न्यूजीलैंड में दो मस्जिदों में हुई गोलीबारी

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Published on : 18 Mar, 19 04:03

न्यूजीलैंड में दो मस्जिदों में हुई गोलीबारी
अजमेर  । सूफी संत हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिशती के  आध्यात्मिक प्रमुख व वंशज एवं वंशानुगत  सज्जदानशीन दीवान सैयद् जैनुल  अबेदीन ने न्यूजीलैंड में दो मस्जिदों में हुई गोलीबारी की घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए रविवार  को  कहा कि यह मानवता के खिलाफ अपराध है दुनिया को अब यह समझना होगा कि अगर  मुस्लिम ही आतंकवादी होते तो आज ये नही देखने को मिलता, इस से कम से कम लोगों को ये तो समझ में आजाएगा की आतंकवाद का कोई धर्म नही होता.
 
रविवार को दरगाह दीवान ने बयान जारी कर कहा की इस हमले के बाद यूरोपीय और पश्चिमी देशो में इस्लाम को लेकर शत्रुता का माहौल व्यक्तिगत उत्पीड़न की सीमाओं से नरसंहार के स्तर तक पहुंच गया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर तत्काल कदम नहीं उठाये जाते तो ऐसी अन्य विपदाओं की खबर आएगी। मैं दुनिया से ,खासकर पश्चिमी देशों का  आह्वान कर रहा हूं कि तत्काल कदम उठाये जाएं।’
 
उनहो ने कहा कि न्यूजीलैंड में जो हुआ है वो मानवता के खिलाफ अपराध है। यह इसका घोतक है कि घृणा से हर स्तर पर निपटा जाना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि वह पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करते हैं और इस हमले में जो लोग मरे है उनकी मग़फ़िरत की दुआ करते है ।
 
 
दरगाह दीवान ने कहा कि न्यूजीलैंड में क्राइस्टचर्च की दो मस्जिदों में शुक्रवार को हुई गोलीबारी में कम से कम 49 लोगों की मौत हो गई और 20 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए इस से यह साबित होता है की आतंकवाद दुनिया के लिए नासूर बनता जा रहा है. इस तरह की घटनाएं मानवता के खिलाफ युद्ध जैसी नज़र आती है. ऐसी ही एक निर्मम घटना की सूचना शुक्रवार को न्यूज़ीलैंड से आई, जहां आतंकी हमले में 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. ये घटना एक बार फिर से दुनिया को सोचने पर मजबूर करती है कि आतंक के खिलाफ लड़ाई कैसी होनी चाहिए और इस से निपटने के लिये वैश्विक स्थर पर  कड़े क़दम उठाने होगे।
 
 
उन्हो ने कहा की आज हर यूरोपीय देश और पश्चिमी देश  में इस्लाम और मुसलमानो के प्रति घृणा का माहोल है जो की समाज के लिय बहोत घातक है दुनिया को यह समझना होगा की आतंक का और आतंकवाद का कोई धर्म नही होता जो इस हमले से साबित हो गया है हमें मिल कर समाज की इस बुराई को जड़ से ख़त्म करना होगा सारी दुनिया के देशो को आतंकवाद के ख़िलाफ़ एक प्लेटफ़ार्म पर आकर बात करने की अति अवय्श्क्ता है ।यदि आतंकवाद का आकलन धर्म पर  होता रहेगा तो एसी घटनाए और होती रहेंगी जिस को रोका जाना ज़रूरी है ।
 
अंत में दरगाह दीवान ने भारत सरकार से भी आतंकवाद के ख़िलाफ़ कड़े क़दम उठाने की माँग की और विदेशो में रहने वाले भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की माँग की ।उनहोने कहा की भारत में इस प्रकार की घटना ना हो उस के लिय सरकार को मस्जिदों और दरगाहों में कड़ी सुरक्षा और निगरानी रखनी चाहीय ।

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