीकार्यता को व्यापकता में रेखांकित किया।

कार्यक्रम में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राजेश कुमार और जयेश जोशी पार्थसारथी शर्मा ने भी विचार वक्त किये।

विश्व हिंदी  परिषद के महासचिव डॉ बिपिन कुमार ने कार्यक्रम के शुरू में परिषद की विश्वव्यापी गतिविधियों के परिचय दिया और कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की।

समारोह में आकाशवाणी के पूर्व केंद्र निदेशक माणिक आर्य, तनिमा पत्रिका की संपादक डॉ शकुंतला सरूपरिया, ख्यातिप्राप्त  व्यंग्यकार डॉ देवेंद्र इंद्रेश वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.ज्योतिपुंज, वरिष्ठ बाल साहित्यकार डॉ विमला भंडारी, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय में पत्रकारिता विभागाध्यक्ष डॉ. कुंजन आचार्य,सूचना एवम जनसम्पर्क उपनिदेशक गौरी कांत शर्मा, पत्रकार भूपेश दाधीच, कवयित्री एवं चित्रकार श्रीमती हंसा रविंद्र को राजभाषा सम्मान से सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम से पूर्व होली मिलन कवि सम्मेलन भी हुआ जिसमे  डॉ ज्योतिपुंज, डॉ कुंजन आचार्य, बृजराज सिंह जगावत, मनमोहन मधुकर, हबीब अनुरागी ने विभिन्न रस की अपनी कविताओं से श्रोताओं को मन्त्र मुग्ध कर दिया। विचार गोष्ठी और कवि सम्मेलन का संचालन शकुंतला सरूपरिया ने किया।


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