बहनें, बसंत, बांसुरी और कृष्ण से निखरा बसंत

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Published on : 18 Mar, 19 04:03

बहनें, बसंत, बांसुरी और कृष्ण से निखरा बसंत

उदयपुर । पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से आयोजित तीन दिवसीय ’’ऋतु वसंत‘‘ के दूसरे दिन फ्ल्यूट सिस्टर्स ने अपनी फूंक से बसंत और भगवान श्री कृष्ण का ऐसा तारतम्य स्थापित किया कि श्रोता बसंत रंग में डूब से गये।

शिल्पग्राम के मुक्ताकाशी रंगमंच ’’कलांगन‘‘ पर आयोजित दूसरी शाम फ्ल्यूट सिस्टर्स के नाम से ख्याति अर्जित करने वाली देबोप्रिया चटर्जी और शुचिस्मिता चटर्जी ने अपने युगल बांसुरी वादन से बसंत बहार का अनोखा रंग जमाया। बनारस में जन्मी तथा पट्टगुरू पं हरिप्रसाद चौरासिया की शिष्याओं ने अपने वादन की शुरूआत राग यमन से की। सांध्यकाल की वेला में बजाये व गाये जाने वाले इस राग में दोनों बहनों ने स्वर माधुर्य के साथ-साथ अपने श्रेष्ठ सामंजस्य का प्रदर्शन सुरीले ढंग से किया। अरावली की वादियों के शांत वातावरण में बांसुरी की तान ने कानों में एक विस्मरणीय रस सा घोल दिया।

अपने गुरू के साथ पूर्व में उदयपुर आ चुकी बहनों ने इस आयोजन के लिये एक विशेष प्रस्तुति शनिवार को पहली बार शिल्पग्राम के रंगमंच पर प्रस्तुत की। जिसमें देवबोप्रिया और शुचिस्मिता ने राधा कृष्ण की कथा को बांसुरी के माध्यम से अनूठे अंदाज में प्रस्तुत किया। प्रस्तुति की खासियत यह थी कि वादन में राधा कृष्ण के मिलन के सुख की अनुभूति, कृष्ण से बिछोह का दुःख तथा विरह वेदना के साथ मिलन की कथा को बांसुरी के सुरों से भावन रूप में प्रस्तुत कर प्रस्तुति को रोचक और संगीत मय बनाया। रचना में दर्शकों को बांसुरी से नव रस के समस्त रस सुनने और उसकी अनुभूति करने का अवसर मिल सका। फ्ल्यूट सिस्टर्स के साथ की बोर्ड पर प्रसिद्ध संगीतकार पं. दीपक ने पियानों से मधुर स्वर लहरियों से आनंदित कर दिया वहीं तबले पर प्रसिद्ध तबला नवाज पं. कालीचरण मिश्रा ने संगत की।

इससे पूर्व प्रसिद्ध गजलकार डॉ. प्रेम भण्डारी, एन.सी.सी. के कमांडर विनोद कुमार तथा फ्ल्यूट सिस्टर्स देबोप्रिया एवं शुचिस्मिता ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरूआत की। कार्यक्रम का संयोजन दुर्गेश चांदवानी द्वारा किया गया।

’’ऋतु वसंत‘‘ के तीन दिवसीय आयोजन के तीसरे और अंतिम दिन रविवार को  पुणे की नीश एनटरटेनमेन्ट द्वारा ’’अचल स्वर...पंचम‘‘ की विशेष प्रस्तुति दी जावेगी जिसमें प्रख्यात संगीतकार और पंचम याने राहुलदेव बर्मन के कृतित्व को अनूठे अंदाज में दर्शाया जायेगा।

 


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