“विश्व की प्राचीनतम भाषा संस्कृत एवं ज्ञान-विज्ञान से युक्त वैदिक धर्म के अध्ययन का केन्द्र है गुरुकुल आर्यनगर-हिसार”

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Published on : 19 Mar, 19 06:03

-मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून।

“विश्व की प्राचीनतम भाषा संस्कृत एवं ज्ञान-विज्ञान से युक्त वैदिक धर्म के अध्ययन का केन्द्र है गुरुकुल आर्यनगर-हिसार”

देश में वैदिक परम्पराओं पर आधारित संस्कृत के प्रचार प्रसार के लिये स्थापित शताधिक गुरुकुलों में एक नाम है ‘‘गुरुकुल आर्यनगर, हिसार”। गुरुकुल का डाक पता है आचार्य जी, गुरुकुल आर्यनगर, हिसार-125004 हरयाणा। गुरुकुल से यदि सम्पर्क करना हो तो मोबाईल नं0 9466613413 एवं 9466403222 पर किया जा सकता है। गुरुकुल की ईमेल आईडी है gurukularyananagr@gmail.com एवं वेबसाइट www.gurukularyanagarhisar.org है। गुरुकुल की स्थापना 13 अप्रैल, सन् 1964 को 55 वर्ष पूर्व हुई है। गुरुकुल के संस्थापक स्वतन्त्रता सेनानी स्वामी देवानन्द जी सरस्वती थे जिन्होंने आर्यनगर, हिसार के निवासियों के सहयोग से इस गुरुकुल की स्थापना की। यह गुरुकुल हिसार शहर से लगभग 6 किलोमीटर दूरी पर आर्यनगर (कुरड़ी) ग्राम के समीप बालसमन्द मार्ग के निकट एक नहर के किनारे ऊंचे रमणीक स्थान पर स्थित है। श्री रामस्वरूप शास्त्री गुरुकुल के संस्थापक आचार्य थे। गुरुकुल का संचालन एक 21 सदस्यीय प्रबन्धक समिति सभा द्वारा किया जाता है। गुरुकुल गतिशील है और अपने सीमित साधनों के अनुरूप अच्छे परिणाम प्राप्त कर रहा है। गुरुकुल पाठ्यक्रम एवं परीक्षाओं की दृष्टि से गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार से सम्बद्ध है। गुरुकुल इसी विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त भी है।

 

                गुरुकुल के निम्न उद्देश्य हैं जिनकी पूर्ति में गुरुकुल संलग्न हैः

 

1-  वैदिक संस्कृति तथा सभ्यता की रक्षा करना।

2-  संस्कृत भाषा का प्रचार तथा प्रसार करना।

3-  प्राचीन वैदिक पाठ्य प्रणाली का पुनरुत्थान करना।

4-  वर्णाश्रम की मर्यादाओं के अनुसार जीवन व्यतीत करना।

5-  वैदिक सिद्धान्तों का ज्ञान करवाना।

6-  समाज की कुरीतियों को दूर करना।

7-  स्वस्थ एवं सुचारित्रिक मानव निर्माण के द्वारा राष्ट्र का निर्माण करना।

 

                वर्तमान समय में इस गुरुकुल में 125 विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं। गुरुकुल के परिसर का क्षेत्रफल 17.5 एकड़ है। इस गुरुकुल की स्थापना में आर्यनगर के नम्बरदार स्व0 लाला केशर दास जी बत्रा का महत्वपूर्ण योगदान है। आपने गुरुकुल की स्थापना से पूर्व लगभग 1.5 एकड़ भूमि प्रदान की थी। इस भूमि पर इस समय 58 कमरे बने हुए हैं। इन कमरों के अतिरिक्त 56’X32’ वर्ग फीट क्षेत्रफल का एक विशाल सभागार है। एक बड़ा पुस्तकालय, एक विशाल गौशाला भवन तथा एक जल संग्रह भण्डार भी है। गुरुकुल के मध्य में एक भव्य यज्ञशाला बनी हुई है। गुरुकुल के चारों ओर 10 फुट ऊंची चार-दीवारी है। चालीस शौचालय भी गुरुकुल में उपलब्ध हैं। गुरुकुल की लगभग 16.5 एकड़ भूमि में खेल के बड़े मैदान एवं गौशाला है तथा शेष भूमि में कृषि कार्य किया जाता है। स्वच्छता पर गुरुकुल के आचार्य एवं ब्रह्मचारी विशेष ध्यान देते हैं। ‘बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं’ को सफल करने में गुरुकुल आर्यनगर हिसार अपनी ओर से प्रयासरत है।

 

                उपलब्धि की दृष्टि से गुरुकुल के स्नातकों ने देश भर में अनेक क्षेत्रों में उच्च पदों पर सेवा करके गुरुकुल के शिक्षण एवं गरिमा को बढ़ाया है। गुरुकुल के प्राचार्य जी का दूरभाष नं0 9467774849 तथा मंत्री जी का 09416122556 है। हम गुरुकुल को अपनी ओर से शुभकामनायें देते हैं। ओ३म् शम्।

-मनमोहन कुमार आर्य

पताः 196 चुक्खूवाला-2

देहरादून-248001

फोनः09412985121

 


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